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क्या आपके शरीर और दिमाग पर डालती है बुरा असर? कैसे उतारें इसका नशा? 

भांग एक तरह का पौधा है जिसे अलग अलग तरीके से नशे के लिए इस्तेमाल जाता है. इसे इंग्लिश में मैरिजुआना, कैनाबिस और वीड भी कहते हैं.

होली का त्योहार हो और भांग का जिक्र न किया जाए ऐसा कैसे हो सकता है. इस त्योहार के दिन भारत में भांग का सेवन प्राचीन काल से होता आ रहा है. इसे हमारी संस्कृति का हिस्सा भी माना जाता है. पारंपरिक तौर पर होली के त्यौहार में बड़े पैमाने पर लोग भांग का सेवन करते हैं. कईं जगह पर इसे ठंडाई के साथ मिलाकर पिलाया जाता है तो कई जगहों पर पीसकर भी खाया जाता है. 

ऐसे में एक्सपर्ट से जानते हैं कि भांग के नशे का हमारे शरीर और दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसका नशा कैसे उतारा जाता है.

भांग का शरीर पर क्या असर पड़ता है?

डाइटीशियन इति छावरा ने बताया कि "भांग एक तरह का पौधा है जिसे अलग अलग तरीके से नशे के लिए इस्तेमाल जाता है. इसे इंग्लिश में मैरिजुआना, कैनाबिस और वीड भी कहते हैं. इसमें टीएचसी पाया जाता है, जिसे टेट्राहाइड्रोकार्बनबिनोल भी कहते हैं.  

भांग खाने से अलग सी खुशी महसूस होती है. इसका कारण है कि इसे खाने से शरीर के डोपामाइन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. जिसे 'हैपी हार्मोन' भी कहा जाता है, ये हार्मोन ही है जो हमारे शरीर के मूड को कंट्रोल करता है.

भांग खाने के कितने देर बाद होता है असर?

डाइटीशियन के अनुसार अगर भांग को ठंडाई के साथ पिया या खाया जाता है तो इसका नशा होने में थोड़ा वक्त लगता है. आधे से एक घंटे में व्यक्ति नशे में आ जाता है. आमतौर पर लोग यही गलती करते हैं कि जब वह भांग पीते या खाते हैं तो उन्हें लगता है नशा नहीं हो रहा और वह नशे के लिए और ज्यादा भांग पीने लगते हैं. 

दिमागी हालत बिगाड़ सकता है भांग

भांग इंसान के दिमाग को कुछ ज्यादा ही एक्टिव कर देता है. इसके सेवन से इंसान एक ही काम को बार-बार करने लगता है. इसके अलावा भांग का असर सीधा नर्वस सिस्टम पर पड़ता है. नतीजतन इंसान एक ही काम को बार- बार करने लगता है. उदाहरण के तौर पर ऐसे समझिए की अगर आपने किसी बात पर हंस लिया तो आपको बार-बार हंसी आएगी. 

बहुत ज्यादा भांग के सेवन से क्या होता है

डाइटीशियन ने कहा कि ज्यादा मात्रा में भांग खाने से इंसान का दिमाग ठीक से काम करना बंद कर सकता है. कई बार तो लोग कुछ भी बोलने लगते हैं. कुछ मामले ऐसे भी आए हैं जिसमें लोगों को अजीब-अजीब सी चीजें दिखने लगती हैं. इसके अलावा ज्यादा भांग का सेवन करने से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है. इसका असर ब्लड प्रेशर पड़ भी पड़ता है. कभी कभी सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है. 

इसके अलावा भांग के सेवन से भूख में कमी, नींद आने में दिक्कत, वजन घटना, बेचैनी और गुस्सा बढ़ने जैसे लक्षण शुरू हो जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति लगातार 15 दिन तक भांग खाए या पीए तो वह आसानी से मानसिक विकार का शिकार हो सकता है.

कितना भांग पीना नुकसानदायक नहीं होता 

डॉ. विवेकान्शु वर्मा कहते है कि होली में भांग पीने का चलन काफी ज्यादा है. इस दौरान लोग ठंडाई में इसे मिलकर पीते हैं. ऐसे में एक से दो ग्लास भांग का सेवन करना शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन ये भूलना नहीं चाहिए कि ये एक नशीला पदार्थ है जिसे लेने से कई बार लोगों को  कैनवास हाइपर एनालिसिस सिंड्रोम हो जाता है. इसमें पेशेंट को उल्टियां आने लगती है और वह रुकती नहीं है. अगर ऐसी स्थिति बनती है तो घर पर ही फर्स्ट एड की मदद से उन्हें उपचार किया जा सकता है. 

भांग का उतारने के लिए क्या सलाह देते हैं डॉक्टर

भांग पीने से जब ज्यादा नशा हो जाए तो ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. सबसे पहले गुनगुने पानी से स्नान करें या नहलाएं. ऐसा करने से व्यक्ति का हाइपर एनालिसिस कम हो जाएगा और वह डीटॉक्सीफाई हो जाएगा. 

कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोगों को पता नहीं चल पाता कि उन्हें कितना नशा करना है. ऐसे में तबीयत खराब होने की संभावना बढ़ जाती है. हमारे पास ज्यादातर ऐसे मामले कॉलेज स्टूडेंट के आते हैं. नशा बढ़ने से इंसान को चक्कर आने लगता है. ऐसे सिचुएशन में गाड़ी चलाने से बचना चाहिए. सीढ़ी से चढ़ने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान चक्कर खाकर गिरने की संभावना ज्यादा रहती है और अगर काफी देर तक उल्टी और चक्कर आना जारी रहा तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में पहुंचे.

भांग का नशा उतारने के कुछ घरेलू नुस्खे

नींबू पानी: नशा होने पर सादा नींबू पानी पीना बेहद लाभदायक होता है. नींबू और पानी के घोल को चार से पांच बार पीने पर भी भांग का नशा उतर जाता है. अगर पानी नहीं है तो नींबू के रस को भी चाटना फायदेमंद होता है.

खटा काटता है नशे को: खट्टा पदार्थ नशे को उतारने में कारगर साबित होता रहा हैं. तो अगर किसी भी व्यक्ति को भांग का नशा ज्यादा चढ़ गया हो तो उसे छाछ, खट्टी दही, कच्चा आम का पना या इमली का पानी बनाकर पिलाया जा सकता है. 

नारियल पानी: नशे पर कंट्रोल करने के लिए नारियल पानी बहुत अच्छा विकल्प है. इसे पीने से नशा कम होता साथ ही इसमें जो तत्व हैं वह इलेक्ट्रोलेट्स बॉडी को हाइड्रेट भी करता है. इसे पीने का फायदा ये है कि नशे के कारण शरीर में पैदा हुई ड्राईनेस खत्म होती है और नशा तो उतर ही जाता है.

खट्टे फल: अगर आपको भांग का नशा हो गया है तो सबसे आसान तरीका है खट्टे फल खाकर इसे उतारने. इन खट्टे फलों में संतरा, अंगूर, नींबू खाया जा सकता है. दरअसल खट्टे फलों में एंटीऑक्सीडेंट्स पाई जाती है जो इसके नशे देने वाले केमिकल्स को बेअसर करता है. इन फलों के सेवन के एक घंटे के अंदर आप नॉर्मल होने लगेंगे और आपका शरीर एनर्जेटिक महसूस करने लगेगा.

चना खाना भी कारगर:  चने के गुणों से हम सभी वाकिफ हैं. लेकिन क्या आपको ये पता है कि इससे भांग का नशा भी उतारता है. नशा उतारने के लिए चने और संतरे का सेवन कर लें. यह भांग का नशा कम करने में मददगार साबित होता है.

देशी घी: नशा उतारने के लिए शुद्ध देसी घी भी काफी कारगर साबित हुआ है. ऐसी परिस्थिति में 500 मिलीलीटर तक की मात्रा तक घी का सेवन करें. कुछ देर में आपको राहत महसूस होने लगेगी.

दवा के रूप में भी किया जाता है इस्तेमाल 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर के लोग भांग का सेवन करते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की करीब 2.5 फीसदी आबादी यानी 14.7 करोड़ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. आने वाले समय भांग का इस्तेमाल और बढ़ ही जाएगा. इसके इस्तेमाल में आ रही तेजी का एक कारण यह भी है कि नशे का ये पदार्थ सस्ता मिल जाता है और ज्यादा नशीला होता है.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार भांग का सही इस्तेमाल शरीर के लिए फायदेमंद भी हो सकता है. सही मात्रा और डॉक्टर के रेकमेंडेशन से भांग का सेवन इंसान के सीखने और याद करने की क्षमता बढ़ाती है. 

इसके अलावा इसका इस्तेमाल मानसिक बीमारियों में भी की जाती है. एकाग्रता की कमी से जूझ रहे पेशेंट को भी भांग खाने की सलाह देते हैं. हालांकि सही मात्रा में इसका इस्तेमाल बेहद जरूरी है. इसके अलावा जिस व्यक्ति को बार-बार पेशाब करने की बीमारी होती है, उन्हें भी भांग के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है.

भांग की पत्तियों के रस से कान के दर्द की समस्या से राहत मिलती है. जिन लोगों को खांसी की शिकायत है, उन्हें भांग की पत्तियों को सुखाकर, पीपल की पत्ती, काली मिर्च और सोंठ मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है.

कैसे तैयार होता है भांग 

भांग एक तरह का पौधा है जिसके पत्ते को पीसकर इसे तैयार की जाती है. भांग खासतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में पाई जाती है. इसके पौधे 3-8 फुट ऊंचे होते हैं.

होली पर क्यों पी जाती है भांग?

भांग को भगवान शिव का सबसे पसंदीदा पेय माना जाता है. ऐसी कहावत है कि भगवान शिव को भांग बहुत पसंद है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, भांग भगवान भोलेनाथ और भगवान विष्णु की दोस्ती का प्रतीक भी है.  हिरण्यकश्यप को मारने के बाद भगवान विष्णु का गुस्सा शांत नहीं हो रहा था. ऐसे में उन्हें शांत करने के लिए शिव जी ने शरभ का अवतार लिया था. इसके बाद विष्णु जी ने शिव जी को अपना छाल अर्पित कर दिया. इसी खुशी को मनाने के लिए शिवगणों ने उत्सव मनाया, जिसमें भांग को शामिल किया गया. यही वजह है कि भांग को होली पर पिया जाता है. 

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