UPPCL पीएफ घोटाला मामले में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने की कार्रवाई, 7 आरोपी गिरफ्तार
इकोनॉमिक ऑफेंस विंग की कार्रवाई में पता चला है कि पंकज गिरी उर्फ नीशू को सबसे ज्यादा साढ़े सात करोड़ रुपये मिले हैं. 8.55 करोड़ रुपये एबीसी कंसल्टेंट में ट्रांसफर हुए हैं. यह पैसा अभी तक पकड़ से बाहर है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की डीएचएफएल पीएफ घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है. इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने कार्रवाई करते हुए ईओडब्ल्यू ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने डीएचएफएल के तत्कालीन रीजनल सेल्स मैनेजर अमित प्रकाश को गिरफ्तार किया है.
डीएचएफएल पीएफ घोटाला मामले को लेकर फ़र्ज़ी शेयर ब्रोकर फर्म मालिक मनोज कुमार अग्रवाल, विकास चावला, संजय कुमार, पंकज गिरी उर्फ नीशू को भी गिरफ्तार किया गया है.
यूपीपीसीएल की ओर से मिले ब्रोकरेज के पैसों को 6 फर्मों में डायवर्ट करने वाले अरुण जैन को भी गिरफ्तार किया गया है. अरुण जैन पेशे से टैक्स कंसल्टेंट हैं. इस मामले में कार्रवाई करते हुए चार्टड एकाउंटेंट श्याम अग्रवाल को भी अरेस्ट कर लिया गया है.
इकोनॉमिक ऑफेंस विंग की कार्रवाई में पता चला है कि पंकज गिरी उर्फ नीशू को सबसे ज्यादा साढ़े सात करोड़ रुपये मिले हैं. 8.55 करोड़ रुपये एबीसी कंसल्टेंट में ट्रांसफर हुए हैं. यह पैसा अभी तक पकड़ से बाहर है.
पीएफ घोटाला मामले में अभी तक पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस सभी आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है.
क्या है घोटाला?
बता दें कि यूपी पॉवर कॉर्पोरेशन के कर्मचारियों की भविष्यनिधि (पीएफ) के करीब 2600 करोड़ रुपये को कथित तौर पर अनियमित तरीके से निजी संस्था डीएचएफएल में निवेश किए जाने का खुलासा हुआ है.
इससे पहले यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष लल्लू सिंह ने कहा कि बिजली कर्मचारियों के पीएफ के पैसे डीएचएफएल में निवेश करने का मामला सिर्फ भ्रष्टाचार ही नहीं है बल्कि ये देश की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है.
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Source: IOCL























