(Source: ABP CVoter)
अरुणाचल पर चीन की हरकत पर भड़के हिमंत बिस्वा सरमा, हमें बदल देना चाहिए 60 जगहों के नाम
चीन ने अरुणाचल के 30 जगहों के नए नाम की लिस्ट जारी की थी. इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय ने कहा, नए नाम रखने से सच्चाई नहीं बदल जाएगी और यह हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहेगा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को भारत सरकार से अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयासों के जवाब में ‘जैसे को तैसा’ का रुख अपनाने का आग्रह किया.
सरमा ने सुझाव दिया कि भारत को जवाब में ‘चीन के तिब्बती क्षेत्रों’ के 60 अपने नाम जारी करने चाहिए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा भारत सरकार से अनुरोध है कि हमें चीन के तिब्बती क्षेत्रों को 60 भौगोलिक नाम देने चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि ‘‘हमेशा जैसे को तैसा के आधार पर जवाब दिया जाना चाहिए.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि यह भारत सरकार का नीतिगत फैसला है. लेकिन अगर वे 30 नाम रखते हैं तो हमे 60 नाम रखने चाहिए.’’
चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे को फिर से जताने की कोशिश करते हुए राज्य के विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की थी. विदेश मंत्रालय ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों को नए सिरे से नाम रखने को खारिज करते हुए कहा कि ‘‘ नए नाम गढ़ने से’’ राज्य की सच्चाई नहीं बदल जाएगी और यह हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहेगा.
इससे पहले केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को चीन की फटकार लगाई थी. उन्होंने कहा था, अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं तब क्या वह मेरा हो जाएगा क्या? अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य था, है और रहेगा. नाम बदल देने से कुछ नहीं होता है और न ही इससे कोई प्रभाव पड़ता है. आप सब जानते हैं कि हमारी सेना वहां (एलएसी पर) तैनात है. सेना के लोग जानते हैं कि उन्हें वहां क्या करना है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने चीन के इस कदम की निंदा की थी. रिजिजू ने कहा, चीन तमाम बेबुनियाद दावे करता रहता है लेकिन इससे जमीनी हकीकत और ऐतिहासिक तथ्य नहीं बदलेंगे. अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और अरुणाचल प्रदेश के लोग सभी मानकों और परिभाषाओं के अनुसार परम देशभक्त भारतीय हैं.