कर्नाटक: विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने कांग्रेस के 2 MLA सहित तीन विधायकों को अयोग्य ठहराया
कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए सदस्य ना तो चुनाव लड़ सकते हैं, ना ही सदन का कार्यकाल खत्म होने तक विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं.

नई दिल्लीः कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों रमेश जरकिहोली और महेश कुमातल्ली को अयोग्य घोषित कर दिया है. इन दोनों विधायकों को 2023 में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक अयोग्य घोषित किया गया है. इनके अलावा कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने निर्दलीय विधायक आर. शंकर को भी 2023 में उनका कार्यकाल समाप्त होने तक सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया.
रमेश कुमार ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर शंकर को अयोग्य करार दिये जाने की घोषणा की. राज्य के बागी विधायकों की अयोग्यता की मांग करते हुए कांग्रेस और जेडीएस ने कुल 17 याचिकाएं दायर की हैं. इनके बारे में रमेश कुमार ने कहा कि सभी 17 मामले अलग-अलग हैं. स्पीकर ने कहा कि मैं किसी जल्दबाजी में नहीं हूं. आर शंकर केपीजेपी के विधायक थे जिन्होंने कांग्रेस के साथ खुद को विलय कर लिया था और बाद में कांग्रेस के बागी विधायकों में शामिल हो गए थे. आर शंकर को अयोग्य करार देने की घोषणा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अन्य विधायकों का ब्यौरा दिया, जिनकी बगावत के चलते राज्य में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार गिर गई.
Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar: MLAs(Rebel Congress MLAs) Ramesh L Jarkiholi and Mahesh Kumathalli have also been disqualified under anti defection law of the 10th schedule. https://t.co/wKzlHyZDQu
— ANI (@ANI) July 25, 2019
आज विधानसभा अध्यक्ष को बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसला करना था और उन्होंने पहले ही कह दिया था कि बागी विधायकों के पास उनके सामने उपस्थित होने के लिये अब और विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा है कि बागी विधायकों को उनके समक्ष उपस्थित होने का अब और मौका नहीं मिलेगा और अब यह अध्याय बंद हो चुका है. उन्होंने कहा, ‘कानून सबके लिये समान है. चाहे वह मजदूर हो या भारत का राष्ट्रपति’.
कुमार ने कहा कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए सदस्य ना तो चुनाव लड़ सकते हैं, ना ही सदन का कार्यकाल खत्म होने तक विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं. अपना फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में शेष 14 मामलों पर फैसला करेंगे. कुमार ने कहा कि वह मानते हैं कि तीनों सदस्यों ने स्वेच्छा और सही तरीके से इस्तीफा नहीं दिया और इसलिए उन्होंने उन्हें अस्वीकार कर दिया और दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की. कुमार ने कहा, ‘उन्होंने संविधान (दलबदल विरोधी कानून) की 10 वीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन किया और इसलिए अयोग्य करार दिए गए. राज्य में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के गिरने के दो दिन बाद स्पीकर ने इसकी घोषणा की है.
उन्होंने बताया कि संविधान की 10वीं अनुसूची में आने वाले दल बदल कानून के तहत ये कार्रवाई की गई है. रमेश जरकिहोली और महेश कुमातल्ली को कई बार नोटिस दिए गए लेकिन उन्होंने उसका जवाब नहीं दिया. कांग्रेस ने रमेश जरकिहोली और महेश कुमातल्ली को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी और ये मांग फरवरी में की गई थी. स्पीकर ने ये भी बताया कि बागी विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंपने से पहले मिलने के लिए समय नहीं मांगा.
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