एक्सप्लोरर

Raaj Ki Baat: पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए बनी रणनीति, 'मोदी' जैसा अक्श खड़ा करने की कोशिश में लगा विपक्ष

Raaj Ki Baat: राज की बात ये है कि केंद्र की सत्ता के सामने मज़बूत विकल्प के तौर पर अपने कृतित्व और व्यक्तित्व को मोदी ने गुजरात का सीएम रहते खड़ा किया कि जनता को उनमें पीएम मेटेरियल दिखा.

Raaj Ki Baat: सियासत का सबसे बड़ा फ़लसफ़ा से है कि यहां कुछ भी स्थायी नहीं होता. इसके साथ ही दूसरा सच ये है कि सियासत में कोई फ़ार्मूला पुराना या हमेशा अप्रासंगिक भी नहीं होता. राज की बात में सियासत के इस सच से कराएंगे आपको रुबरू कि कैसे पीएम मोदी के सामने पुराने मोदी यानी गुजरात के सीएम वाले मोदी जैसा अक्श खड़ा करने की कोशिश हो रही है. मतलब नए मोदी के सामने पुराने मोदी वाली रणनीति और फ़ार्मूले के साथ किरदार खड़ा किया जा रहा है.

राज की बात ये है कि तब केंद्र की सत्ता के सामने राजनीतिक लोगों को भी तत्कालीन सत्ता पक्ष को परास्त करने के लिए मोदी में ही दम दिखा. अब मोदी सरकार के जब सात साल हो रहे हैं तो केंद्र के सामने पुराने मोदी जैसा ही किरदार खड़ा करने की पटकथा ज़मीन पर उतारे जाने की कोशिश हो रही है. सत्ता पक्ष के सामने ये इस पटकथा का चेहरा कोई नायक नहीं बल्कि नायिका है. जी ठीक समझें आप पश्चिम बंगाल में जीत की हैट्रिक के साथ राष्ट्रीय फलक पर अपना क़द बढ़ाने की कोशिश में जुटे इस चेहरे का नाम है ममता बनर्जी.

राज की बात ये है कि ममता ने बेहद सुविचारित तरीक़े से पश्चिम बंगाल के मुद्दों को लेकर की अपनी राजनीति के कैनवास को बड़ा करना शुरू किया है. ठीक वैसे की जैसे गुजरात के सीएम रहते पीएम मोदी करते थे. तो दीदी ने पीएम मोदी को पुराने मोदी के फ़ार्मूले से ही घेरना शुरू किया है. विकास के धनुष पर अपने सियासी तीरों के तरकश से एक-एक कर वो तीर दिल्ली आकर सीधे सत्ता पर निशाना साध रहीं हैं.

याद करिये वो मनमोहन सिंह की सरकार. 2007 का गुजरात का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद वाले मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को. ख़ासतौर से मोदी जब दिल्ली आएं हों तो उनके तेवर, कलेवर और अंदाज. केंद्र पर तंज भरपूर, लेकिन अदा में रंज क रंचमात्र भी नहीं. गुजरात में विकास परियोजनाओं के लिए लगातार केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से निरंतर संवाद. साथ ही राज्य के लिये ज़्यादा से ज़्यादा योजनाएं लाने के लिए प्रस्तावों की भरमार वाले होमवर्क के साथ वो आते थे. होमवर्क इतना पक्का कि मंत्रालय भी मदद करते थे. केंद्र की योजनाओं का इतना बेहतर सदुपयोग कि तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार को भी मानना पडा कि योजनाओं का सबसे बेहतर क्रियान्वयन गुजरात कर रहा है.

इतना ही नहीं मोदी चाहे योजना आयोग की बैठक में आएं या फिर आंतरिक सुरक्षा को लेकर सभी सीएम की बैठक हो या राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में शिरकत करें, मीडिया की सुर्ख़ियों में वो ज़रूर होते. विकास की मज़बूत इमारत से वो ऐसे राजनीतिक तीर चलाते कि तत्कालीन यूपीए सरकार को उस पर सफ़ाई देनी पड़ती या फिर उस मुद्दे पर आना पड़ता. आमतौर पर दिल्ली में होने वाले हर सरकारी कार्यक्रम में मनमोहन सरकार के ख़िलाफ़ विपक्षी मुख्यमंत्रियों का नेतृत्व या आवाज़ अघोषित रूप से मोदी बन जाते.

