Joshimath Landslide: जोशीमठ में खौफ के बीच चमोली डीएम का दावा- पूरे शहर में नहीं हो रहा भू-धंसाव, घरों में पहले से थीं दरारें
Joshimath Landslide: उत्तराखंड के जोशीमठ में स्थित घरों में दरार आने को लेकर डीएम हिमांशु खुराना ने नया दावा किया है.

Joshimath Landslide: उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने शनिवार (7 जनवरी) को दावा किया कि पूरे एरिया में ऐसा नहीं हो रहा है.
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने शनिवार (7 जनवरी) को कहा, ''पूरे क्षेत्र में धंसाव नहीं है. एक हिस्सा है जहां पहले से कुछ दरारें थी. वैज्ञानिक अभी अध्ययन कर रहे हैं कि किस कारण से ऐसा हो रहा है. अधिकांश जोशीमठ में ऐसा नहीं हो रहा है इसलिए हम जोशीमठ में ही लोगों को स्थानांतरित कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र में भूकंप नहीं है इसलिए लोगों को सुरक्षित जगह पर भेज सकते हैं.
डीएम हिमांशु खुराना ने और क्या कहा
डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि लोगों को सुरक्षित जगह स्थानांतरित करने का काम तेजी से चल रहा है. उन्होंने आगे बताया कि हम लोगों को जोशीमठ में स्थित होटलों में जगह देंगे. बड़े शेल्टर होम के लिए जगह खोजी जा रही है. सीएमओ की तरफ से हर प्रभावित परिवार को 6 महीने तक 4000 रुपये दिए जाएंगे. इसी बीच पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ का शनिवार (7 जनवरी) का दौरा किया. उन्होंने प्रभावित लोगों से मिलकर उन्हें सभी तरह की सहायता देने की बात कही है.
मामला क्या है?
उत्तराखंड के जोशीमठ के घरों में दरारें आ गई हैं. इसी को लेकर शुक्रवार (6 जनवरी) को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ शहर के दरार और जोखिम भरे घरों में रह रहे करीब 600 परिवारों को तत्काल वहां से निकालने का आदेश दिया.
उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राज्य के चमोली जिले में, बदरीनाथ तथा हेमकुंड साहिब के रास्ते में आने वाला जोशीमठ समुद्र तल से 6,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और भूकंप के अत्यधिक जोखिम वाले ‘जोन-पांच’ में आता है.
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