India Energy Week 2025: 1 साल में बदली भारत के ऊर्जा परिदृश्य की सूरत, पीएम सूर्य घर योजना से मिला नया आकार
India Energy Week 2025: पीएम सूर्ज घर योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सूर्य ऊर्जा की उपलब्धता और उपयोग को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है.

IEW 2025: राजधानी दिल्ली में द्वारका के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में जारी 'इंडिया एनर्जी वीक 2025' में भारत सरकार की पीएम सूर्य घर योजना की खूब चर्चा है. इस कार्यक्रम का आज तीसरा दिन है. 14 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम में सौर ऊर्जा पर चर्चा करने के लिए एक विशेष दौर का आयोजन किया गया. इसमें सौर ऊर्जा के विकास, उपयोग और इसके लाभों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई. इसमें विभिन्न शोधकर्ताओं, उद्योगियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपने तर्क रखे ताकि सौर ऊर्जा को भारत में और अधिक व्यावहारिक और व्यापक रूप से अपनाया जा सके.
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि पीएम सूर्ज घर योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सूर्य ऊर्जा की उपलब्धता और उपयोग को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है. उन्होंने यह भी बताया कि सूर्य ऊर्जा के लिए भारत का योगदान वैश्विक स्तर पर वृद्धि कर रहा है और यह भारत के नवीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है. देश की ऊर्जा उत्पादन की वृद्धि और स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्यों के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है.
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पीएम सूर्य घर योजना की पहली वर्षगांठ आज
बड़ी बात यह है कि आज इस योजना की पहली वर्षगांठ है. 13 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य छत पर सौर पैनल लगाने की सुविधा देकर घरों को मुफ़्त बिजली प्रदान करना है. दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सोलर पहल, पीएमएसजीएमबीवाई मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों को सौर ऊर्जा की आपूर्ति करने के उत्साहपूर्ण लक्षित दृष्टिकोण के साथ भारत के ऊर्जा परिदृश्य को नया आकार दे रही है.
8.46 लाख परिवारों ने को मिल रहा फायदा
27 जनवरी 2025 तक इस योजना के तहत 8.46 लाख परिवारों ने अपने घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की है. इसकी स्थापना दर पिछले कुछ महीनों में बहुत तेजी से बढ़ी है औऱ अब हर महीने लगभग 70 हजार घरों में यह प्रणाली लगाई जा रही है. इस योजना के तहत सरकार 40% तक सब्सिडी देती है, जिससे सौर ऊर्जा सस्ती और सुलभ हो जाती है.
लोगों को सस्ती और स्वच्छ सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने में सफल
अब तक 5.54 लाख परिवारों को सरकार ने 4,308 करोड़ रुपये की सहायता दी है, जिसका मतलब है कि प्रति परिवार औसतन 77,800 रुपये की सब्सिडी दी गई है. इस योजना के तहत लगभग 45% लाभार्थी अब अपने सौर ऊर्जा उत्पादन के कारण शून्य बिजली बिल का लाभ उठा रहे हैं. यह योजना लोगों को सस्ती और स्वच्छ सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने में सफल रही है.
Source: IOCL






















