एक और दलित बीजेपी सांसद का पीएम मोदी पर 'चिट्ठी बम', कहा- आपके राज में नहीं हुआ एक भी काम
उत्तर प्रदेश के नगीना से बीजेपी सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि चार वर्ष बीत जाने के बाद भी दलितों के हित में आपकी सरकार द्वारा एक भी कार्य नहीं किया गया. जैसे आरक्षण बिल पास कराना, प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण दिलाना आदि आदि.

नई दिल्ली: एससी/एसटी एक्ट को कमजोर किये जाने के खिलाफ देशभर में जारी दलितों के विरोध के बीच एक और दलित बीजेपी सांसद ने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उत्तर प्रदेश के नगीना से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने पीएम मोदी के चिट्ठी लिखकर कहा है कि आपके राज में दलितों के लिए एक भी काम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण और न्याय व्यवस्था में दलितों की संख्या बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया
इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के तीन दलित बीजेपी सांसद सावित्री बाई फूले, छोटेलाल और अशोक कुमार दोहरे दलितों पर बढ़ते अत्याचार का आरोप लगाते हुए योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं. वहीं उत्तर पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद उदित राज भी खुले तौर पर समय-समय पर सार्वजनिक जगहों पर कहते रहे हैं कि सरकार के कई फैसलों से दलितों में नाराजगी बढ़ रही है.
यशवंत सिंह ने प्रमोशन में आरक्षण पर कहा, ''जब मैं चुनकर आया था उसी समय मैंने स्वयं आपसे (पीएम मोदी) मिलकर प्रमोशन में आरक्षण हेतू बिल पास कराने का आग्रह किया था. समाज के विभिन्न संगठन दिन-रात हम लोगों को इस प्रकार का अनुरोध करते हैं. परन्तु चार वर्ष बीत जाने के बाद भी इस देश के लगभग 30 करोड़ दलितों के प्रत्यक्ष हित हेतू आपकी सरकार द्वारा एक भी कार्य नहीं किया गया. जैसे बैकलॉग पूरा कराना, आरक्षण बिल पास कराना, प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण दिलाना आदि आदि.''
आखिर क्यों गुस्से में हैं बीजेपी के दलित नेता
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे चिट्ठी में कहा, ''कोर्ट में इस समाज का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. जिस कारण कोर्ट हर समय पर हमारे विरूद्ध गये- नये निर्णय (एससी-एसटी कानून) देकर हमारे अधिकारों को खत्म कर रहा है. इस देश की 70 प्रतिशत संपत्ति एक प्रतिशत लोगों के पास है. जो सरकार का संरक्षण प्राप्त करते हैं.''

बीजेपी सांसद यशवंत सिंह ने कहा, ''आज की स्थिति में हम लोग बीजेपी के दलित सांसद अपने समाज की रोज-रोज की प्रताड़ना के शिकार हैं. हमारा जबाव देना मुश्किल है. कृप्या दलित समाज के हितों को विशेष ध्यान रखते हुए बिल पास करायें. एससी/एसटी एक्ट में कोर्ट के फैसले के खिलाफ पैरवी करके इस निर्णय को पलटवायें.''
एम्स से डॉक्टर की पढ़ाई कर चुके यशवंत सिंह पहले बीएसपी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. यशवंत उसी जाटव बिरादरी से हैं, जिस समाज की मायावती हैं. पिछले लोकसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल हो गए थे. टिकट मिला और मोदी लहर में वे बिजनौर के नगीना से सांसद बने.
यूपी के तीन दलित सांसद जो हैं सरकार से नाराज
यशवंत सिंह के अलावा यूपी से बीजेपी के 3 और दलित सांसद भी पीएम को खत लिख चुके हैं. शुरूआत सावित्री बाई फूले ने की. जो बहराइच से लोक सभा की एमपी हैं. उन्होंने तो 1 अप्रैल को लखनऊ में रैली कर अपनी ही सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया.
रॉबर्ट्सगंज के एमपी छोटेलाल खरवार दुखी हैं. वे कहते हैं “डीएम से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक कोई भी उनकी नहीं सुन रहा है”.
इटावा से बीजेपी के लोकसभा सांसद अशोक दोहरे का भी यही हाल है. वे भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिख कर अपनी चिंता जता चुके हैं. दोहरे उस इटावा से एमपी हैं जो अखिलेश यादव का गृह जिला है. यूपी से बीजेपी के दलित सांसद अचानक से ‘मन की बात’ क्यों और कैसे करने लगे हैं. आए दिन चिट्ठी बम फूटने लगे हैं. नाम बदल जाता है लेकिन ख़त की बातें एक जैसी ही हैं. यूपी से बीजेपी के 17 दलित सांसद हैं. जबसे बीएसपी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हुई है, इनमें से कई सांसदों का मन डोलने लगा है. बीजेपी के नेताओं में अब इन सांसदों को खोट नजर आने लगी है. ये पार्टी के लिए खतरे की घंटी है. टॉप हेडलाइंस
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