राम मंदिर पर टिप्पणी के मामले में भारत ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब, कहा - 'हमें नसीहत देने की जरूरत नहीं'
भारतीय विदेश मंत्रालय ने आज प्रेस कान्फ्रेंस कर पाकिस्तान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की टिप्पणी पर सख्त लहजे में जवाब दिया है. इधर, शंघाई एयरपोर्ट पर विवाद पर भी भारत ने चीन को नसीहत दी है.

अयोध्या स्थित राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी पर पाकिस्तान की तरफ से की गई बयानबाजी पर अब विदेश मंत्रालय ने करारा जबाव दिया है. पाकिस्तान की टिप्णणी पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम उनकी टिप्पणी को उस अवमानना के साथ स्वीकार करते हैं, जिसके वे हकदार हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम सभी रिपोर्ट खारिज करते हैं. आपके पास अल्पसंख्यकों के दामन का दागदार रिकॉर्ड है. पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है. खोखले उपदेश देने की बजाय अपने अंदर झांके और मानवाधिकार के जो खराब रिकॉर्ड हैं, उस पर ध्यान दें.
VIDEO | Delhi: Addressing a press conference, MEA spokesperson Randhir Jaiswal, reacting to Pakistan’s comments on PM Modi hoisting the flag at the Ayodhya Ram Temple, says, “We have seen the reported remarks and reject them with the contempt they deserve. As a country with a… pic.twitter.com/wdKQVPHMrt
— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2025
शंघाई मसले पर भारत ने दी चीन को नसीहत
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन की तरफ से अरुणाचल प्रदेश को लेकर दिए बयान को खारिज करते हुए कहा है कि चीन ने जो हमारे नागरिक को लेकर कदम उठाए, उसपर बयान जारी किया है. ये दोनों देशों के रिश्तों के लिए मददगार नहीं है. अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है. इस मामले पर हकीकत में कोई बदलाव नहीं आता है. इसकी चीन को पूर्ण जानकारी है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-चीन के आपसी विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना जरूरी है. इस बारे में हमारी राय हमेशा एक जैसी रही है. 2024 से दोनों के रिश्तों में स्थिरता बनी हुई है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली पेमा वांग थोंगडोक ने आरोप लगाया था कि 21 नवंबर को जब वह लंदन से जापान जा रहीं थीं. तब उनका विमान शंघाई में 3 घंटे के ट्रांजिट के लिए रुका, लेकिन चीन के इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें 18 घंटे तक हिरासत में रखा और उनके भारतीय पासपोर्ट को मानने से इंकार कर दिया.
थोंगडोक ने आरोप लगाया कि मामले पर चीनी अधिकारियों ने कहा आपका जन्म स्थान अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है, इसलिए भारत का पासपोर्ट वैध नहीं. पेमा ने दावा किया कि उसे बार-बार असहज करने वाले सवाल पूछे गए और बिना किसी कारण के उन्हें रोका गया.
इसके बाद भारत ने ये मुद्दा चीन के समक्ष उठाया, जिसके जवाब में चीन ने उत्पीड़न की बात को नकार दिया. चीन ने साथ ही अरुणाचल को भारत का इलीगल सेटअप बताकर, भारत का अवैध कब्जा वाला विवादित बयान दिया है.
Source: IOCL






















