एक्सप्लोरर

Mukhtar Ansari Death: कहानी मुख्तार अंसारी के उस दुश्मन की, जिसका अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद पर भी है एहसान

Mukhtar Ansari Died: कभी मुख्तार अंसारी और गैंगस्टर बृजेश सिंह एक-दूसरे खिलाफ गैंग्स में थे. दोनों के बीच दुश्मनी के कई किस्से हैं. वहीं, बृजेश ने एक वारदात के जरिए अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद की मदद की थी.

Mukhtar Ansari News: माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी का गुरुवार (28 मार्च) को तबीयत बिगड़ने के बाद उत्तर प्रदेश के बांदा में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में निधन हो गया. वह 63 वर्ष के थे. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उनसे जुड़े कई किस्से याद किए जाने लगे हैं. मुख्तार अंसारी का एक ऐसा दुश्मन भी है जिसका मुंबई धमाकों के मास्टरमाइंड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद पर भी एहसान माना जाता है.

कहानी मुख्तार अंसारी के दुश्मन माफिया बृजेश सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह की है. बृजेश सिंह के सिर एक समय उत्तर प्रदेश में पांच लाख रुपये का ईनाम घोषित था. पिता की हत्या का बदला लेकर उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था. 

मुख्तार अंसारी के दुश्मन बृजेश सिंह की कहानी

बृजेश सिंह पूर्वांचल के धरौहरा गांव के एक किसान परिवार से था. उसके पिता रविंद्रनाथ सिंह चाहते थे कि बेटा बृजेश एक अफसर बने. बृजेश पढ़ाई में भी ठीक था. वह वाराणसी के यूपी कॉलेज में पढ़ा. 27 अगस्त 1984 को बृजेश के पिता रविंद्रनाथ सिंह की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों हरिहर सिंह, पाचू और उसके आदमियों पर लगा. हत्या चाकू से की गई थी. 

27 मई 1985 को हरिहर सिंह की हत्या हो गई, जिसका आरोप बृजेश सिंह पर लगा. तब पहली बार इलाके में एके-47 का इस्तेमाल हुआ. तब पुलिस में बृजेश सिंह के खिलाफ पहला केस दर्ज हुआ था. बृजेश सिंह फरार था.  

9 अप्रैल 1986 को तब वाराणसी और आज के चंदौली जिले का सिकरौरा गांव गोलियों से दहल उठा. कहते है कि तब बृजेश ने पूर्व ग्राम प्रधान रामचंद्र यादव, उनके परिवार समेत पांच लोगों गोली मारकर हत्या कर दी थी. पहली बार बृजेश सिंह जेल गया. 32 साल बाद 2018 में इस केस में सबूतों के अभाव में बृजेश सिंह बरी हो गया.

एक-दूसरे के खिलाफ गैंग्स में थे मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह

पहली बार जेल जाने के दौरान बृजेश सिंह और गाजीपुर के पुराने हिस्ट्रीशीटर त्रिभुवन सिंह की दोस्ती हो गई. ये वो दौर था जब गाजीपुर के सैदपुर क्षेत्र के मुड़ियार गांव में एक ही खानदान के बीच जमीन का एक प्लॉट 1985 में गैंगवार की नींव डालता है. तब एक तरफ साहिब सिंह का गैंग था, जिसका चहेता त्रिभुवन सिंह था. उसके पिता की जमीनी रंजिश में हत्या कर दी गई, जिसका आरोप मकनू सिंह और उसके गैंग पर लगा. इसके बाद शुरू हुए गैंगवार में गाजीपुर से लेकर वाराणसी तक दोनों तरफ से कई जानें गईं. 

गाजीपुर में एक ओर मकनू सिंह का गैंग था, जिसमें साधु सिंह और मुख्तार अंसारी जैसे शार्प शूटर थे. दूसरी ओर साहिब सिंह का गैंग था, जिसमें त्रिभुवन सिंह और बृजेश सिंह थे. बृजेश और त्रिभुवन के अपराधिक उस्ताद साहिब सिंह की पेशी के दौरान हत्या हो जाती है. इसका आरोप आरोप मकनू गैंग के साधू सिंह और मुख्तार अंसारी पर लगता है. वहीं, मकनू सिंह की हत्या के बाद गैंग की कमान साधु सिंह के हाथ में आती है और दोनों गैंग के बीच हत्याओं का सिलसिला जारी रहता है. 

1988 में त्रिभुवन सिंह के भाई हेड कॉन्स्टेबल राजेंद्र सिंह की भी हत्या हो जाती है, जिसका आरोप साधू सिंह और मुख्तार अंसारी पर लगता है. साहिब सिंह और राजेंद्र सिंह की हत्या से बौखलाए त्रिभुवन सिंह और बृजेश सिंह एकदम साधु सिंह को मारने की फिराक में लगे रहते हैं तो दूसरी तरफ बृजेश सिंह गैंग पर अपनी पकड़ मजबूत करने लगता है. 

जब आमने-सामने आ जाते हैं मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह

अब तक पूर्वाचल में बृजेश सिंह की तूती बोलने लगती है. 1990 में बृजेश सिंह बिल्कुल फिल्मी अंदाज में पुलिस की वर्दी पहनकर गाजीपुर के जिला अस्पताल में न सिर्फ साधू सिंह का कत्ल करता है बल्कि बगल में मौजूद कोतवाली के बावजूद फरार हो जाता है. साधू सिंह की मौत के बाद उस गैंग की कमान शार्प शूटर की भूमिका में रहे मुख्तार अंसारी के हाथों में आ जाती है. इसके बाद पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह आमने सामने आ जाते हैं.

