प्रियंका गांधी ने बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से की मुलाकात, कहा- मोदी सरकार में हर कोई परेशान
Priyanka Gandhi Meets Sakshi Malik: बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनने के विरोध में पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट उतर आए हैं.
Priyanka Gandhi Meets Bajrang Punia: बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का अध्यक्ष चुने जाने को लेकर विवाद जारी है. इस बीच सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वालों में मुख्य चेहरा रहे पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से प्रियंका गांधी ने मुलाकात की. प्रियंका गांधी ने मुलाकात के बाद कहा कि मैं एक महिला होने के नाते आईं हूं.
टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष संजय सिंह बनने के विरोध में शुक्रवार (22 दिसंबर) को अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया. उन्होंने इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला लेटर लिखा है.
मोदी सरकार में अत्याचार झेल रहे देश के होनहार पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया से मिलने श्रीमती @priyankagandhi जी उनके घर पहुंची।
— Congress (@INCIndia) December 22, 2023
मोदी सरकार के तानाशाही रवैये से देश का हर वर्ग परेशान है। pic.twitter.com/9EDTvVagEx
वहीं साक्षी मलिक ने मामले को लेकर गुरुवार (21 दिसंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुश्ती से सन्यांस लेने का ऐलान किया. इसके अलावा विनेश फोगाट ने कवित शेयर करते हुए लिखा कि वरदान मांगूंगा नहीं. फोगाट ने पूनिया का लेटर शेयर करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि अभी किसी खिलाड़ी के मरने पर रोने का इंतजार करना.
बजरंग पूनिया ने क्या कहा?
पीएम मोदी को लिखे लेटर में बजरंग पूनिया ने लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे. आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे. आपकी इस व्यस्तता के बीच आपका ध्यान देश की कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं. ’’
उन्होंने लिखा, ‘‘आपको पता होगा कि इस साल जनवरी में महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगायो थे।ृ. मैं भी उनके आंदोलन में शामिल हो गया था. सरकार ने जब ठोस कार्रवाई की बात की तो आंदोलन रूक गया था. ’’
अपनी निराशा व्यक्त करते हुए इस पहलवान ने लिखा, ‘‘लेकिन तीन महीने तक बृजभूषण के खिलाफ कोई एफआई दर्ज नहीं की गयी. हम अप्रैल में फिर सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने लगे ताकि पुलिस कम से कम उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे.’’
पूनिया ने लिखा, ‘‘जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल आते आते सात रह गयी. यानी इन तीन महीानों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया. ’’
जब पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और संजय सिंह के चुनाव के विरोध में अपना पत्र सौंपने के लिए संसद पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया.
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
पूनिया को जब दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने रोका तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मेरे पास कोई अनुमति नहीं है. अगर आप इस पत्र को प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं तो ऐसा कर दीजिये क्योंकि मैं अंदर नहीं जा सकता. मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं.’’
साक्षी मलिक ने क्या कहा?
साक्षी मलिक ने कहा, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी लेकिन बृजभूषण जैसा आदमी, उसका बिजनेस साझीदार और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं. आज के बाद आप मुझे मैट पर नहीं देखोगे.’’
बता दें कि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कहा कि पद्मश्री लौटाना बजरंग पूनिया का निजी फैसला है.
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