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Exclusive: मनसुख हिरेन मौत मामले में सचिन वाजे ने दी एंटीसिपेटरी बेल एप्लीकेशन, जानें इसमें क्या कुछ कहा है?
सूत्रों के मुताबिक, एंटीसिपेटरी बेल एप्लीकेशन में सचिन वाजे ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत और अफवाह बताया है. उन्होंने कहा कि एफआईआर में जो आरोप लगाए गए हैं उसका कोई आधार नहीं है.
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मुंबई: मनसुख हिरेन मौत मामले में मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे विवादों में हैं. मनसुख हिरेन की पत्नी ने सचिन वाजे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वाजे ने अब महाराष्ट्र एटीएस की गिरफ्तारी से बचने के लिए ठाणे सेशंस कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल एप्लीकेशन दायर की है. सूत्रों की मानें तो यह एप्लीकेशन उन्होंने कल यानी 12 मार्च को दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी को लेकर कोई भी राहत नहीं दी है.
सचिन वाजे ने एप्लीकेशन में क्या लिखा है?
जो भी आरोप एफआईआर में लगाये गए हैं वो गलत हैं और सिर्फ अफवाह हैं.
पहली जानकारी (FIR) के मुताबिक जो आरोप हैं उसका कोई भी आधार नहीं है. इन आरोपों के आधार पर किसी भी नागरिक को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.
उस एफआईआर में कोई ठोस सबूत नहीं है. न ही अब तक की जांच में ऐसा कुछ मिला है जो यह साबित करे कि यह हत्या है.
एफआईआर में भी आरोपी के कॉलम है, वहां पर अज्ञात आदमी लिखा हुआ है.
अर्जदार (वाजे) ठाणे में कई सालों से रह रहे हैं और वो मनसुख के ग्राहक थे. सिर्फ जान पहचान थी, इससे ये नहीं साबित होता जो आरोप एफआईआर में लिखा है वह सही है.
मैं इस जांच में किसी भी अपराध को छुपाने (जैसा कि आरोप लग रहा है) के लिए शामिल नहीं हुआ था. वाजे से 8 मार्च के दिन करीब 8 घंटे तक पूछताछ की गई उस समय एक्सपर्ट सीनियर अधिकारियों की टीम और खुद डीसीपी मौजूद थे. उस समय वाजे ने बताया कि जिस समय यह कथित हत्या हुई उस समय वो साउथ मुंबई के डोंगरी इलाके में थे. उस समय किसी भी तरह का शक वाजे पर नहीं हुआ कि वो इस तरह कर सकते हैं (यानी कि मनसुख की हत्या). किसी को ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे ये पता चल सके कि यह हत्या वाजे ने किसी मकसद या किसी फायदे के लिए किया होगा.
4 मार्च को पूरे दिन वाजे साउथ मुंबई में थे उसके बाद 4 और 5 मार्च की रात को किसी ऑपरेशन के लिए डोंगरी इलाके में थे. इसके सबूत भी मिले हैं. डोंगरी पुलिस स्टेशन में एंट्री होने के स्टेशन डायरी में रिकॉर्ड भी मिले हैं.
न्यूज़ और सोशल मीडिया पर वाजे के इंवॉलमेंट को लेकर कई अटकले लगाई जा रही हैं जिसका कोई आधार नहीं है और अनवेरिफाइड हैं. जो शायद एजेंसी को उनके नतीजों में बदलाव करने के लिए प्रेशराइज कर सकते हैं, जिस वजह से वाजे ने एबीए फाइल की है.
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