भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने फोन पर की बातचीत, जल्द हो सकती है क्वाड की बैठक
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ के बीच बातचीत हुई. इसके अलावा हिंद-प्रशांत और चतुष्पक्षीय वार्ता समेत क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर चर्चा हुई.

वाशिंगटन: विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने, हिंद-प्रशांत और चतुष्पक्षीय वार्ता समेत क्षेत्रीय व वैश्विक मामलों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रधान उप प्रवक्ता कैले ब्राउन ने बताया कि दोनों नेताओं ने गुरुवार को फोन पर बातचीत के दौरान हिंद-प्रशांत और विश्वभर में समृद्धि व शांति कायम रखने और सुरक्षा मजबूत करने में भारत और अमेरिका के संबंधों की महत्ता की बात दोहराई.
जयशंकर ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने पोम्पिओ के साथ व्यापक मामलों पर बातचीत की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रासंगिक तंत्रों की कार्यप्रणाली समेत द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. दक्षिण एशिया, अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत समेत क्षेत्रीय व वैश्विक मामलों पर आकलन साझा किए.’’
Exchanged views on responding to the Coronavirus challenge. Discussed meeting in the Quad format in the near future.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 7, 2020
इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस चुनौती से निपटने पर विचार साझा किए. निकट भविष्य में चतुष्पक्षीय बैठक को लेकर चर्चा की.’’ भारत और अमेरिका ने संसाधन समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर बातचीत की. इस क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इस मामले पर 2018 में गोवा में हुई भारत-अमेरिका समुद्री सुरक्षा वार्ता के तीसरे दौर में भी विस्तार से बातचीत हुई थी.
अमेरिका रणनीतिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को बड़ी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है. ब्राउन ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मामलों में निकट सहयोग जारी रखने व इस वर्ष के आखिर में अमेरिका भारत ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता और चतुष्पक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई.’’
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने हिंद-प्रशांत में अहम समुद्री मार्गों को चीन के प्रभाव से मुक्त करने के लिए नई रणनीति विकसित करने के मकसद से नवंबर 2017 में चतुष्पक्षीय गठबंधन को आकार दिया था. पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता सितंबर 2018 में नई दिल्ली में हुई थी.
ब्राउन ने बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान जयशंकर और पोम्पिओ ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने, अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को समर्थन देने और क्षेत्र को अस्थिर करने वाले हालिया कदमों समेत अंतरराष्ट्रीय चिंता के मामलों पर जारी द्विपक्षीय व बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा की.
दोनों नेता कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान लगातार संपर्क में हैं. इस महामारी से विश्वभर में सात लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब एक करोड़ 90 लाख लोग संक्रमित हैं.
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Source: IOCL






