एक तरफ मुख्तार अंसारी का गैंग होता है तो दूसरी तरफ बृजेश सिंह का गैंग होता है. दोनों के बीच कोयला और रेलवे के ठेके को लेकर वर्चस्व की जंग शुरू होती है. कहते हैं बृजेश सिंह ने लोहे के स्क्रैप से काले कारोबार की शुरुआत की और फिर कोयला, शराब से लेकर जमीन, रियल एस्टेट और रेत के धंधे में हाथ आजमाता चला गया.

उस दौरान वाराणसी और गाजीपुर से शुरू हुए काले कारोबार को उसने बलिया, भदोही, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक फैलाया. उस बीच 1990 के दशक में बृजेश सिंह ने धनबाद और झरिया का रुख किया और तब के बाहुबली विधायक और कोयला माफिया सूर्यदेव सिंह का शूटर बनकर उनके लिए भी काम करने लगा. उस दौरान बृजेश पर हत्या के कई केस दर्ज हुए.

बृजेश सिंह का दाऊद इब्राहिम पर एहसान!

बृजेश सिंह की मुलाकात तब के अंडरवर्ल्ड डॉन सुभाष ठाकुर से हो जाती है. मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर वर्चस्व की लड़ाई में दाऊद इब्राहिम के बहनोई इब्राहिम पराकर की हत्या हो जाती है, जिसका आरोप दूसरे डॉन अरुण गवली पर लगता है. तब बृजेश सिंह बदले की आग में जल रहे दाऊद इब्राहिम का मददगार का बनता है. 12 फरवरी 1992 को 20 से ज्यादा लोग तब के बॉम्बे के जेजे अस्पताल में घुसते हैं. बृजेश सिंह डॉक्टर की वेशभूषा में होता है. अस्पताल के बिस्तर पर लेटे और अरुण गवली के शूटर शैलेश हलदरकर की ताबड़तोड़ गोलिया बरसाकर हत्या कर दी जाती है.

उस दौरान 500 राउंड से ज्यादा गोलियां चलती हैं और जो भी उसकी जद में आता है वो बेमौत मारा जाता है. वो वारदात दाऊद इब्राहिम के बहनोई इब्राहिम पराकर की हत्या का बदला लेने के लिए अंजाम दी गई थी. उस गोली कांड में दो पुलिसकर्मी समेत दूसरे कुछ लोगों के मारे जाते हैं.

उस वारदात के बाद बृजेश सिंह पर तब टाडा के तहत केस चला. तब घोषी के सांसद और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री कल्पनाथ राय भी टाडा की जद में आ गए थे क्योंकि बृजेश और हत्यारे मुंबई में एनटीपीसी गेस्ट हाउस में रुके थे और बुकिंग ऊर्जा मंत्री की तरफ से कराई गई थी. बृजेश सिंह सबूतों के अभाव में उस कांड से 2008 में बरी हो गया था लेकिन उस घटना के बाद वह पूर्वांचल के गैंगस्टर से माफिया और डॉन बन गया था. 

बता दें कि दो दिन पहले ही मुख्तार अंसारी के भाई और सांसद अफजाल अंसारी ने यह कहते हुए शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उनके भाई को जेल में मारने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने मुख्तार अंसारी के खाने में जहरीला पदार्थ मिलाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ऊसरी चट्टी कांड में बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ मुख्तार अंसारी गवाही न दे सकें.

यह भी पढ़ें- Mukhtar Ansari Death: मुलायम सिंह यादव का जिक्र कर क्यों रो पड़ा था मुख्तार अंसारी जैसे खूंखार को पकड़ने वाला पुलिस अधिकारी

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

PM Modi Nomination: 12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
Lok Sabha Elections 2024: बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

PM Modi का सपना साकार करेंगे बनारस के लोग? देखिए ये ग्राउंड रिपोर्ट | Loksabha Election 2024Mumbai Breaking News: आंधी ने मचाया कोहराम, होर्डिंग गिरने से 8 की मौत और 100 से ज्यादा घायलLoksabha Election 2024: देश में चौथे चरण की 96 सीटों पर आज 63 फीसदी मतदान | BJP | Congress | TmcSushil Modi Pass Away in Delhi AIIMS : बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील मोदी का निधन

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
PM Modi Nomination: 12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
Lok Sabha Elections 2024: बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
TVS iQube: टीवीएस ने किया iQube लाइन-अप को अपडेट, दो नए वेरिएंट्स हुए शामिल
टीवीएस ने किया iQube लाइन-अप को अपडेट, दो नए वेरिएंट्स हुए शामिल
अखिलेश यादव पर जूते-चप्पल नहीं फूल मालाएं बरसा रहे हैं वीडियो में लोग
अखिलेश यादव पर जूते-चप्पल नहीं फूल मालाएं बरसा रहे हैं वीडियो में लोग
Chabahar Port: भारत और ईरान के इस फैसले से पाकिस्तान-चीन को लग जाएगी मिर्ची, जानें क्या है मामला
भारत और ईरान के इस फैसले से पाकिस्तान-चीन को लग जाएगी मिर्ची, जानें क्या है मामला
Kidney Transplant: क्या ट्रांसप्लांट के वक्त पूरी तरह हटा देते हैं खराब किडनी, ट्रीटमेंट में कितने रुपये होते हैं खर्च? जानें पूरा प्रोसेस
क्या ट्रांसप्लांट के वक्त पूरी तरह हटा देते हैं खराब किडनी, ट्रीटमेंट में कितने रुपये होते हैं खर्च? जानें पूरा प्रोसेस
Embed widget