IAF: हर साल बढ़ रही इंडियन एयरफोर्स की ताकत! HAL के पास है 83 फाइटर जेट बनाने का ऑर्डर, IAF ने किया ये बड़ा खुलासा
HAL Fighter Jet: भारतीय वायु सेना की लगातार ताकत बढ़ रही है. IAF ने नए फाइटर जेट के लिए HAL को कई ऑर्डर दिए हैं. इस बात का खुलासा एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने किया है.
Indian Air Force: भारतीय वायु सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए लगातार नए फाइटर जेट बनाए जा रहे हैं. इन विमानों को IAF के बेड़े में शामिल किया जाएगा, जिससे सेना की ताकत को और भी मजबूती मिल पाएगी. इस बीच एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने फाइटर जेट के निर्माण को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई से खास बात की.
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा, 'अभी हम फाइटर जेट के प्रोडक्शन को बढ़ा रहे हैं. हम प्रति वर्ष 12-14 विमान तैयार करने में सक्षम हैं और अगले साल ये संख्या 16 तक पहुंच जाएगी. उसके बाद हमारा टारगेट हर साल 24 जेट बनाने पर रहेगा. हमने पहले ही एचएएल को 83 विमानों का ऑर्डर दे दिया है और हम आगे के लिए एचएएल के साथ 97 विमानों को बनाने की प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे. इसलिए हमने जो फाइटर जेट्स का ऑर्डर दिया है या ऑर्डर करने की प्रक्रिया में हैं. उसकी मात्रा बहुत बड़ी है और यह ट्रेंड जारी रहेगा.
क्या बोले एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित
एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा, ''आज सम्मेलन में हमने गोला-बारूद के विस्तार और स्वदेशी दृष्टिकोण और विभिन्न प्रकार के इनोवेशन के उपयोग पर चर्चा की है, ताकि हवा से हवा, हवा से जमीन और सतह से मार करने वाले गोला-बारूद के उत्पादन में दुनिया में विश्व लीडर बन सकें." उन्होंने कहा कि भारत और भारतीय वायु सेना सभी प्रकार के हवा से छोड़े जाने वाले गोला-बारूद में आत्मनिर्भर हो रहे हैं.
#WATCH | Delhi: Air marshal Ashutosh Dixit says, "Right now, we are ramping up the jet production. We are able to produce 12-14 aircraft per year. Next year we will touch 16 and after that, we should be able to touch 24. We have orders for HAL. We have already given an order of… pic.twitter.com/xJR1EMmwoO
— ANI (@ANI) May 7, 2024
'गोला-बारूद के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा भारत'
उन्होंने आगे कहा कि हम हवा से जमीन पर मार करने वाले कई हथियार स्वदेशी रूप से विकसित करने में भी सक्षम हुए हैं. विश्व स्तरीय रक्षा निर्यातक बनने की भारत की इस यात्रा में भाग लेने के लिए उद्योग के पास पीएसयू, डीपीएसयू और डीआरडीओ के साथ साझेदारी करने के बहुत सारे अवसर हैं.
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