Supreme Court: 'एकदूसरे को खुलेआम इतना प्यार ना दिखाएं, तुषार मेहता और दुष्यंत दवे को सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी ये सलाह?
Supreme Court Advocates: सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वह एडवोकेट दुष्यंत दवे की तरह नहीं चिल्ला सकते हैं. इसके बाद दोनों में थोड़ी बहस हो गई.

Dushyant Dave-Tushar Mehta: अक्सर अदालतों में अपने मुवक्किल का पक्ष रखते हुए वकीलों में बहस हो जाती है,लेकिन कभी-कभी यह बहस कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है. ऐसा ही एक वाकिया सोमवार (11 जुलाई, 2023) को सुप्रीम कोर्ट में देखने को मिला. उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोजर कार्रवाई को लेकर चल रहे एक मामले में अपना पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे के बीच जोरदार बहस हो गई. दोनों वकीलों के बीच बहस बढ़ती देख कोर्ट ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'आप खुलेआम एक-दूसरे के लिए इतना प्यार मत दिखाया कीजिए.'
सुप्रीम कोर्ट में क्यों की ये टिप्पणी
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जेबी पारदिवाला की बेंच कर रही थी. इस दौरान, वकीलों में बहस शुरू हो गई और जब माहौल गरमाने लगा तो कोर्ट ने कहा, "आप दोनों एक-दूसरे के लिए इतना प्यार और स्नेह मत दिखाया कीजिए. हमारा आपसे बस ये एक आग्रह है."
दोनों के बीच क्यों हो गई थी बहस
दुष्यंत दवे ने कोर्ट में कहा कि इस समय बुलडोजर कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी का ट्रेंड बन गया है. इस दौरान, उनकी आवाज थोड़ी ऊंची हो गई. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि वह दवे की तरह चिल्ला नहीं सकते हैं.
एसजी ने आगे कहा कि बिना तैयारी के ऐसे दावे करना गलत है और कोर्ट को इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि वह अपनी हताशा की वजह से इस तरह की बातें कर रहे हैं. दवे ने जवाब देते हुए कहा, "मेरे दोस्त मिस्टर मेहता मुझे 40 सालों से जानते हैं और फिर भी वह इस बात को नहीं मान रहे कि मैं ऊंची-आवाज में ही बात करता हूं. वह बार-बार कहते हैं कि मैं चिल्लाता हूं." दोनों वकीलों के बीच हो रही इस बहस पर कोर्ट की ओर से यह टिप्पणी आई है. इसके बाद वहां मौजूद एक और वकील संजय हेगडे ने कहा कि कोर्ट के बाहर भी वर्बल बुलडोजर रख दिया जाना चाहिए.
इस मामले में हो रही थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट जमियत उलमा-ई-हिंद की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें प्रयागराज में कई लोगों पर हुई यूपी सरकार की बुलडोजर कारर्वाई को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया की एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों की प्रॉपर्टी को बुलोडजर से गिरा दिया गया.
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