Delhi: किराया बढ़ाने पर नाराज टैक्सी-ऑटो चालक, यूनियन की मांग- CNG के रेट कम हों या सब्सिडी मिले
Delhi News: दिल्ली सरकार ने टैक्सी-ऑटो के किराये में इजाफा कर दिया है. इसके लिए नोटिफिकेशन जारी होना बाकी है. किराया बढ़ोतरी पर एबीपी न्यूज ने चालकों से लेकर सवारियों और मंत्री तक के रिएक्शन लिए.

Delhi Taxi-Auto Fare Hike: दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने शुक्रवार (28 अक्टूबर) को टैक्सी और ऑटो के किराये (Taxi-Auto Fare) में बढ़ोतरी की. इसके बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) पर टैक्सी (Taxi) और ऑटो चालकों (Auto Drivers) में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.
नाराज टैक्सी और ऑटो चालकों का कहना है कि किराया बढ़ने (Fare Hike) से नुकसान होगा, सीएनजी (CNG) के रेट या तो कम हों या सब्सिडी (Subsidy) मिले. यही मांग टैक्सी और ऑटो यूनियन (Taxi and Auto Union) की ओर से भी की गई है. टैक्सी यूनियन के प्रेसिडेंट ने कहा, ''आने वाले दिनों में दिल्ली में चक्का जाम किया जाएगा और इस सौतेले व्यवहार का खामियाजा दिल्ली सरकार को आने वाले एमसीडी चुनाव (MCD Election) में भुगतना पड़ेगा.''
वहीं कुछ चालकों ने दिल्ली सरकार के किराया बढ़ाने वाले कदम को अच्छा बताया. एबीपी न्यूज ने आम आदमी के बीच से भी प्रतिक्रियाएं लीं. कुछ लोगों ने कहा कि सीएम केजरीवाल कोई काम करते हैं तो चुनाव को ध्यान में रखकर करते हैं.
कितना बढ़ा किराया?
नए किराये के तहत अब टैक्सी में शुरुआती एक किलोमीटर का मीटर डाउन किराया 25 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है. नॉन एसी टैक्सी में 1 किमी के बाद का किराया 14 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये प्रति किलोमीटर किया गया है जबकि एसी टैक्सी में यह 16 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है. ऑटो में शुरुआती डेढ़ किलोमीटर के लिए मीटर डाउन किराया मीटर 25 रुपये के बजाय 30 रुपये प्रति किमी कर दिया गया है. इसके बाद प्रति किलोमीटर किराया साढ़े नौ के बजाय 11 रुपये देना होगा.
दिल्ली में टैक्सीवालों का रिएक्शन
एबीपी न्यूज ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कई टैक्सी वालों से बात की. 18 साल से टैक्सी चला रहे रमाकांत सिंह ने कहा, ''जब 2004 में टैक्सी चलानी शुरू की थी तो 13 रुपये कीमत थी और अभी बीते 6 महीने में सीएनजी 45-46 रुपये से बढ़कर करीब 80 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई. हम किराया नहीं बढ़ाना चाहते क्योंकि आम पब्लिक को दिक्कत होगी, बस सीएनजी का रेट कम हो जाए. अब किराया बढ़ा दिया और पब्लिक नहीं जाएगी. इस बढ़े हुए किराए से हमारा नुकसान हो रहा है. अब जो एकाध सवारी पूरे दिन में मिलती थी वो भी नहीं मिलेगी. आम पब्लिक के ऊपर भार पड़ेगा. अगर सीएनजी के रेट कम हो जाएंगे तो आराम से काम करेंगे. सीएनजी के रेट कम हो जाएं तो किराया नहीं बढ़ाना पड़ेगा.''
रमाकांत ने आगे कहा, ''रेट कम होगा तो पैसेंजर मिलेगा और हम ज्यादा गाड़ी चलाएंगे, बेनिफिट होगा. हम तो सुबह 4 बजे के आए हुए हैं लेकिन अब तक बोहनी नहीं हुई है.'' टैक्सी चालक सुभाष ने कहा, ''किराया एमसीडी चुनाव को देखते हुए बढ़ाया गया है. सरकार की मंशा ठीक नहीं, वोट के लिए काम कर रही. इनको वोट से मतलब है. अभी तक इन्हें ख्याल नहीं आया, अभी तक कहां थे जब सीएनजी 80 रुपये किलो पर पहुंच गई. अब सीएनजी का रेट कम कर दो और हमारा किराया न बढ़ाओ.''
इसी तरह की प्रतिक्रिया 25 वर्षों से टैक्सी चला रहे रोहतास ने भी दी. रोहतास ने कहा, ''हम किराया बढ़ने के फेवर में नहीं हैं, हम 25 साल से टैक्सी चला रहे हैं. सीएनजी के दाम कम कर दें, जो पब्लिक को भी जोर नहीं पड़ेगा हमें भी किराया नहीं बढ़ाना पड़ेगा.''
कुछ लोगों ने किया किराया बढ़ने का स्वागत
एक चालक ने कहा, ''गैस का रेट बढ़ गया इसलिए सरकार ने किराया बढ़ाया है. इससे हमें फायदा होगा. जब किराया ज्यादा होगा तो ज्यादा ही मिलेगा. एमसीडी चुनाव का नहीं है, पीछे गैस के रेट काफी समय से बढ़ रहे हैं. मांग थी कि किराया बढ़ना चाहिए, इसलिए बढ़ाया गया है.''
टैक्सी से सफर करने वाले आलोक गुप्ता नाम ने कहा, ''ग्लोबल मार्केट में रेट बढ़ रहे हैं तो सही है ये लेकिन केजरीवाल कोई काम करता है तो इलेक्शन को ध्यान में रखकर करता है. अगर उनको खुश कर रहा है तो दूसरे नाराज होंगे और जनता पर असर पड़ेगा.''
