कश्मीर मुद्दा मोदी सरकार की सबसे बड़ी असफलता: कांग्रेस
कांग्रेस ने कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा हमला बोला है. कांग्रेस ने कहा कि कश्मीर मुद्दा मोदी सरकार की सबसे बड़ी असफलताओं में से एक है.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा हमला बोला है. कांग्रेस ने कहा कि कश्मीर मुद्दा मोदी सरकार की सबसे बड़ी असफलताओं में से एक है. कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर पीएम मोदी के विदेशी यात्राओं से भारत को क्या हासिल हुआ. उन्होंने कहा कि मोदी जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को लेकर संयुक्त राष्ट्र की भयावह रिपोर्ट को रोकने में नाकाम रहे.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने घाटी की स्थिति को लकर अपनी पार्टी की चिंता को रेखांकित किया और सरकार से कहा कि 28 जून को शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों को वे सार्वजनिक करें. खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस कश्मीर मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक के लिए चार साल से इंतजार कर रही है.
कश्मीर में मानवाधिकार के कथित उलंघन को लेकर यूएन की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने कहा, ‘‘इतिहास में इससे पहले कभी भी संयुक्त राष्ट्र ने ऐसी रिपोर्ट जारी करने की हिम्मत नहीं की. ऐसी रिपोर्ट मिलने के बाद हमारे सिर शर्म से झुक जाते हैं. आपकी (मोदी सरकार) नीतियों को धन्यवाद. ’’ खेड़ा ने कहा, ‘‘इस तरह की कोई रिपोर्ट शायद स्वतंत्र भारत के इतिहास में कभी नहीं आयी. क्या भारत आपके कारण शर्मिंदा नहीं है. यह आपका अपराध है कि आपने ऐसी रिपोर्ट आने की अनुमति दी.’’
खेड़ा ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने "सांप्रदायिक राजनीति" के प्रयोग के लिए कश्मीर को घृणित प्रयोगशाला में बदल दिया है. घाटी की स्थिति केंद्र सरकार की न केवल आंतरिक नीतियों बल्कि इसकी विदेश नीति की भी विफलता है. घाटी की मौजूदा स्थिति 1990 के दशक से भी बदतर हो गयी है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की समस्याओं के कारण चुनाव आयोग अनंतनाग में लोकसभा उपचुनाव कराने में असमर्थ है.
खेड़ा ने कहा कि वर्तमान सरकार के तहत एक उपचुनाव में सिर्फ सात प्रतिशत मतदान हुआ जबकि यूपीए कार्यकाल के दौरान 71 प्रतिशत मतदान हुआ था. उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक के रूप में जाना जाएगा. 1990 के दशक में जो स्थिति थी, वहां की मौजूदा स्थिति शायद उससे भी बदतर हो रही है.’’ 27 दिनों में कश्मीर में 57 बड़े हमले हुए हैं.
खेड़ा ने दावा किया कि दुनिया इसे एक क्षेत्रीय मुद्दे के रूप में देखती थी वहीं बीजेपी ने इसे सांप्रदायिक रंग दे दिया. कठुआ में एक मुस्लिम जनजाति समुदाय की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया गया.
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