मदरसे के वाटर कूलर में जहर मिलाए जाने की घटना के पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं: सलमा अंसारी
सलमा अंसारी ने मंगलवार की शाम को कहा, ‘‘मैं नहीं मानती हूं कि कोई राजनीतिक संगठन इस हद तक गिर सकता है.’’

अलीगढ़: पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने मदरसे के वाटर कूलर में जहर मिलाये जाने के मामले में कोई राजनीतिक वजह या पहलू होने की बात से इंकार किया है. जिस मदरसे के पानी में जहर मिलाए जाने की बात कही गई है वह अल नूर ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है. इस ट्रस्ट की चेयरपर्सन सह अध्यक्ष सलमा अंसारी हैं.
सलमा अंसारी ने मंगलवार की शाम को कहा, ‘‘मैं नहीं मानती हूं कि कोई राजनीतिक संगठन इस हद तक गिर सकता है.’’ गौरतलब है कि शनिवार को चाचा नेहरू मदरसे में उस वक्त एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब कक्षा आठ के छात्र मोहम्मद अफजल ने देखा कि मदरसे के वाटरकूलर में कथित तौर पर दो अज्ञात व्यक्ति चूहे मारने वाली दवा मिला रहे हैं. छात्र ने तुरंत इस बात की सूचना मदरसे के प्रिंसिपल को दी.
इस चैरेटिबल संस्थान को पिछले 18 साल से चला रहीं सलमा का कहना है कि वह इस 13 साल के बच्चे अफजल का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजेंगी. उन्होंने कहा कि यह घटना एक पहले से नियोजित थी, जिसका लक्ष्य मदरसे के साथ साथ मेरा नाम भी बदनाम करने का था.
इस मदरसे में करीब चार हजार छात्र पढ़ते हैं, उनमें से कुछ छात्रावास में भी रहते हैं. उन्हें यहां नि:शुल्क शिक्षा मिलती है. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद मदरसे के अधिकारियों ने सुरक्षा इंतजाम मजबूत करने का फैसला लिया है, जिसके तहत मदरसे में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगें. इस बीच एसपी अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि उन असामाजिक तत्वों की पहचान की कोशिश की जा रही है ताकि इस घटना के पीछे उनकी मंशा का पता लगाया जा सके.
अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि मदरसे की सुरक्षा में कहां कमियां थी, जिसके वजह से कुछ असामाजिक तत्व मदरसे में घुसने में कामयाब रहे.
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