Coronavirus: देश में 2 कोरोना वैक्सीन फेज-1 और फेज-2 ट्रायल में हैं- केंद्र सरकार
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कोरोना वैक्सीन को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ऑक्सफॉर्ड और बुवान वैक्सीन के शुरुआती नतीजे प्रोत्साहित करने वाले हैं.

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे है. अब आज इसको केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस हुई. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी राजेश भूषण ने बताया कि भारत में आज भी 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना मामलों की संख्या 837 है जो विश्व के बड़े देशों की तुलना में काफी कम है, कुछ देश तो ऐसे हैं जहां भारत की तुलना में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 12 या 13 गुना मामले हैं.
वहीं नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कोरोना वैक्सीन को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड और बुहान वैक्सीन के शुरुआती नतीजे प्रोत्साहित करने वाले हैं. देश में 2 कोरोना वैक्सीन फेज-1, फेज-2 ट्रायल में आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि इसकी चर्चा पहले ही शुरू हो गई है कि वैक्सीन उन सभी को कैसे उपलब्ध कराए जाएंगे जिन्हें इसकी आवश्यकता है.
India's two COVID19 vaccines are in phase 1 and 2 of trials. Discussions have already begun how will the vaccines be made available to all those who need it: Dr VK Paul, Member (Health), NITI Aayog pic.twitter.com/NWUlNf7Ffa
— ANI (@ANI) July 21, 2020
भारत में कोरोना की वैक्सीन पर काम बहुत तेज गति में चल रहा है. दिल्ली के एम्स अस्पताल में वैक्सीन क ह्यून ट्रायल शुरू हो चुका है. एम्स में पहले चरण में करीब 100 लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इस ट्रायल के नतीजे तीन महीने में सामने आएंगे.
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह ट्रायल शुरू होना खुशी की बात है. एक नया टीका बनाना सच में बहुत बड़ी उपलब्धी होगी. अगर दुनिया में कहीं यह वैक्सीन बनती तो भी भारत में इसका बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू किया जाएगा. बता दें कि यह ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण है. स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को लेकर देश के 12 संस्थानों में काम बेहद तेजी में चल रहा है.
वहीं एम्स में पूरे परिक्षण पर निगरानी रख रहे डॉ. संजय राय ने कहा, ''पहले चरण के ट्रायल में 18-55 साल आयुवर्ग के 375 लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. दूसरे चरण से 12-65 साल आयुवर्ग के 750 लोगों होंगे. इसके बाद तीसरे चरण में एक बड़ी आबाी को वैक्सीन दी जाएगी.''
डॉ. रॉय ने बताया कि परीक्षण के लिए महिला और पुरुण दोनों को वैक्सीन दी जाएगी लेकिन महिला गर्भवती नहीं होनी चाहिए. सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है. वैक्सीन के प्रभाव को लेकर उन्होंने कहा कि यह वायरस के म्यूटेशन पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा, ''इन्फ्लुएंजा के लिए कई टीकाकरण की आवश्यकता होती है क्योंकि वायरस म्यूटेशन करता रहता है. हमने COVID -19 के साथ इस तरह के म्यूटेशन को नहीं देखा है.''
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