Durlabh Prasad Ki Dusri Shadi Review: संजय मिश्रा और महिमा चौधरी की ये फिल्म एंटरटेनमेंट के साथ साथ जरूरी मैसेज भी देती है
Durlabh Prasad Ki Dusri Shadi Review: संजय मिश्रा और महिमा चौधरी की फिल्म दुर्लभ प्रसाद की दूसरी शादी आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म देखने से पहले पढ़ लें रिव्यू.
सिद्धांत राज सिंह
संजय मिश्रा, महिमा चौधरी, व्योम यादव, पलक लालवानी, श्रीकांत वर्मा
सिनेमाघर
अगर कौई औरत अकेली रहती है तो इसका मतलब ये है कि उसका कैरेक्टर ठीक नहीं है. अगर कोई औरत अपनी मर्जी से अपने दोस्त बनाती है, अपनी मर्जी से अपनी जिंदगी जीती है तो क्या सोसाइटी को उसे कुछ भी कहने का हक है. संजय मिश्रा और महिमा चौधरी का एक वीडियो कुछ दिन पहले काफी वायरल हुआ था, वीडियो में दिखाया गया कि दोनों ने शादी कर ली है, लेकिन ये असली शादी नहीं थी. इस फिल्म का प्रमोशन था लेकिन इस वीडियो ने इस फिल्म को लेकर दिलचस्पी जगा दी थी.
कहानी
दुर्लभ प्रसाद यानि संजय मिश्रा अपने बेटे और साले के साथ रहते हैं. उनकी पत्नी ये दुनिया छोड़कर जा चुकी हैं, उनके बेटे को एक लड़की से प्यार हो जाता है लेकिन लड़की के घरवाले शर्त रखते हैं कि जब तक आपके घर में कोई औरत नहीं आती तब तक वो ये शादी नहीं होने देंगे. ऐसे में दुर्लभ प्रसाद का बेटा उनकी दूसरी शादी करवाने में लग जाता है. अब ये शादी होती है या नहीं, इसके लिए आपको थिएटर जाकर ये फिल्म देखनी होगी.
कैसी है फिल्म
ये एक बढ़िया एंटरटेनिंग फिल्म है, इस फिल्म को आप पूरी फैमिली के साथ देख सकते हैं. फिल्म शुरू से ही अपने मुद्दे पर आ जाती है, एक बुजुर्ग की शादी की ये कहानी मजेदार है और साथ ही हल्के फुल्के अंदाज में कई जरूरी मैसेज भी दे जाती है. पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए क्या कुछ नहीं करते, क्या बच्चों की पेरेंट्स की तरफ कोई जिम्मेदारी नहीं होती, क्या बुजुर्गों को समाज के बनाए दायरों में ही रहना होगा. ये फिल्म कोई चीजों को बड़े एंटरटेनिंग तरीके से बताती है. कहीं कोई ज्ञान नहीं देती, कॉमेडी सीन आपको हंसाते हैं. ह्यूमर को बड़े परफेक्ट तरीके से फिल्म की स्क्रिप्ट में पिरोया गया है. कुल मिलाकर ये फिल्म हल्के फुल्के अंदाज में काफी कुछ कह जाती है जो आपको सुनना चाहिए.
एक्टिंग
संजय मिश्रा कमाल के एक्टर हैं और यहां भी वो कमाल का काम कर गए हैं. वो इतने सहज अंदाज में कुछ चीजें कह जाते हैं कि आप हैरान हो जाता हैं. महिमा चौधरी काफी इम्प्रेस करती हैं. वो इन दिनों हर किरदार में कमाल कर रही हैं और यहां भी वो दिल जीत लेती हैं. व्योम यादव ने संजय मिश्रा के बेटे का किरदार परफेक्शन से निभाया है. पलक लालवानी अच्छी लगी हैं. श्रीकांत वर्मा ने संजय मिश्रा के साले के किरदार में कमाल का काम किया है. प्रवीण सिंह सिसौदिया अपने रोल में जमते हैं.
राइटिंग और डायरेक्शन
आदेश के अर्जुन और प्रशांत सिंह ने फिल्म को लिखा है और सिद्धांत राज सिंह ने डायरेक्ट किया है. इनका काम बढ़िया है, फिल्म को बेवजह नहीं खींचा गया है, राइटिंग में दम है और डायरेक्शन बढ़िया है.
कुल मिलाकर ये फिल्म देखी जा सकती है, आप एंटरटेन होंगे.
रेटिंग- 3 स्टार्स

