दिल्ली टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष ने यह कहा
दिल्ली टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने कहा, ''दिल्ली सरकार ने साजिश की है, ये दिल्ली के टैक्सी चालकों को बेराजगार करना चाहते हैं. इलेक्ट्रिक गाड़ियां ला रहे हैं और रेट इतना बढ़ा रहे कि सवारी बैठेगी नहीं. ओला उबर की गाड़ियां 6 रुपये किलोमीटर के हिसाब से एसी में चल रही है तो टैक्सी में कौन बैठेगा? हमने 9 अप्रैल को जंतर मंतर पर अनशन किया था फिर दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हैं कि हमें बढ़े हुए रेट नहीं चाहिए, हमें सीएनजी में सब्सिडी चाहिए. जैसे पानी-बिजली और महिलाओं को डीटीसी बस मुफ्त है तो हम भी दिल्ली के लोग हैं, दिल्ली सरकार बनाने वाले ऑटो टैक्सी वाले हैं. जिस प्रकार का सौतेला व्यवहार ये सरकार कर रही है, आने वाले एमसीडी चुनाव में इनको भुगतना पड़ेगा.''
टैक्सी यूनियन के प्रेसिडेंट ने आगे कहा, ''हम रोड जाम कर देंगे. दिल्ली के लोगों को दिक्कत होगी तो वो दिल्ली सरकार की वजह से होगी क्योंकि अगर हम भूखे मरेंगे तो सरकार को बता देंगे कि सजा आपको भी मिलेगी. ये सरकार की तरफ से उल्टा कदम उठाया गया है. ये सरकार ऑटो टैक्सी वालों ने ही बनाई थी. किसी ने इन्हें गलत सलाह दे दी कि एमसीडी चुनाव के समय किराया बढ़ाया जाए. इसकी कीमत इन्हें एमसीडी में चुकानी पड़ेगी अगर इन्होंने सब्सिडी नहीं दी.''
ऑटो चालकों का क्या कहना है?
ऑटो चालक सुरेंद्र ने कहा, ''किराया न बढ़ाकर सरकार गैस पर सब्सिडी दे, पहले ही किराया जो बढ़ा हुआ है उस पर सवारी पैसे नहीं देती है तो आगे किराया बढ़ने से कहां देगी. महंगाई से सवारी नहीं बैठ रही.'' अशोक कुमार ने कहा, ''29 साल से ऑटो चला रहे हैं, जब गैस की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी तभी से हमारी मांग थी कि किराया बढ़ना चाहिए, अब बढ़ा है तो अच्छा है, हमारे लिए फायदा होगा. जो गैस हम 130-140 रुपये की भरवाते थे वो अब 300-320 रुपये की भरवा रहे हैं, गाड़ी की किराया 400 से बढ़कर 600 रुपये हो गया है.''
अभिप्राय तिवारी, जो ऑटो लेने जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि सारी कीमतें एक दूसरे से जुड़ी हुई है. ऑटो वालो का मार्जिन शायद थोड़ा सही. हमारे ऊपर बोझ पड़ेगा. हर बढ़ती घटती कीमत का चुनाव से लिंक हो सकता है, चुनाव के समय ही हर फैसले होते हैं.
ऑटो रिक्शा यूनियन के जनरल सेक्रेटरी ये बोले
वहीं, ऑटो रिक्शा यूनियन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र सोनी ने सरकार के इस फैसले को एमसीडी चुनाव को देखते हुए ड्रामेबाजी करार दिया और कहा कि जब आप की 49 दिन की सरकार बनी थी तब इन्हें ऑटो वालों की जरूरत थी और इन्होंने सीएनजी के रेट 15 रुपये कम कर दिए थे. अब हम किराया बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं. बस ऑटोवालों को 35 रुपये में सीएनजी मिल जाए.
राजेंद्र ने कहा, ''सरकार का नया चेहरा सामने आया है, जो 49 दिन की सरकार थी वो अब नहीं है. गुजरात में ये सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि दिल्ली में ऑटो वालों के लिए काम किया. अगर केजरीवाल सरकार में हिम्मत है तो किसी भी यूनियन के सामने सामने बात करें. इन्होंने हमें बेरोजगार कर दिया, रोटी रोजी छीन ली, ओला उबर की मोटर साइकिल चलवा दी. हम ऑटो वाले पहले इनकी बातों में आ गए थे लेकिन अब 99 फीसदी ऑटो-टैक्सी वाले इनके खिलाफ हो गए हैं.''
दिल्ली के परिवहन मंत्री ने बताई किराया बढ़ाने की वजह
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, ''बहुत समय से ऑटो-टैक्सी चालकों की मांग थी कि किराये में बढ़ोतरी की जानी चाहिए. ये मांग इसलिए भी बढ़ गयी थी क्योंकि लगातार सीएनजी और पैट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. सीएनजी का रेट तीन गुना तक बढ़ गया है पहले के मुकाबले. ऐसे में सरकार ने ये फैसला लिया कि किराये में अब बढ़ोतरी की जाए. वैसे भी काफी समय से किराया नहीं बढ़ा था तो इस बार ये बढ़ाया गया है, जल्द ही एक नोटिफिकेशन जारी होगा और फिर ये लागू हो जाएगा.''
नगर निगम चुनाव के मद्देनजर ऑटो-टैक्सी चालकों को फायदा पंहुचाने के लिए किराया बढ़ाने के सवाल पर परिवहन मंत्री ने कहा, ''बहुत पहले से ऑटो-टैक्सी वाले मांग कर रहे थे और तकरीबन पांच महीने पहले से इस पर काम किया जा रहा था. इसे चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.''
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