अब अमेरिका, रूस और फ्रांस पर निर्भर नहीं रहेगा भारत! खुद बनाएगा 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट; इंजन भी करेगा तैयार
भारत स्वदेशी AMCA फाइटर जेट और कावेरी 2.0 इंजन विकसित कर रहा है. ये प्रोजेक्ट भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियों के क्लब में शामिल करेगा.

भारत लंबे समय से अपनी वायुसेना को और मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहा है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने घोषणा की है कि भारत पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम है Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA).
तमिलनाडु के शिवकाशी में आयोजित यूथ एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस साइंस कांग्रेस (YASSC) 2025 में DRDO के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिलीबाबू विजयकुमार ने कहा कि विज्ञान और रिसर्च भारत की प्रगति की रीढ़ है. उन्होंने युवाओं को वैज्ञानिक सोच अपनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा दी.
कावेरी 2.0: स्वदेशी इंजन की नई ताकत
इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात है कि भारत सिर्फ विमान ही नहीं, बल्कि उसका इंजन भी स्वदेशी रूप से बना रहा है. गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) ने कावेरी 2.0 नाम का नया इंजन डिजाइन किया है. यह इंजन GE-F414 (अमेरिकी इंजन) की टक्कर का होगा. इंजन का कोर 55-58 kN थ्रस्ट पैदा करेगा. आफ्टरबर्नर (wet thrust) के साथ यह 90 kN से अधिक शक्ति देगा. इससे भारत की रक्षा तकनीक पूरी तरह आत्मनिर्भर होगी और किसी विदेशी इंजन पर निर्भरता नहीं रहेगी.
भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट
AMCA प्रोजेक्ट भारत को उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल करेगा जो पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट बना सकते हैं. अभी तक यह तकनीक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास है.
AMCA की खासियतें इस प्रकार है:
- सिंगल सीट और ट्विन इंजन डिज़ाइन
- हर मौसम में उड़ान भरने की क्षमता
- स्टेल्थ तकनीक, जिससे यह दुश्मन के रडार पर नजर नहीं आएगा
- इंटरनल वेपन बे, जिससे हथियार रडार की पकड़ में नहीं आएंगे
- बिना आफ्टरबर्नर के भी सुपरसोनिक उड़ान भरने की क्षमता
- एडवांस्ड एवियोनिक्स और सेंसर फ्यूजन
इससे भारतीय वायुसेना को एक ऐसा हथियार मिलेगा जो दुश्मनों की चुनौतियों को चुटकियों में निपटा देगा.
अमेरिका, रूस, चीन के बराबर भारत
AMCA का पहला प्रोटोटाइप 2027 तक उड़ान भरने के लिए तैयार किया जा रहा है. इस उपलब्धि से भारत रक्षा महाशक्तियों – अमेरिका, रूस और चीन – की कतार में शामिल होगा. यह क्षमता अभी तक पाकिस्तान जैसे देशों के पास नहीं है, जबकि उसके करीबी सहयोगी अमेरिका और चीन इस तकनीक में आगे हैं. AMCA से भारत को न केवल सामरिक मजबूती मिलेगी बल्कि रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता भी हासिल होगी.
रक्षा मंत्रालय का प्लान और निजी क्षेत्र की भागीदारी
भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद घरेलू रक्षा उत्पादन पर फोकस और बढ़ा दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही AMCA मॉडल को मंजूरी दे चुके हैं. इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी DRDO की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के पास है. निजी कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा ताकि प्रोजेक्ट तेज़ी से पूरा हो.इसका मकसद है मेक इन इंडिया डिफेंस सेक्टर को एक नई ऊंचाई पर ले जाना.
ये भी पढ़ें: सांसद मोहन डेलकर आत्महत्या केस बंद, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराया
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























