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अकाल तख्त ने लॉन्च किया बाढ़ राहत वेब पोर्टल, केंद्र सरकार से कर दी ये मांग

पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को व्यवस्थित, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने एक वेब पोर्टल का शुभारंभ किया है.

श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने शुक्रवार (19 सितंबर, 2025) को सचिवालय श्री अकाल तख्त साहिब में एक नए वेब पोर्टल http://sarkarekhalsa.org/ का शुभारंभ किया. यह पोर्टल विशेष रूप से पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को व्यवस्थित, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए बनाया गया है. 

जत्थेदार ने कहा कि सिख पंथ की नींव गुरु नानक देव जी और गुरु गोविंद सिंह जी के सिद्धांतों पर टिकी है, जो हमेशा 'नानक नाम चढ़दी कला, तेरे भाने सरबत दा भला' की शिक्षा देते हैं. सिखों और सिख संस्थाओं ने हर त्रासदी में मानवता की सेवा में योगदान दिया है. पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ के दौरान भी सिख संस्थाओं ने बड़े पैमाने पर राहत सेवाएं शुरू की हैं.

बैठक में विभिन्न सिख संस्थाओं ने लिया भाग

13 सितंबर को श्री अकाल तख्त साहिब की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभिन्न सिख संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. उन्होंने सुझाव दिया कि बाढ़ राहत के लिए एक केंद्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाए, ताकि राहत सेवाओं के दोहराव से बचा जा सके और बाढ़ प्रभावित लोगों की वास्तविक जरूरतें पूरी की जा सकें. शुक्रवार को लॉन्च किया गया पोर्टल उसी निर्णय का एक परिणाम है. 

इसके माध्यम से बाढ़ प्रभावित परिवार अपनी जरूरतें दर्ज करा सकेंगे, जबकि संस्थाएं और गैर सरकारी संगठन अपनी चल रही सेवाओं की जानकारी अपलोड करेंगे. पोर्टल में 6 मुख्य श्रेणियां हैं, कृषि सहायता, घर का पुनर्निर्माण, पशुयों की सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा सेवाएं और अन्य सामाजिक सहायता. ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म से पारदर्शिता बनी रहेगी. 

परिवार या गांव को मिलेगी सहायता

उन्होंने कहा कि जहां भी कोई संस्था सेवा प्रदान कर रही है, उसका डेटा सामने आ जाएगा, जिससे किसी भी परिवार या गांव को दो या तीन बार सहायता मिलने की संभावना नहीं रहेगी. इससे पवित्र दान का उचित उपयोग सुनिश्चित होगा. कोई भी व्यक्ति चाहे वह व्यक्ति हो या संस्था, अपनी इच्छा से पोर्टल पर पंजीकरण करा सकता है. किसी प्रकार का दबाव या प्रतिबंध नहीं होगा. 

उन्होंने कहा कि यह पोर्टल मीरी-पीरी के सिद्धांत पर आधारित है, जहां भक्ति और शक्ति दोनों मिलकर मानवता की सेवा करते हैं. आज लॉन्च किया गया यह पोर्टल न केवल बाढ़ पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करेगा, बल्कि भविष्य के लिए सिख सेवा का एक पारदर्शी और सुव्यवस्थित मॉडल बनकर भी सामने आएगा.

'सिखों को पाकिस्तान जाने दें' 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से सिखों के विवाह रजिस्टर्ड आनंद मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड करने के लिए राज्यों को दिए आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह अच्छा फैसला है. सिख एक अलग धर्म है और सिखों के संस्कार बाकी धर्मों से अलग हैं.

सिख जत्थे को पाकिस्तान जाने की अनुमति न देने पर उन्होंने कहा कि सभी सिख संस्थाएं कोशिश कर रही है कि सिख जत्था गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाने के लिए जाए. 1947 के बाद लगातार जत्थे जाते रहे हैं और अब भी जाना चाहिए, क्योंकि सिखों की भावनाएं गुरु नानक साहिब के जन्म स्थान के साथ जुड़ी हुई हैं. सरकार को अपने फैंसले पर दोबारा पुनर्विचार करना चाहिए. 

दुष्कर्म करने वालों को मिसाल पैदा करने वाली सजा

उन्होंने कहा कि जिस भावना से भारत मैच खेल रहा है, उसी भावना के साथ सिख जत्थे को भी पाकिस्तान जाने की अनुमति मिलनी चाहिए. इंग्लैंड में सिख लड़की के साथ रेप होने की घटना पर उन्होंने कहा कि आज के युग में ऐसी घटना को अंजाम देने वाले को मिसाल पैदा करने वाली सजा दी जानी चाहिए, ताकि कोई दोबारा ऐसी घिनौनी हरकत न कर सके.

रिपोर्ट- गगनदीप सिंह

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