अब 4 पूर्व जजों ने चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी, 'केस के आवंटन पर नियम बनाने की दी सलाह'
इन पूर्व जजों ने भी केस को जजों के पास भेजने के मामले में चीफ जस्टिस की मनमानी का विरोध किया है. उनका तर्क है कि चीफ जस्टिस का अपनी मर्ज़ी से केस आवंटन करना सही नहीं.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चार जजों की चिट्ठी के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पी बी सावंत और हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज ए पी शाह, के चन्द्रू और एच सुरेश ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखा है और उन्हें कुछ नसीहतें दी हैं.
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के इन जजों ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि सवेंदनशील और अहम मामलों को सुनवाई के लिए जजों के पास भेजे जाने के लिए नियम बनाएं जाएं.
इन पूर्व जजों ने भी केस को जजों के पास भेजने के मामले में चीफ जस्टिस की मनमानी का विरोध किया है. उनका तर्क है कि चीफ जस्टिस का अपनी मर्ज़ी से केस आवंटन करना सही नहीं.
इन पूर्व जजों ने अपनी चिट्ठी में ये भी कहा है कि जब तक ऐसे नियम बन नहीं जाते तब तक सभी अहम मामलों की सुनवाई 5 वरिष्ठतम जजों की संविधान पीठ करे.
खास बात ये है कि इस चिट्ठी में पूर्व जजों ने एक तरह से मौजूदा 4 जजों के सवाल को जायज़ ठहराया है और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को अपनी कार्यशैली में बदलाव करने का सुझाव दिया है.
आपको बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठतम जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया था और अपनी बात रखने के लिए मीडिया से मुखातिब हुए थे. इन जजों ने अपनी चिट्ठी में दीपक मिश्रा के मनमाने ढ़ंग से काम करने के रवैया पर अपनी नाराज़गी जताई थी. इन जजों का ये भी कहना था कि अगर वो आज खामोश रहे तो 20 साल बाद उन्हें कोई ये कह दे कि उन्होंने अपनी आत्म बेच दी थी.
इन जजों की चिट्ठी को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया.
Must read: Important letter to CJI by former judges, about the pressing need for a fair, rational & transparent method for allocating cases to benches, to avoid bench fixing by CJI. Pending that, all sensitive cases must be before bench of 5 senior judgeshttps://t.co/aWuP9d6ObF
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 14, 2018
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























