ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग रैकेट में ED का बड़ा एक्शन, लग्जरी गाड़ियां, करोड़ों कैश और 6 करोड़ के सोने के गहने जब्त
Online Betting and Gaming Racket: ED ने पाया कि बेटिंग साइट्स से आने वाला पैसा पहले फेक अकाउंट्स में जाता था. इन्हें वीरेंद्र का भतीजा प्रुथ्वी एन राज उर्फ अप्पु संभालता था.

ED ने 2 सितंबर 2025 को बेंगलुरु और चलकेरे में कई ठिकानों पर छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की. ये केस चित्रदुर्ग के एमएलए के.सी. वीरेंद्र और उनके साथियों से जुड़ा है, जिन पर गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग के जरिए पब्लिक से ठगी करने का आरोप है.
छापेमारी के दौरान ईडी ने 5 लग्जरी गाड़ियां (जिनमें Mercedes Benz भी शामिल है जब्त की. इन गाड़ियों के वीआईपी नंबर थे – KA 50 MB 0003, KA 09 ML 0003, KA 53 MD 0003, KA 53 MH 0003, KA 16 P 0003 और KA 02 MU 5267.
करीब 55 करोड़ की रकम फ्रीज
इसके अलावा ED ने करीब 55 करोड़ की रकम को फ्रीज किया है. इसमें से लगभग 40.69 करोड़ 9 बैंक अकाउंट्स और 1 डिमैट अकाउंट से जुड़े हैं, जबकि करीब 14.46 करोड़ 262 फर्जी खातों से निकाले गए है. इन अकाउंट्स का इस्तेमाल उन पैसों को घुमाने में किया गया जो बेटिंग वेबसाइट्स से जमा किए जाते थे. इससे पहले 28 अगस्त 2025 को ED ने वीरेंद्र की कस्टडी 7 दिन और बढ़ाई थी. उस समय हुई छापेमारी में 12 करोड़ नकद, 6 करोड़ के सोने के गहने, करीब 10 किलो चांदी और 4 गाड़ियां जब्त की गई थी.
क्या है पूरा मामला
जांच में सामने आया है कि वीरेंद्र कई ऑनलाइन बेटिंग साइट्स जैसे King567, Raja567, Lion567 चला रहे थे. सिर्फ एक पेमेंट गेटवे से ही करीब 2000 करोड़ का लेन-देन हुआ है. ED को शक है कि दुबई से भी इनका बड़ा नेटवर्क ऑपरेट हो रहा है. वीरेंद्र के भाई के.सी. थिप्पेस्वामी दुबई में Diamond Softech, TRS Technologies और Prime9 Technologies नाम की कंपनियां चला रहे है. इसके अलावा कईं और कंपनियां जैसे Castle Rock Project Management Services और Lascaux Core Project Management Services भी सामने आई हैं, जो बेटिंग और कॉल सेंटर बिजनेस से जुड़ी बताई जा रही हैं.
ED ने पाया कि बेटिंग साइट्स से आने वाला पैसा पहले फेक अकाउंट्स में जाता था. इन्हें वीरेंद्र का भतीजा प्रुथ्वी एन राज उर्फ अप्पु संभालता था. ये पैसा लेयरिंग करके अलग-अलग रास्तों से घुमाया जाता और फिर हवाला के जरिए बाहर भेज दिया जाता था. ED का कहना है कि वीरेंद्र और उनके साथी अपने इस गैरकानूनी बिजनेस को ई-कॉमर्स का रूप देकर असली बिजनेस दिखाने की कोशिश कर रहे थे. फिलहाल ED की जांच जारी है और कई और खुलासे होने की संभावना है.
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Source: IOCL