विकास का परचम, देश की सुरक्षा, ख़स्ता अर्थव्यवस्था और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का परचम हाथ में लेकर मोदी ने तत्कालीन सरकार को बैकफ़ुट पर धकेल कर रखा. अब मोदी के इसी मॉडल को हाथ में लेकर ममता ने दिल्ली का अपना लंबा दौरा किया है. बीजेपी या मोदी विरोधी सियासत का नाभिक बनने के लिए उन्होंने पुराने मोदी का माडल ही पकड़ा है. कैसे? ये समझने के लिए ममता के कुछ बयानों और पीएम समेत केंद्र के तमाम मंत्रियों के साथ उनकी मुलाक़ातों की क्रोनोलाजी समझने की कोशिश कीजिए.

मोदी और बीजेपी को कड़ा प्रतिउत्तर तो ममता लगातार दे ही रही हैं. उनके राजनीतिक प्रहार पूरी शिद्दत से बीजेपी पर चल रहे हैं. मगर दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान ममता की कोशिश खुद को विकास को लेकर आतुर राजनेता के तौर पर पेश करने की थी. पश्चिम बंगाल के लिए उन्होंने पीएम व उनकी कैबिनेट से मुंह फाड़कर मांगा. राज्य के लिए ज़्यादा टीके पीएम से मांगे तो उनके मंत्रियों से ताजपुर डीप शी पोर्ट की मांग कर औद्योगिक विकास के लिए तत्पर नेता के तौर पर खुद को पेश किया. ममता ये योजना लाकर सिंगुर और नंदीग्राम से बनी उद्योग विरोधी छवि को धोने की कोशिश तो की ही, लेकिन साथ ही ये भी सुनिश्चित कर दिया कि यदि ये नहीं मिला तो केंद्र पर विकास विरोधी होने का ठप्पा मढ़ा जाएगा.

जैसे मोदी गुजरात के लिए योजनाओं की पैरवी करते थे, वैसे ही ममता ने राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी से राज्य के लिए ज़्यादा से ज़्यादा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कें मांगी. इतना ही नहीं तीन मुल्कों बांग्लादेश, भूटान, नेपाल जैसे बंगाल के सीमावर्ती राज्यों में सड़कों के जाल के लिए मदद मांगी इलेक्ट्रिक बसों को बनाने के लिए कारख़ाना मांगा और तर्क दिया कि जगह, परिवहन व्यवस्था उनके राज्य में हैं और श्रमिक भी सस्ते हैं. इसके साथ ही ममता ने विपक्ष के नेताओं से मुलाक़ात कर भविष्य के राजनीतिक विकल्पों को भी आकार देने की दिशा में कदम बढ़ाये.

राज की बात ये देखने वाली है कि ममता विकास की बात राज्य के लिए कर रहीं हैं. विपक्षी एकता को भी मज़बूत करने में लगी हैं. मगर खुद को बड़ी नेता के रूप में सीधे पेश न कर विपक्षी दलों के बीच अपना आकार भी बढ़ा रही हैं. मोदी के ख़िलाफ़ मुख्य आवाज़ भी बन रहीं हैं, ठीक पुराने मोदी की तरह. मगर इस राजनीतिक क़वायद और समीकरणों से पहले एक बात ज़रूर है कि मोदी ने गुजरात के सीएम रहते हुए खुद को आधुनिक विकास माडल के प्रणेता के रूप में खुद को पेश किया था. गुजरात समृद्ध राज्य भी था, लेकिन बंगाल इस पैमाने पर पिछड़ा हुआ है.

मोदी विरोधी चेहरे के रूप में ममता विपक्ष में फ़िलहाल सबसे बड़ी दिखती हैं. इसके बावजूद विकास के पैमाने पर मोदी जैसा अतीत उनका नहीं. ये वो समझ रहीं हैं इसीलिये बात विकास की और उस पर ही जोर दे रहीं हैं. योजना आई तो फ़ायदा पश्चिम बंगाल का और नहीं मिली तो सियासी युद्ध ममता का, जिसमें वो महारथी हैं. मोदी को पुराने मोदी के माडल से घेर बिना किसी ऐलान के खुद को विपक्ष का नेता घोषित करने का ममता का दांव कितना सटीक बैठता है ये देखना वाक़ई दिलचस्प होगा.

