2 लीटर पेट्रोल और दुश्मन का ड्रोन, मिसाइल सब भस्म! भारत के हाथ आई स्टार वॉर पावर, जानें क्या है ये
DRDO Chief : डीआरडीओ के अध्यक्ष वी. कामत ने कहा कि फिलहाल संगठन हाई एनर्जी सिस्टम्स पर काम कर रहा है, जो भविष्य में भारत को स्टार वार्स क्षमता प्रदान कर सकती है.

DRDO Lazer-DEW System Trial : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कर्नूल के नेशनल ओपन एयर रेंज (NOAR) में मार्क-II(ए) लेजर-निर्देशित एनर्जी वेपन (लेजर-डायरेक्ट एनर्जी वेपन या DEW) सिस्टम का सफल परीक्षण किया है. यह सिस्टम मिसाइलों, ड्रोन और छोटे प्रोजेक्टाइल को नष्ट करने की तकनीक में महारत हासिल करने के बाद विकसित की गई है. इस सफलता ने भारत को उच्च शक्ति वाले लेजर-डीईडब्ल्यू ने वाले देशों के विशेष क्लब में शामिल कर दिया है.
इस परीक्षण की मुख्य विशेषताएं:
- लंबी दूरी पर ड्रोन को निशाना बनाना: मार्क-2 सिस्टम ने अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए लंबी दूरी पर स्थित ड्रोन को निशाना बनाया और एक से ज्यादा ड्रोन हमले को तबाह कर दिया.
- उच्च गति और सटीकता: यह वेपन सिस्टम टारगेट को कुछ ही सेकंड में नष्ट करने की ताकत रखता है, जो इसे सबसे शक्तिशाली काउंटर-ड्रोन सिस्टम बनाती है.
- कम लागत और उच्च प्रभावशीलता: लेजर-DEW की फायरिंग की लागत कुछ ही सेकंड में दो लीटर पेट्रोल की लागत के बराबर है, जो इसे एक किफायती और प्रभावी विकल्प बनाती है.
भारत की रक्षा क्षमता में हुई बढ़ोत्तरी
यह परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश को उच्च शक्ति वाले लेजर हथियारों वाले देशों की श्रेणी में रखता है. DRDO की यह उपलब्धि भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है.
CHESS DRDO conducted a successful field demonstration of the Land version of Vehicle mounted Laser Directed Weapon(DEW) MK-II(A) at Kurnool today. It defeated the fixed wing UAV and Swarm Drones successfully causing structural damage and disable the surveillance sensors. With… pic.twitter.com/U1jaIurZco
— DRDO (@DRDO_India) April 13, 2025
भारत को स्टार वार्स क्षमता देने पर बोले DRDO चीफ
DRDO अध्यक्ष समीर वी. कामत ने कहा कि संगठन उच्च ऊर्जा प्रणालियों जैसे उच्च ऊर्जा माइक्रोवेव और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत को "स्टार वॉर्स क्षमता" प्रदान करने वाली कई टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा, “डायरेक्ट एनर्जी वेपन बेहद ही चुनिंदा देशों के पास है. करीब दो हफ्ते पहले अमेरिका ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों के ड्रोन के खिलाफ लेजर डायरेक्टिड एनर्जी वेपन का इस्तेमाल किया था.”
Source: IOCL






















