मुंबई हमले से पहले हापुड़ गया था तहव्वुर हुसैन राणा, क्या आतंकी अब्दुल करीम टुंडा से था कोई कनेक्शन?
अब्दुल करीम टुंडा उन भारतीय मूल के आतंकियों में से था, जिसे लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तान स्थित हेडक्वार्टर में आने-जाने की खुली छूट थी. टुंडा को सोनीपत धमाकों में अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

Tahawwur Rana: अमेरिका से प्रत्यर्पण कर लाए गए आईएसआई एजेंट तहव्वुर हुसैन राणा मुंबई के 26/11 आतंकी हमले से पहले हापुड़ गया था. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि हापुड़ जाने के पीछे क्या कारण हो सकता है. क्या हापुड़ में अपने किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए गया था क्योंकि हमले से पहले जब तहव्वुर भारत आया था तो अपनी डॉक्टर पत्नी को भी साथ लाया था. जांच एजेंसियों को इस बात का भी शक है कि तहव्वुर का हापुड़ के रहने वाले लश्कर ए तैयबा के खूंखार आतंकी अब्दुल करीम टुंडा से कोई कनेक्शन तो नहीं था.
वर्ष 2013 में नेपाल सीमा से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने टुंडा को 90 के दशक में राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में हुई सीरियल बम ब्लास्ट के आरोप में गिरफ्तार किया था. बम बनाने और आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए लश्कर ए तैयबा ने हापुड़ जिले के पिलखुवा के मूल निवासी टुंडा को चुना था.
सोनीपत धमाकों में अब्दुल करीम टुंडा को उम्रकैद
अब्दुल करीम टुंडा लश्कर के उन चुनिंदा भारतीय मूल के आतंकियों में से था, जिसे लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तान के मुरीदके स्थित हेडक्वार्टर में आने-जाने की खुली छूट थी. हालांकि सबूतों के अभाव में टुंडा को अजमेर और रोहतक में हुए बम ब्लास्ट में कोर्ट ने बरी कर दिया था, लेकिन सोनीपत में हुए धमाकों में वर्ष 2017 में अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
दरभंगा एक्सप्रेस ब्लास्ट से जुड़े टुंडा के तार
जेल जाने के बाद भी जांच एजेंसियों को टुंडा के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का शक था. वर्ष 2021 में दरभंगा एक्सप्रेस में हुए बम ब्लास्ट के तार भी टुंडा से जुड़े होने की आशंका थी क्योंकि इस मामले में पकड़े गए आरोपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के रहने वाले थे. इस बम ब्लास्ट की जांच का जिम्मा भी एनआईए के हवाले है.
हापुड़ के अलावा मुंबई और कोच्चि भी गया था राणा
18 दिनों की रिमांड में एनआईए, तहव्वुर से हापुड़ जाने के राज को भी उगलवाएगी. साथ ही पता करेगी कि क्या उसका कोई कनेक्शन टुंडा से था. जानकारी ये भी है कि मुंबई हमले से पहले, हापुड़ के अलावा तहव्वुर 13 से 21 नवंबर, 2008 के बीच मुंबई, कोच्चि और अहमदाबाद भी गया था. मुंबई में तो दो दिन तक तहव्वुर पवई के एक होटल में रुका था.
Source: IOCL






















