ICMR ने कहा- लोगों के स्वास्थ्य हित में स्वदेशी वैक्सीन के परीक्षण में तेजी लाना आवश्यक
आईसीएमआर के डीजी ने 12 इंस्टीट्यूट को चिट्ठी लिखी थी. इसमें कहा गया था कि भारत बायोटेक की तरफ से बनाए गए वैक्सीन का ट्रायल पूरा कर लें.
नई दिल्ली: आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव की शुक्रवार को लिखी वह चिट्ठी सामने आई जिसमें कहा गया था कि भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन का ट्रायल पूरा कर लें ताकि इसे 15 अगस्त तक लॉन्च कर सकें. आईसीएमआर के डीजी की यह चिट्ठी उन 12 इंस्टीट्यूट को लिखी गई थी जहां पर इस वैक्सीन का ह्यूमन क्लिनकल ट्रायल फेस 1 और 2 होना है.
इसके बाद आईसीएमआर ने अपनी सफाई में बयान जारी कर कहा है कि भारत में बनने वाली पहली स्वदेशी वैक्सीन ट्रायल में किसी तरह की देरी न हो और समय रहते इसका ट्रायल पूरा हो सके इसी को ध्यान में रखते हुए यह चिट्ठी लिखी थी.
आईसीएमआर ने अपना बयान जारी कर क्या कहा?
-बयान में कहा गया कि आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी पुणे की मदद से भारत बायोटेक ने इनएक्टिवेटेड वैक्सीन विकसित किया है. भारत बायोटेक के सारे डेटा की गहन समीक्षा के बाद आईसीएमआर वैक्सीन के क्लीनिकल डेवलपमेंट को सपोर्ट करता है क्योंकि यह यह सकारात्मक प्रतीत होता है. प्री-क्लिनिकल स्टडी के जांच के आधार पर डीसीजीआई ने ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल के फेस 1 और 2 की मंजूरी दी है.
-आईसीएमआर ने कहा कि एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य हित में इस वैक्सीन के परीक्षण में तेजी लाना आवश्यक है.
-इसके साथ ही कहा गया कि आईसीएमआर की प्रक्रिया विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के अनुसार है. कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए तेजी से वैक्सीन विकसित करने के लिए है, जिसका मानव और पशुओं पर समानांतर रूप से परीक्षण किया जा सके.
-बयान में ये भी कहा गया कि वैक्सीन की प्रीक्लीनिकल स्टडी सफलतापूर्वक पूरी हो गई है और अब ह्यूमन ट्रायल के फेज 1 और 2 की शुरुआत होनी है. वहीं आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल ने जिन इंस्टिट्यूट में क्लीनिकल ट्रायल होना है उन्हें इसलिए चिट्ठी लिखी ताकि अनावश्यक लालफीताशाही को दरकिनार कर क्लीनिकल ट्रायल में तेजी लाएं और पेशेंट रिक्रूटमेंट जैसे कामों को जल्द से पूरा करें.
-उसी तरह जैसे पहली नई स्वदेशी परीक्षण किट का फास्ट ट्रैक अनुमोदन दिया गया था, इसका उद्देश्य जल्द से जल्द इन चरणों को पूरा करना है ताकि बिना किसी देरी के जनसंख्या आधारित टेस्ट की शुरुआत की जा सके.
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