एक्सप्लोरर

दुश्मन से मुकाबले को तैयार है 'लद्दाख स्काउट्स', कारगिल युद्ध में दिखा चुके हैं अपनी ताकत के जौहर

लद्दाख स्काउट्स के सैनिकों को माउंटेन-वॉरियर का खिताब हासिल है. इस रेजीमेंट के सैनिक लद्दाख से ही आते हैं.

नई दिल्ली: उंचे पहाड़ पर बनी दुश्मन की एक चौकी पर धावा बोलने के लिए भारतीय सैनिक पूरी तरह से तैयार हैं. सैनिकों की दो अलग अलग टोली दुश्मन की चौकी को दो तरफ से घेरने के लिए टेक्टिकल पोजिशन लेती हुई घेराबंदी कर रही है. अचानक पूरा इलाका गोलियों और ग्रेनेड के धमाकों से गूंज उठता है. अचानक दुश्मन की चौकी के आस पास कैमोफेलाज के साथ घात लगाए कुछ और सैनिक इस पोस्ट को घेरते हुए फायरिंग करते हैं और दुश्मन के लाल झंडे को उखाड़ फेकतें हैं.थोड़ी ही देर में दुश्मन की चौकी पर भारतीय सेना के जवान तिरंगा लहराते हुए दिखाई पड़ते हैं.

ये कोई असल युद्ध का मैदान नहीं, बल्कि भारतीय सेना की मिलिट्री-ड्रिल है, जिसमें सैनिकों को दुश्मन की चौकी पर हमला करने और उसपर अपना अधिकार जमाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. ये ट्रेनिंग चल रही है लद्दाख की प्रशासनिक राजधानी लेह के करीब लद्दाख स्काउट्स  रेजीमेंटल सेंटर पर. वही लद्दाख स्काउट्स जिसके सैनिकों को माउंटेन-वॉरियर का खिताब हासिल है. क्योंकि इस रेजीमेंट के सैनिक लद्दाख से ही आते हैं और चीन और पाकिस्तान से सटी उंचे पहाड़ों वाले इलाकों से पूरी तरह वाकिफ हैं. यहां की विपरीत जलवायु से लड़ना जानते हैं लद्दाख स्काउट्स के जवान. यही वजह है कि उन्हें 'सन ऑफ द सोआइल' भी कहा जाता है.

पूर्वी लद्दाख से सटी चीन सीमा पर लद्दाख स्काउट्स की रेजीमेंट तैनात है. जैसा कि नाम से विदित है, ये स्कॉउट्स की भूमिका निभाते हैं. निगहबानी और चौकसी के लिए पहले लद्दाख स्काउट्स को ही टोह लेने के लिए दुश्मन के क्षेत्र में भेजा जाता है. जैसा कि कारगिल युद्ध के दौरान हुआ था. जब भारतीय सेना को ये जानकारी मिली कि भारत की चोटियों पर बनी चौकियों पर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा कर लिया है. सबसे पहले लद्दाख स्काउट्स की ही एक टुकड़ी को कर्नल सोनम वांगचुक के नेतृत्व में भेजा गया था.

लद्दाख स्काउट्स की इस टुकड़ी ने ना केवल दुश्मन सैनिकों को मारकर वापस अपनी चौकी पर कब्जा किया, बल्कि पहली बार पुख्ता तौर पर प्रमाणित किया कि भारतीय चौकियों पर आतंकी नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सेना जमी हुई है. इस बहादुरी के लिए कर्नल सोनम वांगचुक को महावीर चक्र से नवाजा गया था.

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानि एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच एबीपी न्यूज की टीम पहुंची लेह के करीब लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंटल सेंटर में. आपको बता दें कि 1962 के युद्ध में जब भारतीय सेना को अधिकतर मोर्चे पर हार का सामना करना पड़ रहा था, तब पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी यानी डीबीओ में चीनी सेना के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए थे. क्योंकि वहां कर्नल चेवांग रिनछेन के नेतृत्व में लद्दाख स्काउट्स  के जवान तैनात थे. उस वक्त इस रेजीमेंट को 'नुबरा-गार्ड्स' के नाम से जाना जाता था.

