केरल बाढ़: राहुल गांधी ने अपने हेलीकॉप्टर से पहले एयर ऐंबुलेंस को उड़ान भरने दी
राहुल गांधी ने सद्भावना दिखाते हुए केरल के एक कॉलेज में बने एक हेलीपैड से अपने हेलीकॉप्टर से पहले एक एयर एंबुलेंस को उड़ान भरने दी. ऐंबुलेंस को दिल की बीमारी वाले एक मरीज को चेंगनूर के एक राहत शिविर से अलपुझा मेडिकल कॉलेज ले जाया जाना था.

तिरूवनंतपुरम: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सद्भावना दिखाते हुए केरल के एक कॉलेज में बने एक हेलीपैड से अपने हेलीकॉप्टर से पहले एक एयर एंबुलेंस को उड़ान भरने दी. चेंगनूर क्रिश्चन कॉलेज में हेलीकॉप्टर में चढ़ने के फौरन बाद, गांधी ने हेलीपैड पर एक एयर ऐंबुलेंस को खड़ा देखा और एसपीजी के कर्मियों से इसके बारे में पूछा. उन्होंने गांधी को बताया कि एयर ऐंबुलेंस को दिल की बीमारी वाले एक मरीज को चेंगनूर के एक राहत शिविर से अलपुझा मेडिकल कॉलेज ले जाया जाना है.
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक पी सी विष्णुनाथ ने बताया, ‘‘इसके बाद राहुल गांधी ने एसपीजी के कर्मियों से पहले एयर ऐंबुलेंस को उड़ान भरने की इजाजत देने को कहा और एयर ऐंबुलेंस के पहले उड़ान भरने की खातिर मार्ग प्रशस्त करने के लिए 30 मिनट इंतजार किया.’’
कल से केरल दौर पर राहुल आपको बता दें कि राहुल गांधी मंगलवार से केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं. राहुल ने केरल के एर्नाकुलम पहुंच कर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता ओमान चांडी और शशि थरूर भी मौजूद रहे. उनका ये दौरा आज भी जारी है.
केरल आने से पहले राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''मैं कल और परसों केरल में रहूंगा. बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगा, राहत शिविरों में जाऊंगा और मछुआरों, जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से मदद कर स्वयंसेवियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात करूंगा.''
I will be in Kerala tomorrow & the day after, visiting flood hit areas & relief camps in the state. I will also meet with fishermen, volunteers & others who have been working tirelessly & selflessly to help those in need. #KeralaFloods
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 27, 2018
केरल में भयावह बाढ़ को देखते हुए हाल ही में गांधी ने पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों को निर्देश दिया था कि अपना एक महीने का वेतन लोगों की मदद के लिए दें. कांग्रेस के मुताबिक, राहुल गांधी के निर्देश पर केरल से लगे राज्यों की पार्टी इकाइयों और भारतीय युवा कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता केरल में लगातार राहत कार्य में लगे हुए हैं.
केरल बाढ़ पर अबतक की एक नज़र आपको बता दें कि भारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़ने की वजह से खोले गए 20 से ज़्यादा बांधों ने केरल में तबाही मचा दी. हालांकि, राज्य ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के बिना जानकारी दिए मुल्ला पेरियार बांध खोलने की वजह से राज्य में ऐसा तबाही आई. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अनुसार राज्य में 21,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिसकी वजह से उन्होंने क्रेंद सरकार से इतने की ही मदद मांगी थी.
विजयन सरकार ने मोदी सरकार से तत्काल मदद के तौर पर 1000 करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन शरुआती मदद के तौर पर महज़ 100 करोड़ रुपए दिए गए. बाद में इस रकम में 500 करोड़ और जोड़े गए. वहीं, देश के अन्य राज्य मदद के तौर पर केरल को करीब 200 करोड़ की रकम देने वाले हैं. जिस राज्य को 21,000 करोड़ का नुकसान हुआ है उसे अभी तक कुल 1000 करोड़ के आस पास की रकम मिल पाई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि 400 लोगों मौत और 10 लाख से ज्यादा लोगों के विस्थापन का सामना करने वाले इस राज्य को बाढ़ की विभीषिका से उबरने में लंबा समय लगेगा. राहत से जुड़ी रकम की कमी को देखते हुए ये समय और लंबा हो सकता है. ऐसे में जजों के प्रयास से इक्ट्ठा किए गए ये 10 लाख जैसी हर रकम राज्य के लिए बेहद मददगार साबित होने वाली है.
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Source: IOCL























