पहले दिखाए तेवर, फिर घुटनों पर आए ट्रूडो! कनाडा के यू टर्न पर भारत ने दिया जवाब,- 'बहुत हुआ नुकसान'
India-Canada Relation: भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात कहा कि हम लगातार यही कह रहे हैं कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया है.
India Canada Tension: भारत ने कनाडा के साथ चल रहे कूटनीतिक विवाद का ठीकरा सीधे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर डाल दी है. देर रात जारी एक बयान में विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के हालात से निपटने के तरीके की आलोचना करते हुए कहा कि कनाडा भारत के खिलाफ अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है.
विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात जारी अपने बयान में कहा, "आज हमने जो सुना है, वह इस बात की पुष्टि करता है कि हम लगातार यही कहते आ रहे हैं - कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है."
Our response to media queries regarding PM of Canada's deposition at the Commission of Inquiry: https://t.co/JI4qE3YK39 pic.twitter.com/1W8mel5DJe
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 16, 2024
बिगड़ते संबंधों के लिए कौन जिम्मेदार
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में सीधे तौर पर ट्रूडो को दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसमें कहा गया है, "इस लापरवाह व्यवहार ने भारत-कनाडा संबंधों को जो नुकसान पहुंचाया है, उसकी जिम्मेदारी अकेले प्रधानमंत्री ट्रूडो की है."यह तीखी प्रतिक्रिया ट्रूडो के विदेशी हस्तक्षेप जांच में बयान के बाद आई, जिसे भारत ने निराधार दावों की निरंतरता के रूप में देखा. भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद हाल के हफ्तों में और बढ़ गया है, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर स्थिति को गलत तरीके से संभालने का आरोप लगाया है.
ट्रूडो के इस यू-टर्न के बाद आई भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने यह तीखी प्रतिक्रिया ट्रूडो के विदेशी हस्तक्षेप जांच में बयान के बाद दी. बुधवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक जांच आयोग के सामने गवाही देते हुए इस बात को स्वीकार किया कि उनकी सरकार ने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बारे में भारत को कोई सबूत नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि जब कनाडाई एजेंसियों ने भारत से आरोपों की जांच करने के लिए कहा, तो नई दिल्ली ने सबूत मांगे. ट्रूडो ने माना कि उस समय, यह मुख्य रूप से खुफिया जानकारी थी, न कि ठोस साक्ष्य.
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