Raaj Ki Baat: मेडिकल की परीक्षा में पिछड़ों को आरक्षण, क्या बीजेपी का ये मास्टर स्ट्रोक है

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'आगे भी 3 बार प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी', वाराणसी में गंगा पूजन कराने वाले पंडितों की भविष्यवाणी
'आगे भी 3 बार प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी', वाराणसी में गंगा पूजन कराने वाले पंडितों की भविष्यवाणी
'मुझे लगता है कि...', विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया PoK में क्यों हो रहे हिंसक प्रदर्शन
'मुझे लगता है कि...', विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया PoK में क्यों हो रहे हिंसक प्रदर्शन
Mahindra XUV 3XO Bookings: महिंद्रा XUV 3XO के खरीदार हो जाएं तैयार, आज से शुरू हो रही गाड़ी की बुकिंग
महिंद्रा XUV 3XO की बुकिंग हुई शुरू, कैसे खरीदें ये नई कार, यहां जानें
सांसद नवनीत राणा के घर चोरी, पुलिस ने नौकर के खिलाफ दर्ज की FIR
सांसद नवनीत राणा के घर चोरी, पुलिस ने नौकर के खिलाफ दर्ज की FIR
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Kolihan Mine Lift Collapses: लिफ्ट की रस्सी टूटने की वजह से खदान में 14 लोग फंसे, बचाव अभियान शुरूBhagya Ki Baat 15 May 2024: क्या कहते हैं आपके भाग्य के सितारे? जानिए अपना आज का राशिफलLoksabha Election 2024: वाराणसी में पिछले 10 सालों में कितना हुआ विकास, जनता ने दी अपनी रायLok Sabha Election: UP में बीजेपी को राहत, Dhananjay Singh का मिला समर्थन |

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'आगे भी 3 बार प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी', वाराणसी में गंगा पूजन कराने वाले पंडितों की भविष्यवाणी
'आगे भी 3 बार प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी', वाराणसी में गंगा पूजन कराने वाले पंडितों की भविष्यवाणी
'मुझे लगता है कि...', विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया PoK में क्यों हो रहे हिंसक प्रदर्शन
'मुझे लगता है कि...', विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया PoK में क्यों हो रहे हिंसक प्रदर्शन
Mahindra XUV 3XO Bookings: महिंद्रा XUV 3XO के खरीदार हो जाएं तैयार, आज से शुरू हो रही गाड़ी की बुकिंग
महिंद्रा XUV 3XO की बुकिंग हुई शुरू, कैसे खरीदें ये नई कार, यहां जानें
सांसद नवनीत राणा के घर चोरी, पुलिस ने नौकर के खिलाफ दर्ज की FIR
सांसद नवनीत राणा के घर चोरी, पुलिस ने नौकर के खिलाफ दर्ज की FIR
सास के लिए Dipika Kakar की आंखों में आए आंसू, ट्रोल्स पर भड़कीं एक्ट्रेस , बोलीं- 'मां को जज मत करो'
सास के लिए दीपिका कक्कड़ की आंखों में आए आंसू, बोलीं- मां को जज मत करो
Weight Loss: मखाने का इस तरह से करें इस्तेमाल, हफ्तेभर में कम होने लगेगी चर्बी
मखाने का इस तरह से करें इस्तेमाल, हफ्तेभर में कम होने लगेगी चर्बी
'गिरफ्तारी अवैध', सुप्रीम कोर्ट ने UAPA केस में News Click के एडिटर को रिहा करने के दिए आदेश
'गिरफ्तारी अवैध', SC ने UAPA केस में News Click के एडिटर को रिहा करने के दिए आदेश
POK Protest: 'ये आजाद कश्मीर नहीं पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर है' PoK में कश्मीरियों ने शहबाज शरीफ को दी धमकी
'ये आजाद कश्मीर नहीं पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर है' PoK में कश्मीरियों ने शहबाज शरीफ को दी धमकी
Embed widget