![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
सामने आए अनिल देशमुख के 15 फरवरी को चार्टर्ड प्लेन से मुंबई आने के सबूत, शरद पवार ने किया था अस्पताल में होने का दावा
महाराष्ट्र की सियासत में आए भूचाल के बाद शरद पवार ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख 15 फरवरी तक कोरोना के कारण अस्पताल में थे. इसके बाद वे बाद वह होम आइसोलेशन में चले गए लिहाजा उन पर लगे आरोप पूरी तरह गलत हैं.
![सामने आए अनिल देशमुख के 15 फरवरी को चार्टर्ड प्लेन से मुंबई आने के सबूत, शरद पवार ने किया था अस्पताल में होने का दावा questions raised on sharad pawar claims about anil deshmukh, chartered flight document shows travel from nagpur to mumbai on 15 feb सामने आए अनिल देशमुख के 15 फरवरी को चार्टर्ड प्लेन से मुंबई आने के सबूत, शरद पवार ने किया था अस्पताल में होने का दावा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/03/23130547/anil-deshmukh_sharad-pawar.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मुंबई: सोमवार को महाराष्ट्र की सियासत में इस कदर भूचाल मचा रहा कि शरद पवार को मोर्चा संभालना पड़ा. लेकिन अनिल देशमुख पर ऐसा खुलासा हुआ है जिससे पूरी महाराष्ट्र सरकार का हिलना तय है. सचिन वाजे से मुलाकात को लेकर गृहमंत्री देशमुख और शरद पवार के इनकार पर सवाल खड़े हो गए हैं. दरअसल शरद पवार ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि देशमुख 15 फरवरी तक कोरोना के कारण अस्पताल में थे. इसके बाद वे बाद वह होम आइसोलेशन में चले गए.
पवार ने कहा कि देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के सिंह के आरोप उस अवधि से संबंधित हैं, जब वह अस्पताल में भर्ती थे और इसलिए उनके (गृहमंत्री के) इस्तीफे का सवाल ही नहीं पैदा होता है. पवार ने दो दिनों में दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''हमें सूचना मिली है कि देशमुख उस समय नागपुर में अस्पताल में भर्ती थे. आरोप उसी समय से संबंधित हैं, जब वह अस्पताल में भर्ती थे. अस्पताल का प्रमाणपत्र भी है.''
पवार के डिफेंस पर सवाल? देशमुख के डिफेंस में उतरे शरद पवार के दावे पर एक दस्तावेज ने सवाल खड़े कर दिए हैं. इस कागज के मुताबिक अनिल देशमुख 15 फरवरी को नागपुर से प्राइवेट जेट से मुंबई आए थे, विमान में देशमुख को मिलाकर कुल 8 यात्री थे. इस दस्तावेज के सामने आने से पहले अनिल देशमुख ने बाकायदा हिन्दी में अपना बयान जारी कर के भी यही दावा किया था कि वो नागपुर में होम आइसोलेशन में थे.
देशमुख ने कहा, ''मैं 5 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक एडमिट था, 15 फरवरी को मैं डिस्चार्ज हुआ था तब मैं अस्पताल से घर जाने के लिए नीचे आया और अस्पताल के गेट के ऊपर काफी पत्रकार वहां खड़े थे. उनको मुझसे कुछ सवाल पूछना था, कोविड की वजह से मुझे कमजोरी थी. उसकी वजह से मैं वहीं कुर्सी पर बैठकर सवालों का जवाब देकर गाड़ी में बैठकर होम क्वारंटीन 27 फरवरी तक हो गया. 28 फरवरी को मैं पहली बार घर के बाहर निकला.''
देशमुख पर लगे हैं वाजे के जरिए 100 करोड़ की वसूली के आरोप आरोप और प्रत्यारोप की इस लड़ाई में मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोप उद्धव सरकार के खिलाफ दिख रहे हैं. परमबीर का आरोप है कि देशमुख और वाजे फरवरी के मध्य में मिले थे. मध्य मतलब 15 फरवरी जब देशमुख डिस्चार्ज हो चुके थे. परमबीर का दावा है कि एक मुलाकात फरवरी के आखिर में भी हुई थी. मतलब जब देशमुख के होम आइसोलेशन की मियाद खत्म होती है. परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद धमाके ने महाराष्ट्र की सियासत को हिला कर रख दिया है.
यह भी पढ़ें-
Coronavirus: यूपी में 24 मार्च से 31 मार्च तक स्कूल बंद, योगी बोले- त्योहारों को लेकर बरतें सतर्कता
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)