सिद्धू की 'हग डिप्लोमेसी': करतारपुर कॉरीडोर के खुलने की खबरों पर पाक सूचना प्रसारण मंत्री बोले- मुझे नहीं पता
गुरुद्वारा करतार पुर साहिब: करतारपुर कॉरीडोर का खुलना सिख कौम की आस्था की जीत मानी जा रही है. बात दें कि सिद्धू ने जनरल बाजवा से गले मिलने को कभी गलत नहीं बताया. सिद्धू ने कहा था कि अगर करतारपुर कॉरीडोर खुलता है तो मैं किसी के भी पांव पड़ सकता हूं.

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान में तनाव की खबर के बीच एक अच्छी खबर भी आई है. पाकिस्तान में नवजोत सिंह सिद्धू के गले मिलने की डिप्लोमेसी का बड़ा असर हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान में करतारपुर साहिब कॉरीडोर भारत के लिए खोलने के लिए तैयार हो गए हैं. हालांकि, अभी इस पर भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं, पाकिस्तान में सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल करतारपुर साहिब तक कॉरिडोर बनाने की खबर पर वहां के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि अभी उन्हें करतारपुर कॉरिडोर के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
पाकिस्तान गुरुनानक देव जी की 550वीं पुण्यतिथि पर कॉरीडोर खोलने का फैसला किया है. करतारपुर कॉरीडोर खुलने का मतलब है कि भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में दर्शन के लिए जा सकेंगे. इसके लिए वीजा की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. भारत और पाकिस्तान के करतारपुर के बीच महज तीन किलोमीटर की दूरी है, इस दूरी को पार करने के लिए सिख श्रद्धालुओं को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी.
नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान दौरे को लेकर भले विवाद हुआ हो लेकिन उन्होंने पाकिस्तान ने इस कॉरीडोर को खोलने के लिए बड़ी बैटिंग की थी. करतारपुर कॉरीडोर का खुलना सिख कौम की आस्था की जीत मानी जा रही है. बात दें कि सिद्धू ने जनरल बाजवा से गले मिलने को कभी गलत नहीं बताया. सिद्धू ने कहा था कि अगर करतारपुर कॉरीडोर खुलता है तो मैं किसी के भी पांव पड़ सकता हूं.
पाकिस्तान के फैसले के बाद क्या बोले सिद्धू? पाकिस्तान के फैसले के बाद नवजोत सिहं सिद्धू ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''ये बाबा नानक की कृपा है, आज मेरे लिए जीवन सफल होने जैसी बात है. मैं इस फैसले के लिए अपने दोस्त और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के आगे नतमस्तक होकर, अपनी पगड़ी जमीन पर रखकर शुक्रिया अदा करता हूं. मैं यह उम्मीद करता हूं कि हमारी सरकार भी एक कदम चले. ये सब कुछ इतनी जल्दी हो पाया. इसके पीछे गुरू की कृपा हो सकती है.''
They (Pakistan) are ready to open the corridor of Kartarpur Sahib on the 550 birth anniversary of Guru Nanak Ji. There can be no bigger happiness than this for the people of Punjab: Punjab Minister Navjot Singh Sidhu pic.twitter.com/mBLq5XXXiE
— ANI (@ANI) September 7, 2018
सिद्धू ने कहा, ''मेरा इसमें कोई ईगो नहीं है, मैं पाकिस्सातन में अपने दोस्त का धन्यवाद करता हूं. मैं पहले जत्थे के साथ जमीन पर लेट लेट कर दरबार साहिब जाने के लिए तैयार हूं. जो विरोध कर रहे थे उनकी बात छोड़िए, छोटी बात मत करिए. इस पूरी बात को सकारात्मक रखिए. मैं इसे सिर्फ रास्ता नहीं, मैं इसे लोगों को जोड़ने का रास्ता हो गई. ये गुरुनानक का आशीर्वाद है कि आज पाकिस्तान की सरकार और फौज एक पेज पर आ गई है.''
सिद्धू ने कहा, ''हमने मुख्यमंत्री के जरिए इसे देश की सराकर के पास पहुंचा दिया है, जब पाकिस्तान की ही सराकर राजी है तो फिर हिंदुस्तान की सरकार की क्यों विघ्न डालेगी, इसमें कोई विघ्न नहीं डाल सकती. ये अनमोल खुशी है, सारी कायनात हमसे ये खुशी नहीं छीन सकती.''
बाजवा के गले मिलने के बाद क्या बोले थे सिद्धू? इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में पहुंचे नवजोत सिहं सिद्दू के पाक आर्मी चीफ बाजवा के गले मिलने पर देश में जमकर विवाद हुआ था. पाकिस्तान से लौटकर सिद्धू ने कहा था, ''जहां तक कमर जावेद बाजवा का संबंध है तो उनसे मेरी मुलाकात सिर्फ शपथ ग्रहण समारोह में हुई. उन्होंने मुझे पहली कतार में बैठे देखा और आकर गले मिले, यह मानव स्वभाव है.''
सिद्धू ने कहा, ''मुझे मिलते ही उन्होंने मुझसे कहा कि गुरुनानक साहब के 500वें प्रकाश दिवस भारत के डेरा बाबा नामक से पाकिस्तान से ढाई किलोमीटर दूर स्थित करतारपुर साहब के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को बिना रोक-टोक पथ प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं. कमर जावेद बाजवा की यह मेरे दिल को छू गई और मैं भावुक हो गया.''
सिद्धू ने कहा, ''गुरुनानक देव जी के 550वीं पुण्यतिथि पर दोनों देशों के संबंध सुधरें इससे ज्यादा अच्छी बात हमारे लिए क्या हो सकती है. बाबा नानक ने मुझे सिर्फ जरिए बानाया, काम उन्हीं का है. अगर मोदी जी मुझे इस बात में शामिल करना चाहते हैं तो मैं जमीन पर लेट कर उनके पास जाने के लिए तैयार हूं. मैं अपनी पगड़ी तक उनके चरणों में रखने के लिए तैयार हूं. मैं सुषमा बहनजी के चरण धोने तक के लिए तैयार हूं. इसमें मेरा कैसा घमंड, हम उनके पास जरूर जाएंगे.''
पाकिस्तान के फैसले पर भारत का क्या रुख? सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है. पाकिस्तान की ओर बयान में मंशा जाहिर की गई है. इसके लिए एक औपचारिक प्रस्ताव की जरूरत होगी. कितने लोगों को वीज़ा दिया जाएगा, कितने यात्री जाएंगे ये सारी चीजें अभी कूटनीतिक स्तर पर तय होनी बाकी है. जब तक पाकिस्तान की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आता तब भारत की ओर इस पर कुछ भी नहीं कहा जाएगा.
क्यों महत्वपूर्ण है करतारपुर कॉरीडोर? दरबार साहिब सिखों का बहुत बड़ा धार्मिक तीर्थ स्थल है. गुरुनानक देव ने अपने जीवन के आखिरी 15 साल यहीं बिताए और 1539 में आखिरी सांस यहीं ली. गुरुनानाक देव ने करतारपुर में सिख दर्म की स्थापना की थी.
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