'मणिपुर की वर्तमान स्थिति संवेदनशील', दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंसा के आरोपी को नहीं दी जमानत, कहा- इससे खतरा
Delhi High Court : दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने कहा कि आरोपी मोइरांगथेम आनंद सिंह की फरार होने और गवाहों को प्रभावित करने का खतरा बना हुआ है.

Delhi High Court : दिल्ली हाईकोर्ट ने म्यांमार स्थित विद्रोही समूहों के साथ कथित संबंध और मणिपुर में जातीय हिंसा का फायदा उठाकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के आरोप में गिरफ्तार मोइरांगथेम आनंद सिंह को जमानत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने कहा कि आरोपी के फरार होने और गवाहों को प्रभावित करने का खतरा बना हुआ है.
कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि मणिपुर की वर्तमान संवेदनशील स्थिति और आनंद सिंह की पिछली जमानत के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए उन्हें रिहा करना जोखिम भरा होगा. कोर्ट ने कहा कि आरोपी पर लगे आरोप गंभीर हैं और इनका सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है.
NIA ने लगाया आरोप, म्यांमार आतंकियों से मिली मदद
जांच एजेंसी NIA के मुताबिक आनंद सिंह म्यांमार स्थित आतंकी संगठनों के साथ मिलकर मणिपुर में हिंसा भड़काने की साजिश में शामिल था. उस पर हथियार लूटने, सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाने और अवैध रूप से हथियार जमा करने के आरोप हैं. NIA ने कहा कि उसके पास आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत हैं.
2023 में पुलिस शस्त्रागार लूटने का मामला
आनंद सिंह को सितंबर 2023 में मणिपुर पुलिस ने एक पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटने के मामले में गिरफ्तार किया था. उस समय उसके साथ चार अन्य आरोपी भी पकड़े गए थे. NIA का दावा है कि यह गिरोह मणिपुर में अशांति फैलाकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रच रहा था.
आखिर क्यों खारिज हुई जमानत याचिका?
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपी आनंद सिंह CrPC की धारा 439 के तहत जमानत के लिए जरूरी तीन शर्तों पर खरा नहीं उतरता.
- अपराध की गंभीरता- आरोप राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से जुड़े हैं.
- गवाहों को प्रभावित करने का खतरा- उसके प्रभाव से गवाह डर सकते हैं.
- फरार होने की आशंका- पहले भी उसके समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे.
आरोपी की रिहाई से फिर से फैल सकती है अशांति- कोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी आनंद सिंह की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों का हवाला देते हुए कहा कि उसकी रिहाई से फिर से अशांति फैल सकती है. पुलिस स्टेशनों पर हमले अधिकारियों पर दबाव और अदालत को धमकाने जैसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं.
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