Mehbooba Mufti House Arrest: आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले महबूबा मुफ्ती के हाउस अरेस्ट का दावा, पुलिस ने कहा - कोई नजरबंद नहीं
Mehbooba Mufti House Arrest: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो गई है, जिस पर आज फैसला आएगा.
Mehbooba Mufti On Article 370: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को दी गई चुनौती वाली याचिका पर आज सोमवार (11 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. इसके पहले जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने दावा किया है, "सूबे में 370 की वापसी की पुरजोर मांग करने वाली महबूबा मुफ्ती को कथित तौर पर उनके घर में नजर बंद कर दिया गया है." हालांकि राज्य प्रशासन ने इस दावे को नकारा है.
पीडीपी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, "सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही पुलिस ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के घर को सील कर दिया है और उन्हें गैरकानूनी तरीके से हाउस अरेस्ट रखा गया है. "
Even before Supreme Court judgement is pronounced, Police has sealed the doors of the residence of PDP President @MehboobaMufti and put her under illegal house arrest. pic.twitter.com/Ts2T7yFMrE
— J&K PDP (@jkpdp) December 11, 2023
उप राज्यपाल ने PDP के दावों को नकारा
हालांकि महबूबा मुफ्ती को हाउस अरेस्ट किए जाने के दावे से जम्मू कश्मीर पुलिस और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा दोनों ने इनकार किया है. अपने एक बयान में पुलिस ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस दावे को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर में किसी को भी हाउस अरेस्ट किए जाने का दावा आधारहीन है. राजनीतिक कारणों से किसी को भी हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है. यह अफवाह फैलाने की कोशिश है.
शहर में बढ़ाई गई सुरक्षा
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इसके अलावा कश्मीर के अन्य संवेदनशील इलाकों में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर पुलिस ने गस्त बढ़ा दी है. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, सोमवार को फैसला सुनाएगी. इस फैसले पर पूरे देश की नजर है.
#WATCH | J&K: Security heightened in Srinagar ahead of the Supreme Court's verdict on the batch of petitions challenging the abrogation of Article 370 in Jammu and Kashmir.
— ANI (@ANI) December 11, 2023
(Visuals from Gupkar Road in Srinagar) pic.twitter.com/HsNbJOOv3W
याचिका पर सुनवाई हो चुकी है पूरी, फैसला सुरक्षित
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने 16 दिन चली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाओं में आर्टिकल 370 और 35ए हटाने के मोदी सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. ये याचिकाएं जम्मू-कश्मीर के विपक्ष नेताओं द्वारा दायर की गई थीं.
केंद्र सरकार ने खत्म किया विशेषाधिकार
आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 और 35 ए के जरिए जम्मू और कश्मीर को मिले विशेष अधिकार 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया था इसके लिए अध्यादेश लाया गया था.इसके खिलाफ जम्मू कश्मीर के नेताओं फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद समेत महबूबा मुफ्ती समेत अन्य ने मोर्चा खोल दिया था.
370 हटाने का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं की दलील है कि 1957 के बाद बिना विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं जा सकता. मामले की सुनवाई करने वाले जजों में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं.
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