NDLS भगदड़ पर सियासी बवाल, कांग्रेस-TMC ने मांगा रेल मंत्री का इस्तीफा, सरकार पर जड़े गंभीर आरोप
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 मौतों के बाद कांग्रेस और TMC ने अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है. वहीं, रेल मंत्री ने भगदड़ के बाद उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.

Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार (15 फरवरी, 2025 ) को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत के बाद कांग्रेस ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की मांग की. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र पर भगदड़ को छिपाने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "रेल मंत्री को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए. यदि वह ऐसा नहीं करते, तो उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए." उन्होंने रेलवे के कुप्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर घंटे 1500 टिकट बेचे जा रहे थे, फिर भी भीड़ नियंत्रण के लिए कोई विशेष उपाय नहीं किया गया.
उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा,"यहां दो हिंदुस्तान हैं, एक जहां राजा अपने दोस्तों को कुंभ में वीआईपी स्नान कराता है और दूसरा जहां आम लोग रेलवे प्लेटफॉर्म पर मर रहे हैं."
तृणमूल कांग्रेस का आरोप
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र सरकार पर भगदड़ की घटना को छिपाने का आरोप लगाया. राज्यसभा में तृणमूल की उपनेता सागरिका घोष ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा,"पहले मोदी सरकार ने भगदड़ से इनकार किया. फिर इसे अफवाह बताया. फिर कहा कि ‘कुछ लोग घायल’ हुए हैं. और जब शव मिलने लगे, तब मजबूरी में मौतों को स्वीकार किया गया."उन्होंने मोदी सरकार पर 'काम कम, प्रचार ज्यादा' की नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि यह बेहद दुखद और शर्मनाक है.
रेल मंत्री को बर्खास्त करने की मांग
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने भी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर हमला बोला. उन्होंने कहा, "रेलवे ने भगदड़ के कई घंटों बाद तक इससे इनकार किया और इसे अफवाह बताया. जब तक शव मिलने नहीं लगे, तब तक सरकार ने सच स्वीकार नहीं किया." उन्होंने रेल मंत्री को बर्खास्त करने या इस्तीफा देने की मांग की और कहा, "अगर प्रधानमंत्री मोदी को लोगों की जान की चिंता है, तो उन्हें तुरंत अश्विनी वैष्णव को हटा देना चाहिए."
सरकार पर कुप्रबंधन के आरोप
रेलवे प्रशासन भीड़ का अनुमान पहले से लगा सकता था, लेकिन उसने कोई ठोस कदम नहीं उठाए. स्टेशन पर भीड़ प्रबंधन के लिए सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती नहीं थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ में मारे गए लोगों के शव कुली उठा रहे थे, क्योंकि प्रशासन नदारद था. अस्पतालों में घायलों और मृतकों की पहचान को लेकर भी अव्यवस्था देखी गई.
विपक्ष के तीखे हमलों और जनता के गुस्से के बावजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार इस दबाव में कोई कार्रवाई करेगी या विपक्ष का विरोध सिर्फ राजनीतिक बहस बनकर रह जाएगा.
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Source: IOCL























