(Source: ECI / CVoter)
किसान नेताओं ने ‘भारत बंद’ का समर्थन करने वाले राजनीतिक दलों को दी ये सख्त हिदायत
भारत बंद का कांग्रेस के अलावे देशभर के 11 राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है. ऐसे में सोमवार को किसानों की तरफ से उन राजनीतिक दलों को हिदायत दी गई है, जिन्होंने किसान के शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन किया है. किसानों की तरफ स ऐसे राजनीति दलों की तरफ से साफतौर पर कहा गया है कि वे प्रदर्शन के दौरान अपनी पार्टी के झंडे और बैनर ना लाएं.
नए कृषि कानूनों पर किसानों की तरफ से 8 दिसंबर को देशव्यापी भारत बंद बुलाया गया है. इस बंद का कांग्रेस के अलावे देशभर के 11 राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है. ऐसे में सोमवार को किसानों की तरफ से उन राजनीतिक दलों को हिदायत दी गई है, जिन्होंने किसान के शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन किया है. किसानों की तरफ से ऐसे राजनीति दलों को तरफ से साफतौर पर कहा गया है कि वे प्रदर्शन के दौरान अपनी पार्टी के झंडे और बैनर ना लाएं.
दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा- भारत बंद कल पूरे दिन रहेगा. चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक रहेगा. यह शांतिपूर्ण बंद होगा. हम इस पर अड़े हैं कि किसी भी राजनीति दलों के नेताओं को अपने मंच की इजाजत नहीं देंगे. इधर, एक अन्य किसान नेता निर्भय सिंह ने कहा- हमारा प्रदर्शन पंजाब तक ही सीमित नहीं होगा. दुनियाभर से यहां तक की कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो हमारा समर्थन कर रहे हैं. हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा.
The bandh will be observed the whole day tomorrow. Chakka jam till 3 PM. It will be a peaceful bandh. We are firm on not allowing any political leaders on our stage: Farmer leader Dr Darshan Pal at Delhi-Haryana Singhu border https://t.co/K0Q7z5Pz92 pic.twitter.com/2LoLdQ4hlJ
— ANI (@ANI) December 7, 2020
देशव्यापी बंद को देखते हुए केन्द्र सरकार की तरफ से राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की गई है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे भारत बंद के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के साथ ही कानून और शांति-व्यवस्था को बनाए रखें. इसके साथ ही, एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और सामाजिक दूरी बनाए रखी जाए.
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की तरफ से सितंबर महीने में मॉनसून सत्र के दौरान कृषि सुधार से संबंधित तीन कानून पास कराए गए हैं. इसके बाद एमएसपी को लेकर किसानों की तरफ से इस कानून का विरोध किया जा रहा है. ‘भारत बंद’ का कांग्रेस, राकांपा, द्रमुक, सपा, टीआरएस और वामपंथी दलों जैसी बड़ी पार्टियों ने बंद का समर्थन किया है.
राजधानी दिल्ली में नए कृषि कानूनों पर प्रदर्शन करने पंजाब-हरियाणा और अन्य राज्यों से आए किसानों का सोमवार को 12वां दिन है. इधर, अब तक पांचवें दौर की किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल सका. किसान संगठनों के नेता नये कानून को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और ‘हां या नहीं’ में स्पष्ट जवाब की मांग करते हुए ‘मौन व्रत’ धारण किए हुए हैं जिसके बाद केंद्र ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है। लेकिन, उससे पहले किसानों की तरफ से भारत बंद बुलाया गया है. ये भी पढ़ें: 'भारत बंद' का राहुल गांधी ने किया समर्थन, बोले- देश के अन्नदाता से अत्याचार और अन्याय असहनीय है