1962 के युद्द में क्योंकि भारत को चीन के हाथों मुंह की खानी पड़ी थी. इसलिए चुनिंदा सैनिकों को ही वीरता का मेडल दिया गया था. उनमें से एक थे कर्नल चेवांग रिनछेन जिन्हें सेना-मेडल से नवाजा गया था. क्योंकि उन्होनें ही डीबीओ में दुनिया की सबसे ऊंची लैंडिंग-स्ट्रीप तैयार की थी जानवरों की हड्डियों से और ना केवल तैयार की थी बल्कि चीनी आक्रमण से भी सफलता पूर्वक रक्षा की थी. उसी के बाद से ही डीबीओ और उससे सटा डेपसांग-प्लेन्स चीन की आंखों में खटकता रहता है. मौजूदा तनाव के दौरान भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच डेपसांग प्लेन्स में पैट्रोलिंग को लेकर तनातनी चल रही है.

ये वही कर्नल चेवांग रिनछेन थे, जिनके नाम पर भारत ने डीएसीबीओ रोड यानी दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क पर श्योक नदी पर पुल बनाया गया है. इस पुल का उदघाटन पिछले साल अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था. इसके बाद ही चीन को मिर्ची लगनी शुरू हुई और सीमा पर तनाव, टकराव और हिंसक संघर्ष हुआ.

एबीपी न्यूज की टीम जब लद्दाख स्काउट्स के रेजीमेंटल सेंटर पहुंची तो सैनिक फायरिंग की ट्रेनिंग ले रहे थे. एक से लेकर पांच किलोमीटर तक की फायरिंग की प्रैक्टिस सैनिकों को दी जा रही थी. क्योंकि जिस तरह के हालात चीन सीमा पर बने हुए हैं ऐसे में सैनिकों को कभी भी बुलावा आ सकता है. ऐसे में सैनिकों का निशाना अचूक होना चाहिए जब दुश्मन पर दूर से वार करना हो या फिर क्लोज-बैटल सबके लिए तैयार रहना चाहिए.

करगिल युद्ध में अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने के चलते लद्दाख स्काउट्स  को एक अलग रेजीमेंट का नाम दिया गया. इससे पहले तक लद्दाख स्काउट्स जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री का हिस्सा थी. यही वजह है कि लद्दाख स्काउट्स  के सैनिकों को उंचे उंचे पहाड़ों पर दुश्मन के बंकर, चौकियां और छावनियों पर हमला करने की खास ट्रैनिंग दी जाती है. लेकिन इससे पहले लद्दाख स्काउट्स  के जवानों को एक कड़ी ट्रैनिंग से गुजरना पड़ता है. कटीली तारों, ट्रैंच यानि खाई और आग के दरिया से गुजरना पड़ता है. ट्रेनिंग की आग में तपकर ही लद्दाखी सैनिक माउंटेन-वॉरफेयर के लिए तैयार होते हैं. यही वजह है कि इन्हें स्नो-वॉरियर का नाम भी दिया गया है.

लद्दाख स्काउट्स का युद्धघोष है 'कि कि सो सो लहरग्यालो' यानि भगवान के लिए विजय. यही वजह है कि ग्राउंड पर ड्रिल के दौरान लद्दाखी जवान इसी को गाते हैं और प्रण लेते हैं कि दुश्मन पर विजय हासिल करेंगे जो परमात्मा को समर्पित होगी.

