महबूबा का शाह पर पलटवार, कहा- आर्टिकल 370 और पाक से बातचीत पर साथ थी बीजेपी
जम्मू-कश्मीर में गठबंधन टूटने के बाद पहली बार अमित शाह के आरोपों का पुरजोर खंडन करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए.

श्रीनगर: बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) अध्यक्ष अमित शाह के आरोपों का पुरजोर खंडन करते हुए पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए, जबकि वो साझा न्यूनतम कार्यक्रम (कॉमन मिनमम प्रोग्राम) को लेकर अपनी प्रतिबद्धता से कभी पीछे नहीं हटी. राज्य में पूर्व सहयोगी दल बीजेपी के लगाए गए आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए महबूबा ने कहा कि यह देखना दुखद है कि सहयोगी पार्टी ने अपने कदम पीछे खींच लिए.
पीडीपी के कदमों को थी बीजेपी का मान्यता राज्य में महबूबा की पीडीपी-बीजेपी की गठबंधन सरकार कुछ दिन पहले गिर गई क्योंकि बीजेपी ने गठबंधन से बाहर होने का फैसला किया था. पीडीपी प्रमुख ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि उनकी सरकार ने जमीन पर विश्वास बहाल करने के लिए जो कदम उठाए, उसे बीजेपी सरकार ने भी मान्यता और सहमति दी थी.
Many false charges levelled against us by our former allies. Our commitment to the Agenda of Alliance, co-authored by Ram Madhav & endorsed by senior leaders like Rajnath Ji never wavered. It is sad to see them disown their own initiative & label it a 'soft approach.' 1/6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2018
आर्टिकल- 370, पाक से बातचीत पर साथ थी BJP उन्होंने कहा कि आर्टिकल- 370 पर यथास्थिति, पाकिस्तान और हुर्रियत के साथ वार्ता ‘गठबंधन के एजेंडा ’ का हिस्सा थे. वार्ता को प्रोत्साहित करना, पत्थरबाजों के खिलाफ मामले वापस लेना और आतंकवादियों के खिलाफ अभियान को एकतरफा तौर पर स्थगित करना शांति बहाली के लिए बहुत जरूरी कदम थे. बीजेपी ने भी इस कदम का समर्थन किया था. महबूबा ने पूर्व गठबंधन साझेदार की आलोचना करते हुए कहा कि जम्मू में कल शाह द्वारा लगाए गए आरोपों का हकीकत में कोई आधार नहीं है.
भेदभाव के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं उन्होंने कहा कि जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव किए जाने के आरोपों का वास्तव में कोई आधार नहीं है. हां, घाटी लंबे समय से अशांत है और 2014 में आई बाढ़ ने भी समस्या बढ़ाई. इसलिए, काफी ध्यान दिए जाने की जरूरत थी. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कहीं भी कम विकास हुआ. शाह ने कहा था कि कानून व्यवस्था के बदतर होने और खासतौर पर जम्मू और लद्दाख में समान विकास करने में राज्य सरकार की नाकामी के चलते बीजेपी ने गठबंधन सरकार से बाहर होने का फैसला किया.
कठुआ मामले में कर्तव्य का पालन किया महबूबा ने बीजेपी से अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करने को कहा, जिन्होंने भेदभाव होने के बारे में पिछले तीन साल में राज्य या केंद्र स्तर पर कभी नहीं बोला. कठुआ बलात्कार-हत्या मामले के विषय पर उन्होंने कहा कि सीबीआई को यह मामला नहीं सौंपना और गुज्जर के अलावा बकरवाल समुदायों में सुरक्षा की भावना लाने के उद्देश्य से उन्हें प्रताड़ित नहीं करने का आदेश जारी करना मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कर्तव्य था.
Not handing over the Rasana rape & murder case to CBI,getting the pro rapist ministers removed & also issuing orders not to harass the Gujjar & Bakarwal community in the guise of anti encroachment drives were my duties as CM to provide a sense of security to both communities. 5/6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2018
महबूबा ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक चौधरी लाल सिंह द्वारा कश्मीरी पत्रकारों को धमकी दिए जाने को लेकर भी पूर्व गठबंधन सहयोगी दल की आलोचना की और पूछा कि उनके खिलाफ पार्टी क्या करने जा रही है.
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Source: IOCL























