जिपलाइन ऑपरेटर, खच्चर वाले और फोटोग्राफर... हमले के दौरान मौजूद सभी से पूछताछ करेगी NIA; किसी को नहीं दी क्लीनचिट
Pahalgam Terror Attack Update: पहलगाम आतंकी हमले की जांच एनआईए कर रही है. एजेंसी ने मौके पर पहुंचकर सीन रिक्रिएट भी किया है और आने वाले समय में इसे फिर से किया जा सकता है.

NIA Investigation: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले की जांच एनआईए कर रही है. जैसे-जैसे एजेंसी की पूछताछ आगे बढ़ रही है, कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. ताजा घटनाक्रम में सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आतंकी हमले की जांच के घेरे में वो सभी स्थानीय लोग हैं जो हमले वक्त बैसरन घाटी में मौजूद थे.
NIA सूत्रों ने बताया कि घाटी में जिपलाइनर वालों के साथ-साथ खच्चर चलाने वाले, स्पोर्ट्स एक्टिविटी कराने वाले और वहां पर मौजूद फोटोग्राफर समेत कई लोग जांच के घेरे में हैं. फिलहाल किसी को क्लीन चिट नहीं दी गई है. सबूत मिलने पर ही गिरफ्तार किया जाएगा. जिपलाइनर वाले मुजम्मिल से पूछताछ की गई है फिलहाल कोई सबूत नहीं मिला है. ज़रूरत पड़ने पर दोबारा पूछताछ की जाएगी. सूत्रों ने ये भी बताया कि आतंकियों को मिले लोकल सपोर्ट से इंकार नहीं किया जा सकता. हमला पूरी प्लानिंग से हुआ.
जिप लाइन ऑपरेटर ने पूछताछ में क्या बताया?
जिप लाइन ऑपरेटर मुजम्मिल को 22 अप्रैल को ऋषि भट्ट नाम के टूरिस्ट की ओर से रिकॉर्ड किए गए वीडियो में तीन बार अल्लाहू-अकबर का नारा लगाते हुए सुना गया था. इसी दिन पहलगाम में घातक आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने पूछताछ के दौरान पाया कि मुजम्मिल का नारा लगाना स्वाभाविक था. ये अचानक या चौंकाने वाली घटना की प्रतिक्रिया थी. जिस तरह से हिंदू राम का नाम लेते हैं वैसे ही मुजम्मिल ने अल्लाह का नाम लिया.
मुजम्मिल से पूछताछ में और क्या सामने आया?
सूत्रों ने बताया कि एनआईए की ओर से मुजम्मिल से की गई शुरुआती पूछताछ में हमले में उसकी प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने नहीं आई, लेकिन जब उससे पूछा गया कि गोलीबारी शुरू होने के बाद उसने पर्यटक को जिप लाइन पर क्यों छोड़ा तो उसने अलग-अलग बयान दिए.
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