यह भी पढ़ें:

LAC से सटे फॉरवर्ड एयर बेस पर भारतीय वायुसेना अलर्ट, फाइटर जेट्स दिन-रात सीमाओं की कर रहे निगहबानी जौहर

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

कांग्रेस को मिला इनकम टैक्स का नोटिस, 1700 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का आया आदेश
कांग्रेस को मिला इनकम टैक्स का नोटिस, 1700 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का आया आदेश
Chaitra Month 2024: हिंदू धर्म में क्यों है चैत्र का इतना महत्व, जानिए चैत्र माह के नियम और पर्व-त्योहार से जुड़ी संपूर्ण जानकारी
हिंदू धर्म में क्यों है चैत्र का इतना महत्व, जानिए चैत्र माह के नियम और पर्व-त्योहार से जुड़ी संपूर्ण जानकारी
Mukhtar Ansari Death: 'जहर देने के आरोप बेबुनियाद, कोई जांच कराना चाहे तो करा ले', मुख्तार की मौत की कॉन्सपिरेसी थ्योरी पर बोले राजनाथ सिंह
'जहर देने के आरोप बेबुनियाद, कोई जांच कराना चाहे तो करा ले', मुख्तार की मौत की कॉन्सपिरेसी थ्योरी पर बोले राजनाथ सिंह
RCB vs KKR: क्या स्टार्क को सता रहा है कोहली का डर? IPL इतिहास में पहली बार होगा सामना
क्या स्टार्क को सता रहा है कोहली का डर? IPL में पहली बार होगा सामना
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

SRH VS MI : MI के इस साउथ अफ्रीकन खिलाड़ी के सपोर्ट में उतरे दिग्गज खिलाड़ी, कही ये बात | Sports LIVETaarak Mehta की cast को Colours की Doree ने किया काम देने का वादा,क्या Bhola बचा पाएगी बाबा को?😳Mukhtar Ansari death: जिस कब्रिस्तान में होगा मुख्तार का सुपुर्द-ए-खाक, वहां से LIVE रिपोर्टMukhtar Ansari death: हार्ट अटैक से मौत के बाद आज होगा मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम | Breaking News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
कांग्रेस को मिला इनकम टैक्स का नोटिस, 1700 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का आया आदेश
कांग्रेस को मिला इनकम टैक्स का नोटिस, 1700 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का आया आदेश
Chaitra Month 2024: हिंदू धर्म में क्यों है चैत्र का इतना महत्व, जानिए चैत्र माह के नियम और पर्व-त्योहार से जुड़ी संपूर्ण जानकारी
हिंदू धर्म में क्यों है चैत्र का इतना महत्व, जानिए चैत्र माह के नियम और पर्व-त्योहार से जुड़ी संपूर्ण जानकारी
Mukhtar Ansari Death: 'जहर देने के आरोप बेबुनियाद, कोई जांच कराना चाहे तो करा ले', मुख्तार की मौत की कॉन्सपिरेसी थ्योरी पर बोले राजनाथ सिंह
'जहर देने के आरोप बेबुनियाद, कोई जांच कराना चाहे तो करा ले', मुख्तार की मौत की कॉन्सपिरेसी थ्योरी पर बोले राजनाथ सिंह
RCB vs KKR: क्या स्टार्क को सता रहा है कोहली का डर? IPL इतिहास में पहली बार होगा सामना
क्या स्टार्क को सता रहा है कोहली का डर? IPL में पहली बार होगा सामना
Bank Holiday in April 2024: अप्रैल में 14 दिन बैंक बंद! यहां देखें RBI की बैंक हॉलिडे लिस्ट
अप्रैल में 14 दिन बैंक बंद! यहां देखें RBI की बैंक हॉलिडे लिस्ट
Digilocker App: जेब में नहीं रखने पड़ेंगे तमाम जरूरी डॉक्यूमेंट, ये एक ऐप ही कर देगा सारे काम
जेब में नहीं रखने पड़ेंगे तमाम जरूरी डॉक्यूमेंट, ये एक ऐप ही कर देगा सारे काम
चुटकी भर हींग से दूर होती है सेहत से जुड़ी कई परेशानियां, जानें कब और कैसे करें इस्तेमाल...
चुटकी भर हींग से दूर होती है सेहत से जुड़ी कई परेशानियां, जानें कब और कैसे करें इस्तेमाल...
ABP Shikhar Sammelan: 'कोई माई का लाल...', चीन को लेकर सवाल पर राजनाथ सिंह ने सुनाई खरी-खरी
'कोई माई का लाल...', चीन को लेकर सवाल पर राजनाथ सिंह ने सुनाई खरी-खरी
Embed widget