जानिए कितनी होती है सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की सैलरी, पहले के मुकाबले बढ़ी है
देश के नए CJI की नियुक्ति के लिए जस्टिस एनवी रमना का नाम CJI बोबडे ने सरकार को दिया है. 23 अप्रैल को CJI बोबडे का कार्यकाल पूरा होने के चलते उन्होंने सरकार से जस्टिस रमना के नाम की सिफारिश की है.

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने देश के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस एनवी रमना की सिफारिश सरकार को भेजी है. दरअसल जस्टिस बोबडे का कार्यकाल 23 अप्रैल को पूरा हो जाएगा. फिर देश को नए CJI की नियुक्ति करनी होगी. इसलिए CJI बोबडे ने जस्टिस रमना का नाम दिया है. वहीं अगर सरकार ये सिफारिश मान लेती है तो 24 अप्रैल को देश को उसका नया CJI जस्टिस रमना के रूप में मिल जाएगा. वैसे रमना 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. वहीं हैरान करने वाली बात ये है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने हाई कोर्ट में जस्टिस रमना के दखल करने को लेकर शिकायत की थी. लेकिन अब जब खुद CJI बोबडे ने उनके नाम की सिफारिश की है तो साफ है कि उन्होंने शिकायत को खारिज कर दिया है.
कितनी होती है CJI की सैलरी?
पिछले साल कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सैलरी में करीब 200 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की थी. इस बढ़ोत्तरी के बाद CJI की सैलरी अब ₹ 2,80,000 रुपए प्रति महीना हो गई है. जबकि पहले CJI की सैलरी 1 लाख रुपए महीने थी.
जस्टिस रमना साल 2000 में बने थे आंध्र प्रदेश HC के जज
जस्टिस एनवी रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश में कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में हुआ था. वो पहली बार 10 फरवरी 1983 को वकील बने थे. रमना को 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी जज के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम किया था.
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