Gujarat New Cabinet: भूपेंद्र कैबिनेट में 24 नए मंत्रियों ने ली शपथ, शाम 4.30 बजे मंत्रिमंडल की पहली बैठक में बटेंगे विभाग
Gujarat New Cabinet: नए मंत्रिमंडल में कोई पुराना मंत्री नहीं है. आज 24 मंत्रियों ने शपथ ली है. जिनमें 10 कैबिनेट दर्ज के मंत्री शामिल हैं. जबकि 14 को राज्य मंत्री का दर्जा मिला है.

गांधीनगर: गुजरात में आज भूपेंद्र पटेल सरकार की कैबिनेट का शपथ ग्रहण हो गया है. गांधीनगर में स्थित राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राज्य के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल को शपथ ग्रहण कराई है. बड़ी बात यह है कि नए मंत्रिमंडल में कोई पुराना मंत्री नहीं है. यहां तक की पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की भी छुट्टी कर दी गई है.
कुल 24 मंत्रियों ने ली शपथ
नए मंत्रिमंडल में हर समुदाय का ध्यान रखा गया है. आज 24 मंत्रियों ने शपथ ली है. जिनमें 10 कैबिनेट दर्ज के मंत्री शामिल हैं. जबकि 14 को राज्य मंत्री का दर्जा मिला है. गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने भी मंत्री पद की शपथ ली है.
कौन-कौन बने मंत्री?
- पारणी से विधायक कनुभाई देसाई
- गणदेवी विधानसभा से नरेश पटेल
- लिंबडी से विधायक किरीट सिंह राणा
- मोरबी सीट से ब्रजेश मेरजा
- जामनगर ग्रामीण सीट से राघवजी पटेल
- ऋषिकेश पटेल
- और अरविंद रैयाणी ने मंत्री पद की शपथ ली है.
महिलाओं में कौन-कौन?
- महिलाओं में मनीषा वकील, कीर्ति वाघेला और निमिषा बेन को मंत्री बनाया गया है.
शाम 4.30 बजे गांधीनगर में पहली कैबिनेट बैठक
मुख्यमंत्री ऑफिस ने जानकारी दी है कि सीएम भूपेंद्र अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की पहली कैबिनेट बैठक आज शाम 4.30 बजे गांधीनगर में होगी. कहा जा रहा है कि इस बैठक के बाद सभी मंत्रियों के विभागों का एलान हो जाएगा.
रुपाणी के बाद सीएम बने भुपेंद्र पटेल
अपने समर्थकों में ‘भाई’ के नाम से लोकप्रिय रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से लगभग सवा साल पहले इसी महीने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. अगस्त 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद रूपाणी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. रुपाणी के बाद सिर्फ एक बार के विधायक भुपेंद्र पटेल को सीएम बनाया गया है.
गुजरात में 15 महीने बाद विधानसभा के चुनाव
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिये चुनाव अगले साल दिसंबर में होने हैं. ऐसे में बीजेपी आलाकमान किसी भी हाल में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता और पुराने मंत्रियों को हटाकर सरकार की नई छवि पेश करना रणनीति का हिस्सा है. हाईकमान को उम्मीद है कि देर-सवेर पुराने मंत्रियों को हटाकर नए मंत्रियों को शामिल करने को लेकर जारी विरोध भी थम जाएगा और सब मिलकर भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में जोर-शोर से काम शुरू कर देंगे.
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