प्यार, सरहद, सजा और रिहाई, 6 साल की अधूरी प्रेम कहानी के साथ भारत लौटेंगे हामिद निहाल अंसारी
इनका प्यार सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी जवां दिल खातून से जा टकराया, प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि उन्होंने अपनी महबूबा को पाने के लिए भारत-पाकिस्तान के खतरनाक सरहदों की भी परवाह नहीं की.

नई दिल्ली: मोहब्बत में हद से गुजर जाने के किस्से तो हज़ारों हैं, लैला-मजनू, शीरी फरहाद, सलीम-अनारकली, हीर-रांझा, सोहनी-महिवाल.. प्रेमकथा की ये फेहरिस्त बहुत लंबी है, लेकिन मोहब्बत सिर्फ बीते दौर की ही कहानियां नहीं हैं, बल्कि आज भी ऐसे सैकड़ों दिल हैं, दीवाने हैं, जो किसी पर मचल उठते हैं, किसी से मोहब्बत कर बैठते हैं तो किसी बड़ी रुकावट, किसी सरहद की परवाह नहीं करते और अपनी मोहब्बत को पाने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाने को तैयार रहते हैं.
हामिद निहाल अंसारी, इस नाम को सुनकर चौंकिए नहीं, ये भारत के ही शहर मुंबई के रहने वाले हैं. इनका प्यार सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी जवां दिल खातून से जा टकराया, प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि उन्होंने अपनी महबूबा को पाने के लिए भारत-पाकिस्तान के खतरनाक सरहदों की भी परवाह नहीं की, दोनों देशों की दुश्मनी का भी लिहाज़ नहीं रखा और अपने प्यार पाने के लिए प्यार के आग में कूद पड़े...
वह अपनी चाहत के दीदार की चाह लिए वह पहले अफगानिस्तान गए और फिर वहां से 2012 में अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश किया. अवैध रूप से पाकिस्तान में जाने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फर्जी पहचान पत्र रखने के आरोप में 2015 को तीन साल की सजा सुनाई. सजा सुनाए जाने के बाद वह पेशावर के एक केंद्रीय कारागर में बंद थे. अब उनकी सजा पूरी हो गई है और उन्हें रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद आज वह भारत आ रहे हैं.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत ने अंसारी तक राजनयिक पहुंच देने के लिए 96 बार ‘नोट वरबल्स’ (राजनयिक तौर पर संवाद) जारी किये. उनकी रिहाई इसी दवाब का नतीजा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा, ''हमें पाकिस्तान से आज एक नोट (संदेश) मिला है कि वे भारतीय नागरिक हामिद निहाल अंसारी को कल रिहा कर रहे हैं. यह हमारे लिए बड़ी राहत का मामला है, खासतौर पर परिवार के सदस्यों के लिए. पाकिस्तान की जेल में एक असैन्य भारतीय की कैद खत्म हो रही है.''
वहीं पाकिस्तान उन पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाती रही है. जिसने अवैध तरीके से पाकिस्तान में प्रवेश किया था और वह राष्ट्र विरोधी अपराधों एवं फर्जी दस्तावेज बनाने में शामिल था. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों एवं कोहाट की स्थानीय पुलिस द्वारा 2012 में हिरासत में लिए जाने के बाद से अंसारी लापता हो गया था और आखिरकार उसकी मां फौजिया अंसारी द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के जवाब में उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हैं और एक सैन्य अदालत में उसपर मुकदमा चलाया जा रहा है.
बता दें कि अंसारी का दिल जिस पाकिस्तानी लड़की पर आया था उससे उनकी दोस्ती फेसबुक पर ही हुई. मोहब्बत की कोई हद और सरहद नहीं होती और इसी बात में यकीन कर वह पाकिस्तान चले गए थे. लेकिन वक्त ने मोहब्बत करने वालों के साथ अक्सर नाइंसाफी ही किया है. ऐसा ही हुआ हामिद निहाल अंसारी के साथ भी. आज हामिद जब वतन लौटेंगे तो वतन वापसी की खुशी तो होगी लेकिन साथ ही उस अधूरे ख़्वाब की तकलीफ भी होगी जिसे लेकर वह पाकिस्तान गए थे.
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