Population Crisis: 'धर्म बदलने के लिए मजबूर करना...', उपराष्ट्रपति धनखड़ ने धर्मांतरण पर क्या बोला, जानें
Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति धनखड़ ने तिरुवनंतपुरम में जनसांख्यिकीय बदलाव पर चिंता जताते हुए कहा कि ये चुनावी नतीजों को प्रभावित कर रहा है.

Jagdeep Dhankhar Speech: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत में कुछ क्षेत्र ऐसे बन चुके हैं, जहां चुनाव के परिणाम पहले से तय माने जाते हैं. उन्होंने कहा कि ये बदलाव सांख्यिकीय परिवर्तन की वजह से हो रहा है, जिससे कुछ जगहों पर चुनावी प्रक्रिया का महत्व कम होता जा रहा है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जनसंख्या में हो रहे बदलावों को बहुसंख्यकवाद से भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि जनसंख्यात्मक विकास जैविक, प्राकृतिक और शांतिपूर्ण होना चाहिए. अगर ये बदलाव जबरन किए जाते हैं तो ये एक गंभीर समस्या बन सकती है. उन्होंने कहा कि भारत की जनसांख्यिकीय पवित्रता को बनाए रखने के लिए एक्टिव रहना जरूरी है.
अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर धनखड़ ने जताई चिंता
धनखड़ ने देश में अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि इन प्रवासियों की संख्या पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये भारत की इकॉनमी और संसाधनों पर दबाव डालते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ये प्रवासी धीरे-धीरे चुनावी राजनीति का हिस्सा बन जाते हैं जिससे देश के लोकतंत्र को खतरा हो सकता है.
उपराष्ट्रपति बोले भारत अब तकनीकी रूप से सशक्त
उपराष्ट्रपति ने ये भी कहा कि भारत अब सपेरों का देश नहीं रहा. आज देश तकनीकी और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ी प्रगति कर रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बिजली, पानी, सड़क, इंटरनेट और शिक्षा जैसी सुविधाएं तेजी से पहुंचाई जा रही हैं जिससे भारत विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बना रहा है.
जबरन धर्मांतरण पर सख्त रुख
धनखड़ ने धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों को सहायता देने के बहाने धर्मांतरण करवाना अस्वीकार्य है. हर नागरिक को अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन किसी को लालच देकर धर्म बदलने के लिए मजबूर करना गलत है. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण का ये तरीका भारत की सांस्कृतिक धरोहर के खिलाफ है.
भारत की एकता-अखंडता सभी की जिम्मेदारी-उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें इन चुनौतियों को पहचानकर इनका समाधान निकालना होगा. उन्होंने लोगों से जागरूक रहने और राष्ट्र की जनसांख्यिकीय संरचना को बचाने के लिए एक्टिव रहने की अपील की. धनखड़ ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता बनाए रखना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है.
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