भारत की मांगः सज़ा पूरी कर चुके भरतीय कैदियों को जल्द रिहा करे पाकिस्तान
भारत ने अपने नोट वर्बाल के साथ उन 10 कैदियों की फेहरिस्त भी पाक को दी है जिन्हें सज़ा पूरी कर लेने के बावजूद छोड़ा नहीं गया है. इनमें अधिकतर वो भारतीय नागरिक हैं जिनको सज़ा पूरी किए एक साल से भी ज़्यादा वक्त हो गया है.
नई दिल्ली: भारत ने सजा पूरी करने के बावजूद पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीय कैदियों को न छोड़े जाने पर सख्त ऐतराज़ दर्ज कराया है. पाकिस्तान को भेजे नोट वर्बाल सन्देश में भारत ने ऐसे सभी कैदियों को जल्द रिहा करने की मांग की है. भारतीय कैदियों के लिए कॉन्सुलर सम्पर्क सुविधा मुहैया कराने में पाकिस्तानी अनसुनी पर शिकायत के साथ ही नई दिल्ली ने इस्लामाबाद से इस बाबत फौरन कार्रवाई की भी मांग की है. इस कड़ी में भारत ने एक बार फिर कुलभूषण जाधव के लिए भी कॉन्सुलर सम्पर्क की मांग दोहराई है.
विदेश मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत ने पाक को इस्लामाबाद में दिए नोट वर्बाल में भारतीय मछुआरे भीखा की पाक जेल में संदिग्ध हालत में हुई मौत और इसकी जानकारी देने में 3 हफ्तों की देरी पर भी तीखे सवाल उठाए हैं. सूत्र बताते हैं कि भीखा की मौत के इतने दिनों बाद अभी तक उसके पार्थिव शरीर को भारत वापस भेजने की कवायद पूरी नहीं की सकी है. जबकि उसकी मौत करीब एक माह पूर्व हो गई थी. इससे पहले भारतीय मछुआरों नानू भाई और देवा भाई की मौत की जनकारी साझा करने में पाकिस्तान की तरफ से काफी देर की गई. सूत्रों के मुताबिक भारतीय कैदियों और मछुआरों की अपनी जेल में हिफाज़त करना पाक सरकार की जिम्मेदारी है.
भारत ने अपने नोट वर्बाल के साथ उन 10 कैदियों की फेहरिस्त भी पाक को दी है जिन्हें सज़ा पूरी कर लेने के बावजूद छोड़ा नहीं गया है. इनमें अधिकतर वो भारतीय नागरिक हैं जिनको सज़ा पूरी किए एक साल से भी ज़्यादा वक्त हो गया है. सूत्रों के अनुसार नोट वर्बाल में भारत ने उन 5 नागरिक कैदियों के मुद्दे पर ऐतराज़ दर्ज कराया है जिनके लिए भारत के कई बार कॉन्सुलर सम्पर्क मांगे जाने के बावजूद पाक ने कोई सुनवाई नहीं की है. इस फेहरिस्त में कुलबभूषण जाधव का भी नाम जोड़ा गया है.
भारत ने पाकिस्तान से उन सभी 385 भारतीय मछुआरों की जल्द रिहाई को भी कहा है जो सजा पूरी करने का बावजूद पाक जेलों में पड़े हैं. भारत ने पाक से इन सभी मछुआरों को उनकी नावों के साथ जल्द वापस देने की मांग की है.
दरअसल, मछुआरों का जाने-अनजाने भारत-पाक समुद्री सीमा पार कर लेना दोनों देशों के लिए समस्या है. इस बारे में समय समय पर प्रोटोकॉल भी तय होते रहे हैं. लेकिन अक्सर भारतीय और पाकिस्तानी मछुआरे एक दूसरे के क्षेत्र में पहुँच जाते हैं. मगर अक्सर पाकिस्तान की तरफ से न केवल उनकी रिहाई में देरी होती है बल्कि कई बार उन्हें अपनी नावों से हाथ धोना पड़ता है.
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