तीन साल पहले ही रोका जा सकता था पीएनबी घोटाला, इस शख्स ने PMO को लिखी थी चिट्ठी
11 हजार 500 करोड़ का घोटाला रोका जा सकता था, अगर तीन साल पहले जांच शुरू हो गई होती. वैभव खुरानिया वो व्यक्ति हैं जिन्होंने 3 साल पहले घोटाले को भांप लिया था.

नई दिल्ली: 11 हजार 500 करोड़ का घोटाला रोका जा सकता था, अगर तीन साल पहले जांच शुरू हो गई होती. वैभव खुरानिया वो व्यक्ति हैं जिन्होंने 3 साल पहले घोटाले को भांप लिया था. पीएमओ को चिट्टी लिखकर बता दिया था कि मेहुल चौकसी कैसे देश को लूट रहा है और कैसे बैंक से लोन ले रहा है.
वैभव खुरानिया खुद मेहुल चौकसी के पीड़ित रहे हैं. उन्होंने 2013 में मेहुल चौकसी के ब्रांड गीतांजलि की फ्रेंचाइजी ली थी. इसके लिए उन्होंने करीब डेढ़ करोड़ रुपए का निवेश भी किया लेकिन उन्हें गीतांजलि ब्रैंड की जो ज्वैलरी मिली वो बेहद खराब किस्म की थी.
शिकायत करने पर गीतांजलि ने वो ज्वैलरी वापस ले ली लेकिन उसके बाद वैभव को कुछ भी नहीं दिया जिस वजह से उन्हें अपना स्टोर बंद करना पड़ा. तब खुरानिया ने मई 2015 में वैभव ने PMO को शिकायत भेजी लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई. जुलाई 2016 में कोर्ट के आदेश के बाद उनकी शिकायत पर FIR दर्ज की गई.
पीएनबी की ब्रांच सील ग्यारह हजार 500 करोड़ के घोटाले मके बाद जांच के घेरे में आई पीएनबी मुंबई की ब्रैडी हाउस ब्रांच को सीबीआई ने सील कर दिया है. इस ब्रांच में अब बैंक के कर्मचारी भी नहीं आएंगे. इस ब्रांच में अब जांच होगी कि आखिर कैसे इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया.
जांच एजेंसियों को सौंपे दस्तावेज पीएनबी ने घोटाले से जुड़े दस्तावेज जांच एजेंसियों को सौंप दिए हैं. यूपीए और एनडीए दोनों ही सरकारों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जिसके कारण 11 हजार 500 करोड़ रुपये का ये घोटाला हुआ. नीरव मोदी और मेहुल चौकसी दोनों ही फिलहाल फरार हैं.
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