राजस्थान: चुनाव से पहले बीजेपी को झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र ने छोड़ी पार्टी
मानवेंद्र और बीजेपी के रिश्ते बीते चार साल से तल्ख बने हुए थे. इसकी शुरुआत 2014 के आम चुनाव में पार्टी की तरफ से जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिए जाने से हुई.

बाड़मेर: पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और राजस्थान के शिव से बीजेपी विधायक मानवेंद्र सिंह जसोल ने शनिवार को पार्टी से औपचारिक रूप से नाता तोड़ लिया. उन्होंने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. पचपदरा में अपनी बहु्प्रचारित स्वाभिमान रैली के बाद जसोल में मानवेंद्र ने कहा कि उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ लिया है और वह आगामी लोकसभा चुनाव घर (बाड़मेर-जैसलमेर सीट) से लड़ेंगे.
कांग्रेस में जाने के सवाल पर मानवेंद्र ने कहा कि अब वह धन्यवाद यात्रा पर निकलेंगे, घर घर जाकर लोगों को धन्यवाद देंगे और आगे की राजनीतिक राह भी उनकी राय से ही तय करेंगे. इससे थोड़ी देर पहले ही मानवेंद्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा से स्पष्ट कहा,‘ मैं अब भाजपा में नहीं हूं.’
I would like to thank my supporters. I will do whatever they ask me to do. Their decision is my decision but I will ask everyone: Manvendra Singh, MLA and senior BJP leader Jaswant Singh's son who quit BJP today, when asked if he will now join Congress party #Rajasthan pic.twitter.com/lQhoAzi7Ix
— ANI (@ANI) September 22, 2018
वहीं बाड़मेर के पास पचपदरा में अपनी बहुप्रचारित रैली में मानवेंद्र ने ‘कमल का फूल, बड़ी भूल’ कहते हुए पार्टी से नाता तोड़ने का संकेत दिया था. इस स्वाभिमान रैली में बड़ी संख्या में राजपूत और दूसरे वर्ग के लोग पहुंचे. रैली को संबोधित करते हुए मानवेंद्र ने कहा कि पार्टी आलाकमान और बड़े नेताओं के कहने पर वे साढ़े चार साल से धैर्य रखे हुए थे, लेकिन अब उनका धैर्य टूट गया है. उन्होंने कहा कि अपनी चिंताओं और मुद्दों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष को अवगत करवाया था. मानवेंद्र ने कहा,‘जब निर्णय लेने वाले निर्णय नहीं कर पाते तो धैर्य टूट जाता है.’
रैली में कांग्रेस जिंदाबाद के नारों के बीच मानवेंद्र ने ‘कमल का फूल, बड़ी भूल’ कहा. मानवेंद्र और बीजेपी के रिश्ते बीते चार साल से तल्ख बने हुए थे. इसकी शुरुआत 2014 के आम चुनाव में पार्टी की तरफ से जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिए जाने से हुई. बता दें कि राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
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Source: IOCL





















