एक्सप्लोरर

पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने किया 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का समर्थन, लेकिन जताई इस बात पर चिंता

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर सियासी पारा गर्माता जा रहा है. वहीं अब इसे लेकर भारत के पूर्व चीफ जस्टिस ने समर्थन किया है, लेकिन निर्वाचन आयोग को दी गई शक्ति को लेकर चिंता जताते हुए सुझाव भी दिए हैं.

एक साथ चुनाव का प्रावधान करने वाले विधेयक को लेकर गठित संसदीय समिति को पहले ही अपने विचार से अवगत करा चुके भारत के पूर्व चीफ जस्टिस ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (ओएनओई) की अवधारणा की संवैधानिकता का समर्थन किया है, लेकिन निर्वाचन आयोग को दी गई शक्ति सहित विधेयक के विभिन्न पहलुओं को लेकर चिंता जताते हुए सुझाव भी दिए हैं.

भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) रह चुके न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने संयुक्त संसदीय समिति को सौंपी अपनी राय में विपक्ष की इस आलोचना को खारिज कर दिया है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव का एक साथ होना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है.

संविधान में नहीं लिखी ये बात

उन्होंने कहा कि संविधान में कहीं भी राष्ट्रीय और राज्य चुनावों को अलग-अलग कराने की बात नहीं कही गई है. हालांकि, संसदीय समिति को सौंपी गई राय के अनुसार, प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन कानून में निर्वाचन आयोग को ‘विवेक के प्रयोग के लिए कोई दिशानिर्देश निर्धारित किए बिना’ दी गई ‘व्यापक शक्तियों’ पर सवाल उठाने में वह एक अन्य पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के साथ शामिल हो गए.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ और एक अन्य पूर्व सीजेआई जे. एस. खेहर 11 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पी. पी. चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष पेश होने वाले हैं, ताकि सदस्य उनसे विधेयक के प्रावधानों पर बातचीत कर सकें और अपने प्रश्नों पर उनके विचार जान सकें.

चुनाव आयोग को दी जाने वाली व्यापक शक्तियों पर उठाए सवाल

विधेयक में चुनाव आयोग को दी जाने वाली व्यापक शक्तियों पर सवाल उठाते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘असीमित अधिकार चुनाव निकाय को राज्य विधानसभा के कार्यकाल की संवैधानिक रूप से अनिवार्य 5 साल की अवधि को कम करने या बढ़ाने में सक्षम बना सकता है. खासकर इस बहाने कि लोकसभा के साथ एक साथ चुनाव व्यवहार्य नहीं हैं.'

उन्होंने कहा कि संविधान को उन परिस्थितियों को परिभाषित, चित्रित और संरचित करना चाहिए, जिनके तहत ईसीआई इस शक्ति का प्रयोग कर सकता है. दो पूर्व सीजेआई, न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई क्रमशः फरवरी और मार्च में समिति के समक्ष पेश हुए थे. सूत्रों ने कहा है कि बातचीत के दौरान न्यायमूर्ति गोगोई ने बताया कि आयोग को दी गई अत्यधिक शक्ति के संबंध में कुछ सदस्यों की चिंता से वह सहमत हैं.

क्रम से कराए जाने चाहिए चुनाव

न्यायमूर्ति ललित ने सुझाव दिया था कि चुनाव एक साथ नहीं, बल्कि क्रम से कराए जाने चाहिए, क्योंकि चुनाव चक्रों को समकालिक बनाने के उद्देश्य से बची हुई विधानसभाओं के कार्यकाल को काफी छोटा करने को कानूनी रूप से चुनौती दी जा सकती है. हालांकि, तीनों पूर्व चीफ जस्टिस ने एक साथ चुनाव की अवधारणा की संवैधानिकता पर सवाल नहीं उठाया है.

मतदाताओं को बहकाने की साजिश

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपनी लिखित राय में कहा कि एक साथ चुनाव कराने से प्रतिनिधियों को चुनने के मतदाताओं के अधिकार का हनन नहीं होगा और यह विधेयक सुनिश्चित करता है कि मतदाताओं का प्रतिनिधित्व उनके विधिवत निर्वाचित सांसदों या विधायकों की तरफ से निरंतर किया जाता रहे. एक साथ चुनाव कराने का विरोध करने वाले तर्क इस बात पर आधारित है कि भारतीय मतदाता भोले-भाले हैं और उन्हें आसानी से बहकाया जा सकता है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘यह तर्क कि क्रमिक चुनाव संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा हैं (संघवाद या लोकतंत्र के सिद्धांतों का हिस्सा) सही नहीं है. चुनावों के क्रमिक समय को मूल संविधान की विशेषता नहीं माना जा सकता, इसे अपरिवर्तनीय विशेषता मानना तो दूर की बात है.’

एक साथ चुनाव कराने से छोटी पार्टियों को खतरा

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की राय विधेयक की कुछ विशेषताओं को लेकर या इसे लागू किए जाने पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों के बारे में सावधानी बरतने से रहित नहीं हैं. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि एक साथ चुनाव कराने से बेहतर संसाधन वाली राष्ट्रीय पार्टियों के प्रभुत्व के कारण छोटी या क्षेत्रीय पार्टियां हाशिए पर चली जाएंगी.

उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण नीतिगत पहलू है जिस पर विधायी रूप से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. राजनीतिक दलों के बीच समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए, चुनावी प्रचार को नियंत्रित करने वाले नियमों, विशेष रूप से चुनाव प्रचार पर खर्च से संबंधित नियमों को मजबूत किया जाना चाहिए.

तय सीमा से अधिक पैसे खर्च करती है पार्टी

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और चुनाव संचालन नियम, 1961, चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार की तरफ से खर्च की जाने वाली राशि पर अधिकतम सीमा तय की गई है, लेकिन खुद राजनीतिक दलों की तरफ से किए जाने वाले व्यय पर इस तरह की कोई सीमा नहीं है. विनियमन में यह अंतर चुनावी प्रक्रिया में अधिक वित्तीय संसाधनों वाले दलों के पक्ष में जाता है.

ये भी पढ़ें:- अफवाहों पर न दें ध्यान! चुनाव आयोग बोला- बिहार में वोटर लिस्ट अपडेशन की प्रक्रिया में नहीं किया कोई बदलाव

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'आखिरकार भारत ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर में...', चव्हाण का बयान सुनकर इतराने लगे पाकिस्तानी
'आखिरकार भारत ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर में...', चव्हाण का बयान सुनकर इतराने लगे पाकिस्तानी
दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों के लिए कल से लागू होंगे सख्त नियम, जान लें पूरी बात
दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों के लिए कल से लागू होंगे सख्त नियम, जान लें पूरी बात
इधर कांग्रेस ने जारी किया संसद सत्र के लिए व्हिप, उधर जर्मनी पहुंच गए राहुल गांधी, सामने आई तस्वीर, जानें क्या कह रही BJP
इधर कांग्रेस ने जारी किया संसद सत्र के लिए व्हिप, उधर जर्मनी पहुंच गए राहुल गांधी, सामने आई तस्वीर, जानें क्या कह रही BJP
IPL Auction 2026: पार्थिव पटेल ने कहा- इस खिलाड़ी पर गुजरात टाइटंस की बहुत पहले से नजर थी, जानिए कौन है वो
पार्थिव पटेल ने कहा- इस खिलाड़ी पर गुजरात टाइटंस की बहुत पहले से नजर थी, जानिए कौन है वो

वीडियोज

HDFC Bank का बड़ा दांव: IndusInd Bank में 9.5% हिस्सेदारी, RBI से मिली हरी झंडी| Paisa Live
PM Modi Ethiopia Visit: इथियोपिया में पीएम को मिला सर्वोच्च सम्मान.. जताया आभार | PM Modi
Delhi Pollution Emergency: Delhi सरकार का बड़ा फैसला, श्रमिकों को 10 हजार की मदद
Trump के 50% Tariffs Fail , November में India का Export Blast | Trade Deficit Lowest | Paisa Live
Insurance Companies के लिए बड़ा Game-Changer Bill | India में Foreign Investment का रास्ता साफ

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'आखिरकार भारत ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर में...', चव्हाण का बयान सुनकर इतराने लगे पाकिस्तानी
'आखिरकार भारत ने माना कि ऑपरेशन सिंदूर में...', चव्हाण का बयान सुनकर इतराने लगे पाकिस्तानी
दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों के लिए कल से लागू होंगे सख्त नियम, जान लें पूरी बात
दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों के लिए कल से लागू होंगे सख्त नियम, जान लें पूरी बात
इधर कांग्रेस ने जारी किया संसद सत्र के लिए व्हिप, उधर जर्मनी पहुंच गए राहुल गांधी, सामने आई तस्वीर, जानें क्या कह रही BJP
इधर कांग्रेस ने जारी किया संसद सत्र के लिए व्हिप, उधर जर्मनी पहुंच गए राहुल गांधी, सामने आई तस्वीर, जानें क्या कह रही BJP
IPL Auction 2026: पार्थिव पटेल ने कहा- इस खिलाड़ी पर गुजरात टाइटंस की बहुत पहले से नजर थी, जानिए कौन है वो
पार्थिव पटेल ने कहा- इस खिलाड़ी पर गुजरात टाइटंस की बहुत पहले से नजर थी, जानिए कौन है वो
Dhurandhar की फैन हुईं प्रीति जिंटा, बोलीं- 'ये हर देशभक्त के लिए लव लेटर है'
Dhurandhar की फैन हुईं प्रीति जिंटा, बोलीं- 'ये हर देशभक्त के लिए लव लेटर है'
'पैसा है तो सब हो सकता है
'पैसा है तो सब हो सकता है" विधायक के बेटे ने मंदिर के गर्भगृह में रचाई शादी- आग बबूला हुए यूजर्स, वीडियो वायरल
Sleep Structure: 8 घंटे लगातार सोना सही या छोटे-छोटे गैप में नींद लेना, आपकी बॉडी के लिए कौन-सा तरीका बेहतर?
8 घंटे लगातार सोना सही या छोटे-छोटे गैप में नींद लेना, आपकी बॉडी के लिए कौन-सा तरीका बेहतर?
ट्रेन का टिकट वेटिंग रहेगा या कंफर्म होगा, अब 10 घंटे पहले लग जाएगा पता, रेलवे ने किया बड़ा बदलाव
ट्रेन का टिकट वेटिंग रहेगा या कंफर्म होगा, अब 10 घंटे पहले लग जाएगा पता, रेलवे ने किया बड़ा बदलाव
Embed widget