'सफलता का कोई नंबर गेम नहीं होता', IAS ऑफिसर ने शेयर की अपनी मैट्रिक की मार्क्स शीट, थर्ड डिवीजन से हुए थे पास
मैट्रिक की परीक्षा थर्ड डिवीजन से पास करने वाला भी आईएएस बन सकता है क्या...तो इसका जवाब है हां. आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण की मार्क्स शीट यही बताती है.

IAS Success Story: सफलता पाने के लिए बुलंद हौसले और दिल जिद्दी सा होना चाहिए. मन में लगन हो और कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो राहें मुश्किल नहीं होतीं. ऐसी ही सफलता की कहानी है बिहार के समस्तीपुर जिले के अवनीश शरण की है, जिन्हें मैट्रिक की परीक्षा में कम नंबर मिले और वे थर्ड डिवीजन से पास हुए. उसके बाद इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन में भी बहुत अच्छे अंक नहीं मिले. फिर भी उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से ये साबित कर दिया कि देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास करने के लिए परीक्षा में अंक नहीं आपकी काबिलियत काम आती है.
आज हम बच्चों को हमेशा बढ़िया ग्रेड, फर्स्ट डिवीजन लाने पर जोर देते हैं, इसके लिए उनपर तमाम तरह के दबाव डालते हैं, जिससे कई बच्चे नंबर्स तो ले आते हैं लेकिन आगे उन्हें उतनी सफलता नहीं मिलती. अगर आपको कम नंबर्स मिलते हैं और आप उससे परेशान रहते हैं, आपको शर्मिंदगी होती है तो जानिए अवनीश शरण के बारे में, जिन्होंने मैट्रिक में मात्र 40 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. आज वे देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा यूपीएससी पास कर आईएएस अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं.
अवनीश शरण सोशल मीडिया साइट्स ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं और रचनात्मक पोस्ट डालते रहते हैं. ट्विटर के माध्यम से वे कई तरह की जानकारियां शेयर करते रहते हैं. उन्होंने अपना एक पोस्ट डाला है, जिसमें उन्होंने अपनी दसवीं बोर्ड की मार्क्स शीट शेयर की है. उन्हें बोर्ड की परीक्षा में बहुत कम नंबर मिले थे, लेकिन उन्होंने सफलता का बड़ा मुकाम हासिल किया है. इस पोस्ट को शेयर करने का मतलब है कि नंबर्स सफलता की सीढ़ी तैयार नहीं करते. आपकी मेहनत और लगन सफलता की कुंजी है.
My 10th Marksheet. pic.twitter.com/jmYkMohzWf
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) July 6, 2022
अपनी शुरुआती पढ़ाई में भी उन्होंने सिर्फ 10 ही नहीं बल्कि 12वीं और ग्रेजुएशन में भी बहुत अच्छे मार्क्स नहीं हासिल किए थे, लेकिन वह 2009 बैच के आईएएस अधिकारी है, फिलहाल उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला में है. साल 2009 में अवनीश शरण ने भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी की परीक्षा पास की और 77 वी रैंक भी लाए जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.
अवनीश मीडिया के सुर्खियों में तब आये, जब उन्होंने साल 2017 में एक बहुत ही सराहनीय कदम उठाते हुए अपनी पत्नी का डिलीवरी एक सरकारी अस्पताल में करवाई और फिर उसके बाद अपनी छोटी बच्ची का दाखिला एक सरकारी स्कूल में कराया. जब कोई एक आईएएस ऑफिसर रहते हुए भी सरकारी सेवाओं का लाभ उठाता है और यह बताने की कोशिश करता है कि हमारी सरकारी सेवाएं अभी भी ठीक है. वह अभी अपने पूरे परिवार के साथ छत्तीसगढ़ राज्य में रहते हैं.
अवनीश को अपने बचपन से ही एक कोई सरकारी अधिकारी बनने का शौक था और इसी शौक ने उन्हें यूपीएससी परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया, Awanish sharan शुरू से ही पढ़ने में इतना तेज नहीं थे या उन्हें उस तरीके का सुविधा नहीं मिल पाया जिससे कि वह पढ़ने में काफी तेज हो पाते लेकिन फिर भी उन्होंने अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत अपना सपना पूरा किया.
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Source: IOCL





















