Kolkata Doctor Murder Case: 'पुलिस ने सबूत मिटाने के प्रयास किए, CM ममता इसे नकार नहीं सकती', आरजी कर मामले में पीड़ित परिवार के गंभीर आरोप
Mamata Banerjee: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म मामले में परिजनों ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन पर सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया है.

CBI Investigation: पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित तौर पर दुष्कर्म और हत्या का शिकार हुई 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर के परिजनों ने शुक्रवार (24 जनवरी) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने प्रशासन की जिम्मेदारी से भाग नहीं सकतीं और इस मामले में पुलिस और अस्पताल के कर्मचारियों ने सबूत मिटाने की कोशिश की.
डॉक्टर की मां ने कहा कि कोलकाता पुलिस अस्पताल प्रशासन और तृणमूल कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने मिलकर इस घिनौनी घटना को दबाने का प्रयास किया ताकि सच सामने न आए. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन मुख्य अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी उन्हें बचाने की कोशिश की गई. साथ ही सीबीआई (CBI) पर भी दोषी पक्ष की पूरी भूमिका का पता नहीं लगाने का आरोप लगाया.
डॉक्टर की मां ने मुख्यमंत्री से किया सवाल
डॉक्टर की मां ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री को ये स्पष्ट करना होगा कि अपराध स्थल को क्यों सील नहीं किया गया और कैसे लोगों के आ जाने से सबूत से छेड़छाड़ की गई. उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि 9 अगस्त की सुबह से दोपहर तक क्षेत्र में 68 लोग घूमते हुए देखे गए थे, लेकिन केवल एक व्यक्ति संजय रॉय को अपराध का दोषी क्यों ठहराया गया?
CBI और राज्य सरकार की भूमिका पर उठे सवाल
वहीं पीड़ित के पिता ने आरोप लगाया कि CBI ने उनकी ओर से दिए गए बयान के बावजूद मामले की गंभीरता को नहीं समझा और मामले में शामिल बाकी दोषियों की भूमिका की जांच नहीं की. उन्होंने कोलकाता पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने मामले की सही तरीके से जांच नहीं की और कुछ लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की.
TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोपों को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रवक्ता कुणाल घोष ने पीड़ित परिवार के आरोपों को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि ये आरोप कुछ ताकतों के द्वारा लगाए गए हैं जो राज्य सरकार को बदनाम करना चाहते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सीएम के निर्देश पर ही कोलकाता पुलिस ने घटना के तुरंत बाद जांच शुरू की थी और संजय रॉय को गिरफ्तार किया था.
इस मामले में दोषी ठहराए गए संजय रॉय जो कि एक पूर्व पुलिस स्वयंसेवक हैं. उन्होंने अदालत में अपनी सजा सुनाए जाने पर अपनी बेगुनाही का दावा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें फंसाया और उनके दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए. इस मामले को लेकर अभी भी विवाद जारी है और जांच के परिणाम को लेकर परिवार और अलग-अलग पक्षों की आपत्ति बनी हुई है.
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Source: IOCL























