LAC पर चीन के नापाक मंसूबों का पर्दाफाश, सेटेलाइट तस्वीरों ने दिखाया कैसे बॉर्डर के करीब हवाई ताकत बढ़ा रहा ड्रैगन
Indo China Standoff: 2020 के बाद से ही चीन एलएसी पर अपनी ताकत बढ़ाने में लगा हुआ है. इस दौरान उसने कई क्षेत्रों में अपनी सैन्य मौजूदगी मजबूत की है.

Indo China Standoff: सीमा विवाद को लेकर किस तरह से दोहरा रवैया अपनाए हुए है, यह उसकी हरकतों से पता चलता है. 2020 में गलवान विवाद के बाद भारत के साथ उसकी कमांडर स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें वह सीमा पर शांति बनाए रखने की बात करता है. इस बीच वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास वह अपनी ताकत बढ़ा रहा है. ताजा सेटेलाइट तस्वीरें चीन के नापाक इरादों की पोल खोल देती हैं.
पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी चीन की सेना 2020 के बाद से ही अपने लिए एलएसी के करीब एयरफील्ड का विस्तार करने में जुटी है. मई 2020 में शुरु हुए सैन्य गतिरोध के बाद चीन ने बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती के साथ ही हवाई पट्टी, हेलीपैड, रेलवे सुविधा, मिसाइल ठिकानों और पुलों का तेजी से निर्माण किया है.
एलएसी पर चीनी निर्माण की खुली पोल
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने होतान, न्गारी गुनसा और ल्हासा में नए रनवे, लड़ाकू जेट को रखने के लिए नए डिजाइन शेल्टर और मिलिट्री ऑपरेशन बिल्डिंग का बड़े पैमाने पर निर्माण किया है. ये बताता है कि ड्रैगन की कथनी और करनी में कितना अंतर है. इन तीन चीनी हवाई क्षेत्रों का विशेष महत्व है, क्योंकि भारत के साथ गतिरोध के बीच इनका भारत के मौजूदा संचालन में उपयोग किया गया था. फिलहाल, भारतीय अधिकारियों ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार किया है.
दोनों देशों के बीच संबंध निचले स्तर पर
पिछले दशक में भारत और चीन के बीच संबंध सबसे निचले स्तर पर हैं. जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे से भिड़ गए थे, जिसमें भारत के 20 जवानों की मौत हुई थी. इस झड़प में चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे, हालांकि चीन ने कभी भी इसकी सही संख्या नहीं बताई. दोनों देशों के बीच 45 वर्षों में यह पहला मौका था, जब संघर्ष के चलते सैनिकों की मौत हुई.
भारत ने इस साल द्विपक्षीय बातचीत और अंतरराष्ट्रीय मंचों के हाशिये पर बैठकों के दौरान चीन को साफ कर दिया है कि अगर द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करना है तो पहले एलएसी पर स्थिति सामान्य करनी होगी.
क्या है इन एयरफील्ड का महत्व
दक्षिणी पश्चिमी शिनजियांग में मौजूद होतान एयरफील्ड केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह से लगभग 400 किमी की दूरी पर एक सीधी रेखा में स्थित है. होतान एयरफील्ड का आखिरी बार विस्तार 2002 में किया गया था. वहीं, जून 2020 की एक सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि तब एयरफील्ड के पास के क्षेत्र में कोई निर्माण या विकास नहीं हुआ था.
मई 2023 में मिली ताजा सेटेलाइट तस्वीर दिखाती है कि होतान एयरफील्ड में अब एक नया रनवे बन गया है, इसके साथ ही मिलिट्री ऑपरेशन को संचालित करने के लिए नई बिल्डिंग और नया एप्रन भी दिखाई दे रहा है. तस्वीरों से होतान एयरफील्ड से ड्रोन के संचालन और एक चीनी स्टेल्थ फाइटर की तैनाती का भी पता चलता है. इन तीन हवाई क्षेत्रों के साथ ही अन्य इलाकों में चीन की गतिविधियां भारत के खिलाफ चीन की रणनीतिक मंशा का साफ संदेश देती हैं.
यह भी पढ़ें
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























