कोमोडोर ज्योति रैना हुए वीरता के नौसेना मेडल से सम्मानित, पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी नौसेना से की थी देश की रक्षा
पाकिस्तान की नौसेना को बंदरगाह में बांधे रखने के लिए सरकार ने भारतीय नौसेना के कोमोडर ज्योति रैना को वीरता के नौसेना मेडल से सम्मानित किया है.बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद कोमोडर रैना ने अपने जंगी जहाजों को ऑपरेशन्स में तैनात करने के साथ-साथ देश के बंदरगाहों पर भी अपने युद्धपोत तैनात कर दिए थे.

नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की नौसेना को बंदरगाह में बांधे रखने के लिए सरकार ने भारतीय नौसेना के कोमोडोर ज्योति रैना को वीरता के नौसेना मेडल से सम्मानित किया है. नौसेना द्वारा जारी कोमोडोर के प्रशस्ति पत्र के मुताबिक, पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की पनडुब्बियां भारत के बंदरगाहों के बेहद करीब पहुंच गईं थीं लेकिन भारतीय नौसेना की मुंबई स्थित पश्चिमी कमान के फ्लीट ऑपरेटिंग ऑफिसर (एफओओ) के पद पर तैनात कोमोडर ज्योति रैना ने कुशलतापूर्वक अपने जंगी बेड़े को पाकिस्तान की समुद्री सीमा में इस तरह तैनात किया कि पाकिस्तानी नौसेना डर गई है और अपने बंदरगाहों से बाहर नहीं निकल पाई.
प्रशस्ति पत्र के मुताबिक, कोमोडर रैना ने अपने जंगी जहाजों को ऑपरेशन्स में तैनात करने के साथ-साथ देश के बंदरगाहों पर भी अपने युद्धपोत तैनात कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, इसका नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तानी पनडुब्बियों को भी आनन-फानन में भारत के बंदरगाहों से वापस लौटना पड़ा. कोमोडर रैना की इस कुशल रणनीति के लिए सरकार ने उन्हें वीरता के नौसैना मेडल से नवाजा है. कोमोडर रैना दिसम्बर 2018 से पश्चिमी नौसेना कमान में एफओओ के पद पर तैनात हैं.
रची ऐसी व्यूह रचना कि उखड़ गए पाकिस्तानी नौसेना के पांव
पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की परिस्थितियां बन गई थीं. माना जा रहा है कि बालाकोट के हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तानी नौसेना भारत पर समुद्री हमला करने की फिराक में थी, लेकिन उसी दौरान भारतीय नौसेना अरब सागर में एक बड़ी एक्सरसाइज, ट्रोपेक्स कर रही थी. जैसे ही पाकिस्तान की पनडुब्बियां भारत की समुद्री सीमा में पहुंची कमोडोर रैना के नेतृत्व में भारत ने ऐसी व्यूह रचना की कि पाकिस्तानी नौसेना के पांव उखड़ गए.
कितनी हैं भारत और पाकिस्तान के बाद पनडुब्बियां
आपको बता दें कि पाकिस्तान के पास इस वक्त पांच पनडुब्बियां हैं और आठ पनडुब्बियां चीन की मदद से बना रहा है. भारत के पास 15 पनडुब्बियां हैं और चार पनडुब्बियां फ्रांस की मदद से मझगांव डॉकयार्ड में बन रही हैं. हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने प्रोजेक्ट 75 आई के तहत छह और पनडुब्बियां बनाने के लिए एलएंडटी और मझगांव डॉकयार्ड को चुना है.
गौरतलब है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी वायुसेना ने हवाई हमला करने की कोशिश की थी. लेकिन उसके हवाई हमला का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भाग खड़े हुए थे. इसी डॉगफाइट में विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी फाइटर जेट एफ16 का पीछा करते हुए पाकिस्तानी एयर स्पेस में दाखिल हो गए थे और उनका मिग21 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया था जिसके बाद उन्हें बंदी बना लिया गया था लेकिन भारत के दवाब के बाद पाकिस्तान ने उन्हें बाद में रिहा कर दिया था.
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